आनेमलई की पहाड़ियाँ

भारत में पर्वत श्रृंखला
(आनेमलई पहाड़ियों से अनुप्रेषित)

आन्नैमलाई की पहाड़ियां (तमिल: ஆனைமலை) पश्चिमी घाट की पर्वत श्रेणियाँ हैं और तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पश्चिम भारत में एलीफेंट पर्वतमाला के नाम से विख्यात हैं।

Anamala / Anaimalai Hills
Elephant Hills
आन्नैमलाई
Chinnar Wildlife Sanctuary
उच्चतम बिंदु
शिखरAnamudi
केरल
ऊँचाई2,695 मी॰ (8,842 फीट)
निर्देशांक10°10′16″N 77°03′48″E / 10.17111°N 77.06333°E / 10.17111; 77.06333[1]
भूगोल
आनेमलई की पहाड़ियाँ is located in केरल
आनेमलई की पहाड़ियाँ
Location of Anamalai Hills
देश[[भारत|]]
Statesतमिल नाडु and केरल
निर्देशांक परास10°22′N 77°07.5′E / 10.367°N 77.1250°E / 10.367; 77.1250निर्देशांक: 10°22′N 77°07.5′E / 10.367°N 77.1250°E / 10.367; 77.1250
मातृ श्रेणीWestern Ghats
टोपोग्राफिक नक्शा(Terrain)
भूविज्ञान
चट्टान पुरातनताCenozoic
100 to 80 mya
चट्टान प्रकारFault[2]

अन्नामलाई शब्द तमिल भाषा के अनाई शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ हाथी होता है।[3] और मलाई शब्द का अर्थ पहाड़ी है।

भौगोलिक स्थिति

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ये पहाड़ियाँ दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट के अंतर्गत तमिलनाडु और केरल में स्थित है। अन्नामलाई पहाड़ी श्रृंखलाओं में सबसे ऊंची पहाड़ी अनामुदी की है, जिसकी ऊंचाई (2,695 मीटर (8,842 फी॰)), है। यह केरल के इड्डुकि ज़िले में स्थित है। यह दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है। जो उत्तर में पालघाट पश्चिमी घाट को दो हिस्सों में बांटता है। अन्नामलाई की पहाड़ियों के निचले हिस्से में कॉफी और चाय की खेती की जाती है, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देता है। पश्चिमी घाट को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है।[4] ये पहाड़ियाँ पूर्वी व पश्चिमी घाटों का संधिस्थल है और पश्चिमोत्तर व दक्षिण-पूर्व की ओर उन्मुख है। 2695 मीटर ऊंची अनाई चोटी इस शृंखला के विलकुल दक्षिण-पश्चिम छोर पर स्थित है। अभिनूतन युग (होलोसिन इपोक) में पृथ्वी की आंतरिक अवरोधी हलचल से निर्मित अन्नामलाई की पहाड़ियाँ 1,000 मीटर की ढलान पर चबूतरेदार श्रेणियों का निर्माण करती है। मौनसून में यहाँ भरी बारिश होती है। यहाँ वर्षा का अनुपात 2000 से 5000 मिली मीटर तक होता है। शीशम, चन्दन,सागौन, साबूदाने इत्यादि के पेंड़ो से युक्त सघन वन इस क्षेत्र के ज़्यादातर हिस्सों को ढकते हैं। एल्यूमिनियमलौह धातु के ऑक्साइड से युक्त यहाँ की मिट्टी चित्तीदार लाल व भूरी है। इसका उपयोग भवन बनाने व सड़क निर्माण में होता है। अव्यवस्थित आवादी वाली इन पहाड़ियों पर कडार, मारवाड़ वो पूलिया लोग निवास कराते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था शिकार, संग्रहण व झूम खेती पर आधारित है। जिन जगहों पर जंगलों की कटाई हो रही है, वहाँ चाय,कॉफीरबड़ के बाग लगाए जा रहे हैं।[5]

उद्योग-धंधे

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यहाँ मुख्यत: घरेलू सामान, जैसे टोकरी,नारियल जटा, उसकी चटाई, धातु की सामाग्री व बीड़ी बनाने के उद्योग हैं।

अनाईमलाई की पहाड़ियाँ प्रचुर मात्रा में वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य, परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य औरइंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य इन पहाड़ियों में अच्छी तरह से हाथियों के लिए जाना जाता है। कई वन्यजीव प्रजातियों हाथी, गौर, पानी भैंस, बाघ, तेंदुआ, आलस भालू, मगरमच्छ, ग्रीन कबूतर, सीविट बिल्लियों, ढोल, सांभर और लुप्तप्राय शेर पूंछ मकाक के 31 समूहों सहित यहाँ देखा जा सकता है। साथ ही पक्षियों में विचित्र हार्नबिल, लाल गलमुच्छे वाला बुलबुल और ड्रोंगो शामिल हैं।[6], [7][8],

जलीय स्थिति

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अमरावती जलाशय और बांध

अलियार, अपंबर, चिन्नार और कदंबरई यहाँ की प्रमुख नदियां है। साथ ही मन्नाम भैली, पमबर, परम्बिकुलम नदी सहित क्षेत्र में कई नदियां हैं। कई बड़े बांधों सहित क्षेत्र में हैं: अलियार बांध, अमरावती बांध, कदंबर्राई बांध, निरार बांध, शोलियार बांध (एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा) तथा मननम भैली बांध के अलावा भारत में अपनी क्षमता का सबसे बड़ा बांध, परम्बिकुलम बांध भी इसी क्षेत्र में है।

पर्यटक सूचना

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अन्नामलाई हिल्स के माध्यम से एसएच-17
 
औबेक्स हिल्स, अन्नामलाई डगलस हैमिल्टन द्वारा

अनाईमलाई पहाड़ियों के पश्चिमी घाट में एक ट्रैकिंग गंतव्य हैं। इस जगह की यात्रा का सबसे अच्छा समय नवंबर से लेकर मध्य मई तक है। एसएच 17- सड़क मार्ग अन्नामलाई हिल्स से उददुमलापेट और मुन्नार के बीच गुजरता है। निकटतम रेलवे स्टेशन शहर के पास, उददुमलापेट में है तथा निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर में है।

  1. "Anamudi/Anaimudi, India". Peakbagger.com. अभिगमन तिथि 2013-03-12.
  2. Singh, A.P.; Kumar, Niraj; Singh, B. (2006). "Nature of the crust along Kuppam–Palani geotransect (South India) from Gravity studies: Implications for Precambrian continental collision and delamination". Gondwana Research. 10: 41–7. डीओआइ:10.1016/j.gr.2005.11.013.
  3. Fabricius, Johann Philipp. (1972) J. P. Fabricius's Tamil and English dictionary, 4th ed., rev. and enl. Tranquebar: Evangelical Lutheran Mission Pub. House, retrieved 6/18/2007 anai (āṉai), an elephant Archived 2015-10-24 at the वेबैक मशीन
  4. UNESCO, World Heritage sites, Tentative lists, Western Ghats sub cluster, Niligiris. retrieved 4/20/2007 World Heritage sites, Tentative lists Archived 2017-08-06 at the वेबैक मशीन
  5. Sajeev T.K. et al., Management of Forests in India for Biological Diversity and Forest Productivity- A New Perspective, WII-USDA Forest Service Collaborative Project Grant No. FG-In-780 (In-FS-120), Volume III (ACA) Anaimalai Conservation Area Archived 2007-03-16 at the वेबैक मशीन.
  6. H. N. Kumara, M. Ananda Kumar, A. K. Sharma, H. S. Sushma, Mridula Singh and Mewa Singh (11/10/2004) Diversity and management of wild mammals in tea gardens in the rainforest regions of the Western Ghats, India: A case study from a tea estate in the Anaimalai Hills CURRENT SCIENCE, VOL. 87, NO. 9, retrieved 6/18/2007
  7. "PDF" (PDF). मूल से 5 जून 2011 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2009.
  8. Singh M, Singh M, Kumar MA, Kumara HN, Sharma AK, Kaumanns W. (2002) Distribution, population structure, and conservation of lion-tailed macarques (Macaca silenus) in the Anaimalai Hills, Western Ghats, India, Am J Primatol, Jun;57(2):91-102.Abstract Archived 2009-09-10 at the वेबैक मशीन

इन्हें भी देखें

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