गणित में निम्नलिखित सर्वसमिका को आयलर की सर्वसमिका (Euler's identity या Euler identity") कहते हैं।

जहाँ

e आयलर संख्या है जो प्राकृतिक लघुगणक का आधार भी है।
i काल्पनिक ईकाई है एवं i2 = −1, तथा
π = पाई है जो किसी वृत्त के परिधि और व्यास के अनुपात के बराबर होती है।

इस सर्वसमिका का नाम स्विटजरलैण्ड के प्रसिद्ध गणितज्ञ लियोनार्ड आयलर (Leonhard Euler)]] के नाम पर है। यह सर्वसमिका गणितीय सौन्दर्य (mathematical beauty) का एक उदाहरण है क्योंकि यह गणित के सर्वाधिक मूलभूत संख्याओं के बीच एक सम्बन्ध को अभिव्यक्त करती है।

कहीं_कहीं पर को भी आयलर की सर्वसमिका कह दिया जाता है।[1] इसके अलावा आयलर का गुणनफल सूत्र (Euler product formula) को भी आयलर सर्वसमिका कह दिया जाता है।[2]

  1. Dunham, 1999, p. xxiv Archived 2019-03-31 at the वेबैक मशीन.
  2. Stepanov, S. A.। (7 February 2011)। "Euler identity". Encyclopedia of Mathematics। अभिगमन तिथि: 7 September 2018