अगस्ति तारा

कराइना तारामंडल का सबसे रोशन तारा है और और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से दूसरा सब से रोशन तारा

अगस्ति या कनोपस (Canopus) कराइना तारामंडल का सबसे रोशन तारा है और और पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से दूसरा सब से रोशन तारा है। यह F श्रेणी का तारा है और इसका रंग सफ़ेद या पीला-सफ़ेद है। इसका पृथ्वी से प्रतीत होने वाले चमकीलापन (यानि "सापेक्ष कान्तिमान") -०.७२ मैग्निट्यूड है जबकि इसका अंदरूनी चमकीलापन (यानि "निरपेक्ष कान्तिमान") -५.५३ मापा जाता है। यह पृथ्वी से लगभग ३१० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है।[6]

अगस्ति तारा
Canopus

कराइना तारामंडल में अगस्ति तारा
प्रेक्षण तथ्य
युग J2000      विषुव J2000
तारामंडल कराइना तारामंडल
दायाँ आरोहण 06h 23m 57.10988s[1]
झुकाव -52° 41′ 44.3810″[1]
सापेक्ष कांतिमान (V)−0.74[2]
विशेषताएँ
तारकीय श्रेणीA9 II[3][4]
U−B रंग सूचक+0.10[2]
B−V रंग सूचक+0.15[2]
खगोलमिति
रेडियल वेग (Rv)20.3[5] किमी/सै
विशेष चाल (μ) दाआ.: 19.93[1] मिआसै/वर्ष
झु.: 23.24[1] मिआसै/वर्ष
लंबन (π)10.55 ± 0.56[1] मिआसै
दूरी310 ± 20 प्रव
(95 ± 5 पार)
निरपेक्ष कांतिमान (MV)–5.71[6]
विवरण
द्रव्यमान8.0 ± 0.3[7] M
त्रिज्या71 ± 4[7] R
सतही गुरुत्वाकर्षण (log g)1.64 ± 0.05[7]
तेजस्विता10,700[7] L
तापमान6,998[7] K
घूर्णन गति (v sin i)8.0[6] किमी/सै
अन्य नाम
Suhayl, Suhel, Suhail, Alpha Carinae, CD−52°914, FK5 245, GC 8302, HD 45348, HIP 30438, HR 2326, SAO 234480
डेटाबेस संदर्भ
सिम्बादdata

अन्य भाषाओं में

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अगस्ति को अंग्रेज़ी में "कनोपस" (Canopus) और अरबी और फ़ारसी में "सोहेल" (سهیل) कहते हैं।

अगस्ति एक दानव तारा है। इसका द्रव्यमान (मास) हमारे सूरज के द्रव्यमान का ८.५ गुना है और इसका व्यास (डायामीटर) सौर व्यास का ६५ गुना है। इसका सतही तापमान ७,३५० कैल्विन है। इसकी रोशनी भयंकर है - हमारे सूरज से १३,६०० गुना अधिक।

सांस्कृतिक प्रसंग

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  • अगस्ति का नाम अगस्त्य ऋषि पर रखा गया है क्योंकि माना जाता है के इस तारे का अध्ययन करने वाले वह पहले ऋषि थे और वह पहले संस्कृत विद्वान थे जिन्होंने इसे देखा। खगोलीय गोले में तारे युगों के साथ-साथ हिलते हैं और किसी स्थान से कभी तो देखे जा सकते हैं और कभी नहीं। वर्तमान युग में अगस्ति तारा धीरे-धीरे उत्तर की तरफ़ जा रहा है। अनुमान लगाया जाता है के यह विन्ध्याचल पर्वतों में लगभग सन् ५,२०० ईसापूर्व में और दिल्ली या कुरुक्षेत्र के आसपास के इलाकों में सन् ३,१०० ई॰पू॰ में ही दिखना शुरू हुआ। इस से कुछ लोग अनुमान लगते हैं के ऋषि अगस्त्य विन्ध्य पर्वतों को पार करके दक्षिण भारत में सन् ४,००० ई॰पू॰ के आसपास दाख़िल हुए होंगे।[8]
  • मध्यकाल में जब पंचतन्त्र का अनुवाद फ़ारसी में किया गया तो उसको दो नामों से जाना जाता था - "कलीला-ओ-दम्ना" (کلیله و دمنه, कलीला और दम्ना दो पात्रों के नाम थे) और "अनवार-ए-सोहेली" (انوار سهیلی, अर्थ: अगस्ति की रोशनी)।

इन्हें भी देखें

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  1. van Leeuwen, F. (2007). "Validation of the new Hipparcos reduction". Astronomy and Astrophysics. 474 (2): 653–664. arXiv:0708.1752. डीओआइ:10.1051/0004-6361:20078357. बिबकोड:2007A&A...474..653V. Vizier catalog entry Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन
  2. Ducati, J. R. (2002). "Catalogue of Stellar Photometry in Johnson's 11-color system". CDS/ADC Collection of Electronic Catalogues. 2237: 0. बिबकोड:2002yCat.2237....0D. Vizier catalog entry Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन
  3. Gray, R. O.; Garrison, R. F. (1989). "The early F-type stars – Refined classification, confrontation with Stromgren photometry, and the effects of rotation". Astrophysical Journal Supplement Series. 69: 301. डीओआइ:10.1086/191315. बिबकोड:1989ApJS...69..301G.
  4. Lopez-Cruz, O.; Garrison, R. F. (1993). "A Spectroscopic Study of High Galactic Latitude F Supergiant Stars". Luminous High-Latitude Stars. the International Workshop on Luminous High-Latitude Stars. 45: 59. बिबकोड:1993ASPC...45...59L.
  5. Gontcharov, G. A. (2007). "Pullkovo Compilation of Radial Velocities for 39495 Hipparcos stars in a common system". Astronomy Letters. 32 (1): 759–771. arXiv:1606.08053. डीओआइ:10.1134/S1063773706110065. बिबकोड:2006AstL...32..759G. Vizier catalog entry Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन
  6. Smiljanic, R.; एवं अन्य (April 2006). "CNO in evolved intermediate mass stars". Astronomy and Astrophysics. 449 (2): 655–671. arXiv:astro-ph/0511329. डीओआइ:10.1051/0004-6361:20054377. बिबकोड:2006A&A...449..655S.
  7. Cruzalèbes, P.; Jorissen, A.; Rabbia, Y.; Sacuto, S.; Chiavassa, A.; Pasquato, E.; Plez, B.; Eriksson, K.; Spang, A.; Chesneau, O. (2013). "Fundamental parameters of 16 late-type stars derived from their angular diameter measured with VLTI/AMBER". Monthly Notices of the Royal Astronomical Society. 434: 437. arXiv:1306.3288. डीओआइ:10.1093/mnras/stt1037. बिबकोड:2013MNRAS.434..437C.
  8. Folklore and Astronomy: Agastya a sage and a star Archived 2007-11-27 at the वेबैक मशीन, K.D. Abhyankar, Current Science, Vol. 89, No. 12, 25 दिसम्बर 2005