अरैखिक नियंत्रण

नियंत्रण सिद्धांत का क्षेत्र जो सिस्टम के साथ काम करता है जो गैर-रेखा, समय-भिन्न या दोनों हैं

अरैखिक नियंत्रण (Nonlinear control theory), नियंत्रण सिद्धान्त का वह क्षेत्र है जो अरैखिक तंत्रों या समय के साथ परिवर्तनशील ( time-variant) तंत्रों से सम्बन्धित है। दूसरे शब्दों में, जिन नियंत्रण तन्त्रों में (प्लान्ट में, सेन्सर में, कन्ट्रोलर में, या तीनों में) अरैखिकता की महत्वपूर्ण भूमिका हो, उसे अरैखिक नियन्त्रण तन्त्र कहते हैं।

Lur'e की समस्या, नियंत्रण की एक अरैखिक समस्या थी।

बहुत से इंजीनियरी या प्राकृतिक तन्त्र मूलतः अरैखिक ही होते हैं, किन्तु सुविधा के लिये उन्हें रैखिक बनाकर या रैखिक मानकर अध्ययन किया जाता है।

अरैखिक तंत्रों के गुण

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अरैखिक तंत्र के कुछ गुण निम्नलिखित हैं-

  • वे अध्यारोपण सिद्धान्त (principle of superposition) का पालन नहीं करते।
  • केवल एक साम्य बिन्दु के स्थान पर उनमें एकाधिक अलग-अलग साम्य-बिन्दु होना सम्भव हैं।
  • उनमें लिमिट सायकिल, bifurcation, chaos आदि हो सकता है, जो रैखिक तंत्रों में नहीं होता।
  • Finite escape time : सभी समय के लिये अरैखिक तंत्रों का हल नहीं भी मिल सकता है। अर्थात् t के कुछ मानों के लिये हो सकता है कि हल का अस्तित्व ही न हो।

अरैखिक नियंत्रण तंत्रों का विश्लेषण

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अरैखिक नियंत्रण तंत्रों के विश्लेषण के लिये अनेक सु-विकसित विधियाँ मौजूद हैं:

  • Describing function method
  • कला-तल विधि (Phase plane method)
  • लियापुनोव स्थायित्व विश्लेषण (Lyapunov stability analysis)
  • Singular perturbation method
  • पोपोव मानदण्ड (Popov criterion) तथा वृत्त मानदण्ड (circle criterion) -- निरपेक्ष स्थायित्व (criterionabsolute stability) के लिये
  • Center manifold theorem
  • लघु-लब्धि प्रमेय (Small-gain theorem)
  • Passivity analysis

अरैखिक तंत्रों के नियंत्रण की डिजाइन के लिये भी कुछ विधियाँ हैं। इनमें से कुछ वे विधियाँ हैं जो तंत्र को एक सीमित क्षेत्र में रैखिक मानकर विश्लेषण करता है तथा इस काम के लिये सु-विकसित नियंत्रण डिजाइन की विधियों का उपयोग करते हैं, जैसे गेन श्युडलिंग (Gain scheduling)। कुछ ऐसी विधियाँ हैं जो एक सहायक अरैखिक फीडबैक लगाकर अरैखिक तंत्र को रैखिक बना लेती हैं- जैसे फीडबैक का रेखीकरण (Feedback linearization) और लियापोनोव विधि पर आधारित विधियाँ:

  • Lyapunov redesign
  • Control-Lyapunov function
  • Nonlinear damping
  • Backstepping
  • Sliding mode control

इन्हें भी देखें

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