अदिति रंजन
अदिति (शिराली) रंजन भारतीय शिल्प के क्षेत्र में कार्यरत एक शिक्षक, शोधकर्ता, लेखक और टेक्सटाइल एव्म वस्त्र डिजाइनर हैं। वह १९७४ से २०१२ तक राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद में बातौर अध्यापक रहीं।[1] रंजन को हैंडमेड इन इंडिया: ए जियोग्राफिक इनसाइक्लोपीडिया ऑफ इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स (Handmade in India: A Geographic Encyclopedia of Indian Handicrafts) के लिए जाना जाता है, जिसे उन्होंने अपने जीवनसाथी और साथी डिजाइनर एम पी रंजन के साथ संपादित किया।[2]
अदिति शिराली रंजन | |
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अदिति रंजन, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद मे। सन १९७७ | |
जन्म |
अदिति शिराली |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद |
पेशा | टेक्सटाइल (वस्त्र) डिजाइनर, लेखक , शिक्षक |
संगठन | राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद |
प्रसिद्धि का कारण | टेक्सटाइल (वस्त्र) डिज़ाइन शिक्षण |
जीवनसाथी | एम पी रंजन |
कार्य
संपादित करेंरंजन का मुख्य कार्य क्षेत्र बुनाई संरचना और वस्त्र निर्माण के अध्ययन में निहित है। वह भारतीय हस्तकला, वस्त्र, और दृश्यकला पर आलेख और शोध भी करती है। उनके कुछ उल्लेखनीय कार्यों में शामिल हैं:
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के वस्त्र और बांस शिल्प (Textile and Bamboo Crafts of the Northeastern Region), १९८३
- लखनऊ की चिकनकारी कढ़ाई (Chikankari Embroidery of Lucknow), १९९२, अदिति रंजन, अशोक राय
- कर्नाटक की नवलगुंद दरियाँ (Navalgund Durries of Karnataka), १९९२, चंद्रशेखर भेदा, अदिति रंजन, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान
- भारत में हस्तनिर्मित: भारतीय हस्तशिल्प का एक भौगोलिक विश्वकोश (Handmade in India: A Geographic Encyclopedia of Indian Handicrafts), २००९ जिसे उन्होंने अपने पति एमपी रंजन के साथ सह-संपादित किया। पुस्तक का लेखन २००२ से २००७ तक पांच वर्षों में किया गया था। यह भारत की कला और शिल्प परंपराओं का विस्तृत दस्तावेज प्रस्तुत करती है। इस परियोजना की अवधारणा रंजन द्वारा की गई थी और इसे परिणाम तक लाने के लिए देश भर में व्यापक शोध और क्षेत्र कार्य किया गया।। पुस्तक सभी शिल्पों की एक आधिकारिक निर्देशिका है। यह पुस्तक हस्तशिल्प विभाग, वस्त्र मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित की गई थी।[2][3]
अदिति रंजन १९७२ से राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद में टेक्सटाइल (वस्त्र) डिज़ाइन के विषय में शिक्षिका रही हैं। २०११ से २०१६ तक उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की वस्त्र परंपराओं पर एक शोध परियोजना की। यह परियोजना राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के आउटरीच कार्यक्रमों (Outreach Programs) के तत्वावधान में की गई थी। इसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा कमीशन किया गया था।
रंजन ने अहमदाबाद ट्रंक, हाउस ऑफ एम जी (Ahmedabad Trunk, the House of MG) की टेक्सटाइल गैलरी के लिए साड़ियों और शॉल का एक निजी संग्रह भी तैयार किया है। उनकी एक उल्लेखनीय प्रदर्शनी 'आर्ट ऑफ द लूम' (Art of the loom), २०१९ रही । इस प्रदर्शनी में लीना साराभाई मंगलदास और अंजलि मंगलदास के व्यक्तिगत संग्रह से हथकरघा वस्त्र प्रदर्शित किए गए।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ "Design in India". Bangalore International Centre (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-08-08.
- ↑ अ आ "Aditi and M.P. Ranjan". Platform Mag. अभिगमन तिथि 2022-08-09. सन्दर्भ त्रुटि:
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