आलाप (1977 फ़िल्म)
आलाप 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।
आलाप | |
---|---|
आलाप का पोस्टर | |
निर्देशक | हृषिकेश मुखर्जी |
लेखक | बिमल दत्ता |
पटकथा | बिमल दत्ता |
निर्माता |
हृषिकेश मुखर्जी एन सी सिप्पी रोमू एन सिप्पी |
अभिनेता |
संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, रेखा, छाया देवी, असरानी, मनमोहन कृष्णा, लिली चक्रवर्ती, फरीदा ज़लाल, ओम प्रकाश, युनुस परवेज़, बीरबल, विजय शर्मा, बेंजामिन गिलानी, मास्टर रवि, ललिता कुमारी, |
संगीतकार |
जयदेव राही मासूम रज़ा (गीत) |
प्रदर्शन तिथि |
1977 |
लम्बाई |
161 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ₹ 100 करोड़ |
संक्षेप
संपादित करेंवकील त्रिलोकी प्रसाद (ओम प्रकाश) अपने पुत्र अशोक व आलोक के साथ रहते है| अशोक भी वकील है और उसकी शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) से हुई है| पिता आलोक को अपनी न्याय-संस्था में अशोक के साथ न्याय का अभ्यास की सलाह देते है| आलोक को संगीत में रूचि होने के कारण पंडित जमुना प्रसाद (ए के हंगल) के यहाँ संगीत का अभ्यास करता है| त्रिलोकी प्रसाद को पता चलता है कि आलोक संगीत के बहाने एक तवायफ सरजूबाई बनारासवाली (छाया देवी) के यहाँ जाता है जो झोपड़-पट्टियों में रहती है| पिता के मना करने पर भी आलोक सरजूबाई के यहाँ जाता है| उधर गुप्ताजी (युनुस परवेज़) उन झोपड़-पट्टियों पर कब्ज़ा पाना चाहता है| त्रिलोकी प्रसाद अपनी वकालत से न्यायालय का फैसला गुप्ताजी के पक्ष में कराते है जिससे सरजूबाई और उसके साथी बेघर होते है| गुप्ताजी की फीस आलोक को दिए एक पुरानी कार खरीदने को कहते है| उन पैसों से अलोक के तांगा खरीदने पर त्रिलोकी प्रसाद उसे घर से निकाल देते है| जब त्रिलोकी प्रसाद को पता लगता है आलोक का काम सफलतापूर्वक चल रहा है तो उसका काम बंद कराने के लिए कम भाड़े पर कुछ मोटरगाड़ियाँ लगा देते है| क्या इन परिस्तिथियों में आलोक और त्रिलोके प्रसाद के मतभेद कम हो आलोक घर लौटता है?
चरित्र
संपादित करेंमुख्य कलाकार
संपादित करें- अमिताभ बच्चन - अलोक प्रसाद
- रेखा - राधाकुमारी (रधिया)
- ओम प्रकाश - वकील त्रिलोकी प्रसाद
- विजय शर्मा - अशोक प्रसाद
- लिली चक्रवर्ती - गीता अशोक प्रसाद
- मास्टर रवि - अलोक व राधा का पुत्र
- छाया देवी - सरजूबाई बनारसवाली
- असरानी - गणेश (गणेशी)
- मनमोहन कृष्णा - महाराज दीनानाथ
- युनुस परवेज़ - गुप्ता
- ललिता कुमारी - श्रीमती गुप्ता
- फरीदा जलाल - सुलक्षणा गुप्ता
- बेंजामिन गिलानी - किशन
- ए के हंगल - पंडित जमुना प्रसाद (अतिथि पात्र)
- संजीव कुमार - राजा बहादुर (अतिथि पात्र)
दल
संपादित करें- निर्देशक - हृषिकेश मुखर्जी
- कथा - हृषिकेश मुखर्जी
- पटकथा - बिमल दत्ता
- संवाद - राही मासूम रज़ा, बीरेन त्रिपाठी, जेहन नय्यर
- सम्पादक - खान ज़मान खान
- निर्माता - हृषिकेश मुखर्जी, एन सी सिप्पी, रोमू एन सिप्पी
- निर्माण संस्था - रूपम चित्रा
- चलचित्रण - जयवंत पाठारे
- कला निर्देशक - अजित बेनर्जी
- वस्त्राभिकल्पना - भानु अथैया, शालिनी शाह
- वस्त्र एवं भूषा - बाबू घाणेकर
संगीत
संपादित करेंसभी गीत राही मासूम रज़ा द्वारा लिखित; सारा संगीत जयदेव वर्मा द्वारा रचित।
गाने | |||
---|---|---|---|
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
1. | "आई ऋत सावन की" | भूपेन्द्र सिंह, कुमारी फैय्याज़ | 3:33 |
2. | "काहे मनवा नाचे" | लता मंगेशकर | 3:11 |
3. | "कोई गता मैं सोजाता" | येशुदास | 3:31 |
4. | "चाँद अकेला जाये सखीरी येशुदास" | येशुदास | 3:36 |
5. | "चाँद अकेला" | येशुदास | 3:26 |
6. | "ज़िंदगी को संवारना होगा" | येशुदास | 3:36 |
7. | "नई री लगन और मीठी बतियाँ" | येशुदास, मधुरानी, कुमारी फैयाज़ | 3:56 |
8. | "बिनती सुन ले तनिक" | असरानी | 3:38 |
9. | "माता सरस्वती शारदा" | लता मंगेशकर, दिलराज कौर | 3:49 |
10. | "माता सरस्वती शारदा" | येशुदास, दिलराज कौर, मधुरानी | 3:30 |
11. | "हो रामा डर लागे अपनी उमरिया से" | असरानी | 3:27 |