अंबादान रोहड़िया
प्रो अंबादान रोहड़िया एक प्रतिष्ठित लेखक, आलोचक, और डिंगल, गुजराती और राजस्थानी के विद्वान हैं और उन्हें चारण साहित्य व गुजरात के लोक साहित्य में दक्षता के लिए जाना जाता है। वे वर्णनात्मक चारण ग्रंथों के शोध कार्य और प्रकाशन में लगभग चार दशकों से एकाग्रित हैं। एक अकादमिक के रूप में, अंबादान सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में गुजराती के प्रोफेसर रहे और मेघाणी लोक साहित्य केंद्र के निदेशक के रूप में अध्यक्षता की, जो प्रतिवर्ष झवेरचंद मेघाणी पुरस्कार प्रदान करता है। [1] [2] [3] [4]
डॉ अंबादान रोहड़िया | |
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स्थानीय नाम | અંબાદાન રોહડિયા |
पेशा | |
भाषा | |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | |
उच्च शिक्षा | सौराष्ट्र विश्वविद्यालय |
खिताब | गुजरात साहित्य अकादमी पुरस्कार (2020) कविश्री दुला काग लोकसाहित्य पुरस्कार (2004) |
कैरियर
संपादित करेंअंबादान एक पारंपरिक चारण परिवार में पले-बढ़े। उन्होंने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में साहित्य भवन में एक रीडर के रूप में शुरुआत की, जहाँ उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री पूरी की। वे गुजराती विभाग में एक नियमित आगंतुक थे, जिसमें गुजराती चारण साहित्य की 12 हजार से अधिक पांडुलिपियाँ थीं। आरंभ में, वह रतुदान रोहड़िया और कवि दाद के संपर्क में आए, जिन्होंने चारण पांडुलिपियों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रयासों का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय में हजारों पांडुलिपियों का विशाल संग्रह सम्पन्न हुआ। रतुदान के माध्यम से अंबादान इन पांडुलिपियों के शोध और संपादन में संलग्न हुए। [5] उन्होंने 16वीं शताब्दी के संत-कवि व 'जालंधर पुराण' और 'भृंगी पुराण' सहित अन्य ग्रंथों के सर्जक हरदास मीसण पर डॉक्टरेट की उपाधि पूरी की। उन्होंने महात्मा ईसरदास, आसाजी रोहड़िया और लांगीदास मेहड़ू सहित अन्य मध्यकालीन भक्त-कवियों पर भी अपना शोध केंद्रित किया। [6] सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में अंबादान ने चारण और जैन साहित्य पर विभिन्न प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू किए और चारण साहित्य और अध्ययन का एक अनूठा विभाग आरंभ करने का उनका प्रयास सफल रहा। 2004 के बाद से, उन्होंने इस विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया। [7] उन्हें 2011 में स्थापित झवेरचंद मेघाणी लोक साहित्य केंद्र का निदेशक नियुक्त किया गया। [8] [9] [10]
पदभार
संपादित करेंपद | संगठन | अवधि |
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निदेशक | झवेरचंद मेघाणी लोक साहित्य केंद्र | 2011—2021 |
सदस्य | विश्वविद्यालय ग्रंथ निर्माण बोर्ड | 2013—2018 |
सदस्य | सलाहकार बोर्ड-गुजराती, साहित्य अकादमी | 2013—2018 |
अध्यक्ष | इतिहास संकलन समिति-गुजरात | 2020 से |
अध्यक्ष | गुजराती शिक्षक संघ | 2019 |
विभागाध्यक्ष | चारण साहित्य विभाग, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय | 2004 से |
सम्मान
संपादित करें- कवि काग पुरस्कार (2004) [11]
- राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति अकादमी द्वारा प्रवासी राजस्थानी साहित्यकार सम्मान (2013) [12]
- गुजरात साहित्य अकादमी पुरस्कार - I - 'चारणी साहित्य विविध सन्दर्भे' (2020) हेतु
- गुजरात साहित्य अकादमी पुरस्कार - II - 'सभापर्व' हेतु
- गुजरात साहित्य अकादमी पुरस्कार - III - 'भृंगीपुराण' हेतु
- प्रमुख स्वामी शताब्दी वर्षगांठ (2022) में सम्मानित
प्रकाशित ग्रंथ
संपादित करें- चारणी साहित्य विमर्श (संशोधन – विवेचन), 1992
- कागआई माहात्म्य (संशोधन – संपादन), 1996
- चारणी साहित्य संदर्भ (विवेचन), 1998
- साहित्याभिमुख (विवेचन), 1999
- जालंधरपुराण -1 (संशोधन – संपादन), 1999
- अवगाहन (संशोधन विवेचन), 2000
- जालंधरपुराण-2 (संशोधन – संपादन), 2000
- अस्मिता अने अनुसंधान (संशोधन – विवेचन), 2001
- साहित्यने सीमाडे (संशोधन – विवेचन), 2002
- शब्दोपासना (संशोधन- विवेचन), 2003
- वाणी तो अमरत वदां (संपादन), 2003
- संशप्तक (संशोधन विवेचन), 2004
- भृंगीपुराण (संशोधन – विवेचन), 2005
- चारण कवि चरित्र (संपादन), 2006 आईएसबीएन 978-81-89495-50-3
- सोपान (संशोधन विवेचन), 2007
- चारणी साहित्य विभिन्न परिप्रेक्ष्य (संशोधन विवेचन), 2008
- चारणी साहित्य वारसो अने वैभव (संशोधन – विवेचन), 2008
- चारणी साहित्य: सर्जन अने भावन (संशोधन – विवेचन), 2008
- चारणी साहित्य पूजा अने परीक्षा (संशोधन – विवेचन), 2009
- भृंगीपुराण (संशोधन – संपादन), 2010
- शब्दायन (संशोधन विवेचन), 2011
- जालंधरपुराण (संपादन), 2016 आईएसबीएन: 978-9385593819
- चारणी साहित्य अने लोकसाहित्य (संशोधन – विवेचन), 2020 आईएसबीएन 978-93-89070-88-0
- चारणी साहित्य विविध संदर्भे (संशोधन – विवेचन), 2020 आईएसबीएन: 9789387908970
- चारणी साहित्य समीपे (2022)
- चारणी साहित्य: मणिमाला (2023) आईएसबीएन: 9789394649163
सह लेखक/संपादक
संपादित करें- आसाजी रोहड़िया (संशोधन- विवेचन) 1989
- लांगीदास महेडु कृत ‘संत स्मरण’ (संशोधन – संपादन) 1990
- सांयाजी झूला कृत ‘रुक्मिणीहरण’ (संशोधन – संपादन) 1992
- चारण सर्जक परिचय, भाग – 1 (संशोधन – विवेचन) 1995
- हरदास मिसण कृत ‘सभापर्व' (संशोधन – संपादन) 1998
- स्वर्ग भूलावुं शामळा (संशोधन – विवेचन) 1998
- अधीत -22/23 (सहसंपादन) 2000
- अधीत -24 (सहसंपादन) 2001
- अधीत -25 (सहसंपादन) 2003
- अधीत -26 (सहसंपादन) 2004
- हरिरस (सहसंपादन) 2005, 2019
- गुणनिंदा – स्तुति (सहसंपादन) 2005, 2019
- हाला झाला रा कुण्डळिया (सहसंपादन) 2005, 2019
- अधीत -27 (सहसंपादन) 2005
- अधीत -28 (सहसंपादन) 2006
- लोकसाहित्य -1 (सहलेखन) 2006
- लोकसाहित्य -2 (सहलेखन) 2007
- तुलनात्मक साहित्य (सहलेखन) 2007
- अधीत -29 (सहसंपादन) 2007
- कच्छ दर्शन (सहसंपादन) 2008, 2019
- उत्तर गुजरातनी लोकवार्ता: स्वाध्याय अने सर्वेक्षण (सहसंपादन) 2008
- ‘विचारभारती’ नो साहित्यकार परिचयांक (संपादन) 2009
- समिध -4 (संपादन) 2010
- ‘राजभाषा’ नो चारणी साहित्य विशेषांक (सहसंपादन) 2012
- अलगारीनी ओळख (संपादन) 2019
अग्रिम पठन
संपादित करें- बिपिन आशरा. 2011.'अंबादान रोहड़िया: परिचय अने प्रदान'
- पीएच.डी. शोधग्रंथ: भाविष्य उमरालिया. 2018.'अंबादान रोहड़िया - एक अध्ययन' [13]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ Media, Abtak (2020-01-15). "મોરારીબાપુના હસ્તે લાભશંકર પુરોહિતને ઝવેરચંદ મેધાણી અને ભારતી કુંચાલાને હેમુ ગઢવી એવોર્ડ અપાશે". Abtak Media (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-04-25.
- ↑ webpioneer. "કચ્છ પ્રત્યે જસવંતસિંહને ખાસ લગાવ હતો". www.kutchmitradaily.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-04-25.
- ↑ "Sahityasetu: ISSN 2249-2372". www.sahityasetu.co.in. अभिगमन तिथि 2023-04-25.
- ↑ "Deep Dive Into Gujarati Classics". Ahmedabad Mirror. 2023.
- ↑ जानी, बलवंतराय शांतिलाल (2018). "चारणी पांडुलिपिविज्ञान : स्वरूप-विमर्श" (PDF). मध्य भारती मानविकी एवं समाजविज्ञान की द्विभाषी शोध-पत्रिका. 75 (July–December): 7–23. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0974-0066.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा मंदिर: लखावत". Dainik Bhaskar. 2014. अभिगमन तिथि 26 April 2023.
- ↑ "डॉ. अंबादान खीमराजभाई रोहड़िया". Charan Shakti (अंग्रेज़ी में). 2023-03-01. मूल से 25 अप्रैल 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-04-25.
- ↑ "'Jhaverchand Meghani' chair at Saurashtra University". The Times of India. 2012-03-10. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-8257. अभिगमन तिथि 2023-04-26.
- ↑ "राजस्थानी भाषा को मान्यता से ही राजस्थान का विकास". mediamorcha.com. अभिगमन तिथि 2023-04-26.
- ↑ "Gujarat: Popular folk singer passes away at 75". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 2016-05-20. अभिगमन तिथि 2023-04-26.
- ↑ "Kag Award – Kavi Shree Dula Bhaya Kag" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-04-25.
- ↑ Rajasthan Mahila & Bal Vikas Vibhag Conductor Sidhi Bharti Pariksha. Upkar Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5013-639-3.
- ↑ "Ph.D. 2018: Ph.D. Registered candidate details" (PDF). BHAKTA KAVI NARSINH MEHTA UNIVERSITY, JUNAGADH. 2018.