अमूर नदी
अमूर नदी (रूसी: река Аму́р, रेका अमूर) दुनिया की दसवीं सब से लम्बी नदी है। यह नदी रूस के सूदूर पूर्वी क्षेत्रों और पूर्वोत्तरी चीन के दरमियान अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी है। रूस और चीन के बीच ज़मीन के लिए जो झड़पें १७वीं शताब्दी में आरम्भ हुई और २०वीं शताब्दी तक चलीं, उनमें अमूर नदी की अहम भूमिका थी।[1]
नदी का मार्ग
संपादित करेंअमूर नदी पश्चिमी मंचूरिया की पहाड़ियों में शिल्का नदी और अर्गुन नदी के मिलाप से ३०३ मीटर की ऊंचाई पर जन्म लेती है। वहाँ से यह पूर्व का रुख़ करती है जहाँ यह चीन और रूस की सीमा के रूप में मान्य है। ४०० किलोमीटर तक यह घूमती हुई दक्षिण-पूर्व की तरफ बहने लगती है, जिस दौरान इसमें बहुत से छोटे नदी-नाले मिल जाते हैं। इस क्षेत्र के कई नगर-क़स्बे अमूर के किनारे बसे हुए हैं। फिर यह दक्षिण की ओर बहती है जहाँ यह रूस के ब्लागोवेचेन्स्क शहर और चीन के हेइहे शहर के बीच से गुज़रती है। यहाँ इस से ज़ेया नदी भी आ मिलती है जिस से इसका पानी और चौड़ाई काफ़ी बढ़ जाते हैं।
थोड़ा आगे चलकर इस से बुरेया नदी भी मिल जाति है और फिर २५० किलोमीटर बाद इस से सोंगहुआ नदी मिलती है। अब यह पूर्वोत्तर का रुख़ करती है और रूस के ख़ाबारोव्स्क नगर की तरफ जाती है। यहाँ इस से उस्सूरी नदी मिलती है, जिसके बाद यह चीन-रूस की सीमा नहीं रहती और पूरी तरह रूस में ही आ जाती है। इस स्थान पर इस में इतना पानी होता है कि एक धार की बजाए इसमें कई धारे साथ-साथ एक चौड़ी घाटी में चलती हैं। लगभग २०० किमी बाद यह घाटी थोड़ी तंग हो जाती है और फिर नदी उत्तर की ओर चलकर अमगुन नदी से विलय करती है। इसके बाद यह अचानक पूर्व को मुड़कर लगभग २० किलोमीटर बाद ओख़ोत्स्क सागर और जापान सागर को जोड़ने वाले तातारी जलडमरू में Pacific Ocean से मिल जाती है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ W. Bruce Lincoln. "The Conquest of a Continent: Siberia and the Russians". Cornell University Press, 2007. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780801489228. मूल से 29 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 दिसंबर 2011.