अकबर के नवरत्न
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अकबर ने अपनी सत्ता के सुदृढ़ीकरण हेतु 9 विद्वानों की नियुक्ति की जिनमे ब्राह्मणों का बोलबाला था
अबुल फजलसंपादित करें
इनका पूरा नाम अबुल फजल इब्न मुबारक था | अबुल फजल (1551 - 1602) ने अकबर के शासन काल की प्रमुख घटनाओं को कलमबद्ध किया था। उन्होंने अकबरनामा और आइन-ए-अकबरी की रचना की थी। इनका जन्म आगरा में हुआ।इनकी हत्या सलीम ने करवाई थी वीरसिंह बुंदेला द्वारा। अबुल फजल ने पंचतंत्र का फारसी अनुवाद अनवर-ए-सादात नाम से किया।
इनके पिता का नाम शेख मुबारक था
शेख मुबारक ने ही 1579 ई० में महजरनामा नामक दस्तवेज का प्रारुप तैयार किया फिर इसको अकबर ने जारी किया
2.फ़ैज़ीसंपादित करें
फैजी(1547 - 1595) अबुल फजल के भाई थे जो फारसी में कविता लिखते थे और जिन्हें अकबर ने अपने बेटे के गणित शिक्षक के पद पर नियुक्त किया था। शेख अबु अल-फ़ैज़, प्रचलित नाम:फ़ैज़ी (24 सितंबर 1547, आगरा–5 अक्टूबर 1595, लाहौर) मध्यकालीन भारत का फारसी कवि था। इसने लीलावती तथा महाभारत और गीता जैसे ग्रंथो का फ़ारसी मे अनुवाद किया था।
3.तानसेनसंपादित करें
कवि तानसेन अकबर के दरबार के एक विलक्षण संगीतज्ञ थे। संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर के लिए कहावत प्रसिद्ध है कि यहाँ बच्चे रोते हैं, तो सुर में और पत्थर लुढ़कते हैं तो ताल में। मियां की मल्हार राग इन्होने बनाया था। इनके बचपन का नाम तन्ना मिश्रा या राम तनु पांडे था। तानसेन को दीपक राग का बहुत बड़ा ज्ञाता माना जाता था।
4.बीरबलसंपादित करें
बीरबल का वास्तविक नाम महेशदास था।
परम बुद्धिमान [राजा बीरबल](१५२८-१५८३) अकबर के विशेष-सलाहकार थे। हास्य-परिहास में इनके अकबर के संग काल्पनिक किस्से आज भी कहे जाते हैं। बीरबल कवि भी थे। ब्रह्म के नाम उन्होंने एक कवि के रूप में कविताएँ लिखी हैं जो भरतपुर संग्रहालय राजस्थान में सुरक्षित हैं। बीरबल बादशहाके नौरत्नो में से एक थे|
5.राजा टोडरमलसंपादित करें
राजा टोडरमल अकबर के राजस्व और वित्तमंत्री थे। इन्होंने भूमि-पैमाइश के लिए विश्व की प्रथम मापन-प्रणाली तैयार की थी। ये भरतपुर अलवर के पास हरसाना ग्राम के थे अकबर के राज्य कि पेमाइस इन्होने की थी। उत्तर प्रदेश राज्य के एकमात्र राजस्व प्रशिक्षण संस्थान,हरदोई का नाम इनके नाम पर राजा टोडरमल भूलेख प्रशिक्षण संस्थान रखा गया है जहांआईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस के अलावा राजस्व कर्मियों को भूलेख संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है।इन्होंने भूराजस्व की दहसाला पद्धति की शुरुआत की। उपाधि-राजा
6.राजा मानसिंहसंपादित करें
अकबर की सेना के प्रधान सेनापति महाराजा मानसिंह (जयपुर) के आमेर (आम्बेर) राजा भारमल के पुत्र थे।7000 मनसबदार थे। राज्य की रक्षा करते थे|or ye jodha bai ke bhai ke putra the or ye bahut imandar the inki bahen ka naam mann bai tha jo ki jodha bai ke bete yani jahangir ki begum thi or mann bai ka naam vivah ke baad shah begum hua mann singh raja Bhavan das ke putra yani jodha bhai ke bhai ke putra.
7.अब्दुल रहीम खान-ऐ-खानासंपादित करें
रहीम एक प्रतिष्ठित कवि थे और अकबर के संरक्षक बैरम खान के बेटे थे। इन्होंने नगर शोभा नामक रचना की । इन्होने बाबारनामा का फ़ारसी मे अनुवाद किया था।
8.हकीमहुक्कामसंपादित करें
फकीर अजिओं-दिन अकबर के निजी चिकित्सक(हकीम) थे। वह अकबर के नवरत्नों में से एक थे। ये अकबर के विश्वासप्त्र मित्र थे। कही कही पर फकीर अजीमोद्दीन को भी नवरंत बताया गया है
9.मुल्लाह दो पिअज़ासंपादित करें
मुल्लाह दो पिअज़ा अकबर के अमात्य थे।[तथ्य वांछित] यह बात को काटने के लिए काफी प्रसिद्ध थे तथा यह प्याज खाने के भी सौकिन थे। ये रसोइया थे मुलला दो प्याजा की मजार हरदा मध्यप्रदेश के हरदा जिले के हँडिया तहसील में बनी है जहाँ मुगल बादशाह के समय यात्रीयों के रूकने के लिए बना गरह है तथा इसे इस समय तेली की सराय के नाम से जाना जाता है। इन्हे अकबर के दरबार के नवरत्नों में से एक कहां जाता हैं।