आभानेरी
आभानेरी राजस्थान के दौसा जिले की बांदीकुई तहसील से 7 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित एक गाँव है। यह गाँव अपनी ऐतिहासिकता के कारण विश्व विख्यात है। चाँद बावड़ी तथा हर्षद माता मंदिर इसी गाँव में स्थित हैं।
आभानेरी आभानेरी आभा नगरी | |
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गाँव | |
आभानेरी स्थित हर्षत माता मंदिर | |
निर्देशांक: 27°00′26″N 76°36′21″E / 27.00725°N 76.60594°Eनिर्देशांक: 27°00′26″N 76°36′21″E / 27.00725°N 76.60594°E | |
देश | India |
राज्य | राजस्थान |
जिला | दौसा |
भाषाएँ | |
• आधिकारिक | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | RJ-IN |
वाहन पंजीकरण | RJ- |
Coastline | 0 किलोमीटर (0 मील) |
यहां प्रसिद्ध वेधशाला निर्माणकर्ता पंडित कल्याणदत्तशर्मा का जन्म हुआ। यह चाँद बावडी । १५ मीटर गेहरा है। इसमे कुल ७०० सीढ़ियाँ हैं ।
यहां स्थित चांद बावड़ी अपनी अनूठी स्थापत्य शैली में निर्माण के लिए जानी जाती है। पास ही स्थित है हर्षत माता का प्राचीन मन्दिर। वैसे तो यह मां दुर्गा को समर्पित है लेकिन, इसे खुशी और उल्लास का मन्दिर भी कहा जाता है। मन्दिर का निर्माण चौहान वंशीय राजा चांद ने ८वीं-९वीं सदी में कराया था। आभानेरी का असली नाम आभा नगरी था। इस नगर के संस्थापक राजा चांद का मानना था कि उनके नगर में खुशी और उल्लास दुर्गा माता की देन है। इसलिए उन्होंने माता दुर्गा को समर्पित यह भव्य मन्दिर बनवाया।
मन्दिर के निर्माण में काम में लिए पत्थरों पर शानदार नक्काशी की गई। पत्थरों की इंटरलाॅकिंग कर इसका निर्माण हुआ है। यहां की भव्यता देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि यहां हर पत्थर बोलता है। यह मन्दिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है लेकिन, इसका मूल स्वरूप वैसा नहीं था जो आज है। इस भव्य मन्दिर को महमूद गजनवी ने तहस-नहस कर दिया था। इस दौरान मूर्तियों को खंडित कर दिया गया। बाद में स्थानीय लोगों ने पत्थरों को पुनः जोड़कर इसका निर्माण कराया।