आदित्यराम भट्टाचार्य

महामहोपाध्याय आदित्यराम भट्टाचार्य () महान संस्कृतविद् एवं ब्रह्मविद (थियोसोफिस्ट) थे। वे प्रयागराज के म्योर सेन्ट्र्रल कॉलेज में संस्कृत प्रोफेसर थे। सन १८८१ से १८८८ तक वे थियोसोफिचल सोसायटी के उपाध्यक्ष थे। उन्होंने १८८५ में 'इण्डियन यूनियन' नामक साप्ताहिक पत्र की स्थापना की थी।

वे मदनमोहन मालवीय के मानस गुरु थे। अपने अध्ययनकाल में मालवीय जी पण्डित आदित्य राम भट्टाचार्य के सम्पर्क में आए और उनके सानिध्य में वे 16 वर्ष की अवस्था से ही सार्वजनिक कार्यों में भाग लेने लगे।

जीवनी संपादित करें

आदित्यराम भट्टाचार्य का जन्म प्रयागराज में ही हुआ था। उनके नाना बनारस संस्कृत कॉलेज में वेदान्त के प्राध्यापक थे। उनका जन्म भी प्रयाग में ही हुआ था। कम आयु में ही आदित्यराम भट्टाचार्य को बनारस कॉलेज के स्कूल में विद्याध्ययन के लिये भेज दिया गया। १८६४ में उन्होंने मैट्रिकुलेशन किया और प्रथम श्रेणी में उतीर्ण हुए। उन्हें छात्रवृत्ति और पुरस्कार मिले। १८६९ में उन्होंने बीए किया और १८७१ में संस्कृत से एम ए किया।[1]

उन्होंने शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य किया।

सन्दर्भ संपादित करें