महाभारत में अंगदेश का वर्णन मिलता है[1] जिसके अनुसार यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित था। [2] महाभारत में सूर्य देवता का पुत्र कर्ण अंगदेश का राजा था।[3]

अंगदेश राज्य के धनवान होने की कथा संपादित करें

अंगदेश पहले राजा jarasandh ]] का दास था क्योकि अंग का कोई राजा नहीं था।[4] जब दुर्योधन ने कर्ण को राजा बनाया तो लोग कहने लगे कि अंगदेश का राजा बनना मतलब मृत्यु के मुख में जाना है। कर्ण अंगदेश गया व यह जाना कि लोग इसलिए यह कहे है क्योकि अंगदेश को जरासंध का डर था। तो कर्ण ने जरासंध को हराया व देवता कुबेर की सहायता से अंगदेश को धनवान बनाया। पहले अंगदेश में धन, कपड़ा, घर, भोजन, सेना व बहुत वस्तुओं की कमी थी लेकिन कुबेर के वरदान के बाद अंगदेश में धन, कपड़ा, घर, भोजन व दो अक्षौहिणी सेना का निर्माण हुआ अर्थात् अंगदेश को धनवान बनाने में कर्ण का हाथ था।[5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. LLC, General Books (2010). Kingdoms in Ramayan: Kosala Kingdom, Kasi Kingdom, Anga Kingdom, Kekeya Kingdom, Heheya Kingdom, Gandhara Kingdom, Kishkindha, Videha, Lanka (अंग्रेज़ी में). General Books LLC. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781155859330. मूल से 15 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2018.
  2. Raychaudhuri, Hemchandra (1953). Political History of Ancient India: From the Accession of Parikshit to the Extinction of Gupta Dynasty. p. 106.
  3. Miller, Frederic P.; Vandome, Agnes F.; McBrewster, John (2010). Anga Kingdom (अंग्रेज़ी में). VDM Publishing. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9786130659073. मूल से 15 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2018.
  4. Māthura, Vijayendra Kumāra (1990). Aitihāsika sthānāvalī. Rājasthāna Hindī Grantha Akādamī. मूल से 28 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2018.
  5. Kohli, Narendra (1988). Mahāsamara: Adhikāra. Vāṇī Prakāśana. मूल से 28 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2018.

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