इटावा जिला

उत्तर प्रदेश का जिला
(इटावा ज़िले से अनुप्रेषित)
इटावा ज़िला
Etawah district
मानचित्र जिसमें इटावा ज़िला Etawah district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : इटावा
क्षेत्रफल : 2,311 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
15,81,810
 684/किमी²
उपविभागों के नाम: तहसील
उपविभागों की संख्या: 6
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दी


इटावा ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय इटावा है।[1][2]

भूगोल

इटावा दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर पश्चिमी-मध्य उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है। इस शहर में कई खड्ड हैं, जिनमें से एक पुराने शहर (दक्षिण) को शहर (उत्तर) से अलग करता है। पुल और तटबंध, दोनों हिस्सों को जोड़ते हैं।

इतिहास

इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने हिन्दू भवनों के अवशेषों से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले के अवशेष भी हैं। इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है। हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव इटावा निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है - 'द्यौसरिया कविदेव को नगर इटावी वास।'

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

इटावा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा और ग्वालियर में हैं।

रेल मार्ग

इटावा रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इटावा ज़िले में अन्य 6 रेलवे स्टेशन सराय भूपत (8 किलोमीटर), जसवंतनगर (16 किलोमीटर), बलराय (26 किलोमीटर), एकदिल (10 किलोमीटर), समहो (28 किलोमीटर) और भरथना (19 किलोमीटर) स्थित है।

सड़क मार्ग

भारत के कई प्रमुख शहरों से इटावा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इटावा ज़िला ग्वालियर, आगरा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, कानपुर और जालौन आदि से सड़क मार्ग द्वारा पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।

उद्योग और व्यापार

इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के महत्वपूर्ण उद्योग व तिलहन मिलें हैं। जिले में धान मिलें भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। इटावा घी का वितरण केंद्र भी है।

कृषि और खनिज

इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है। यहाँ की फसलों में गेहूँ, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं। विशालकाय खड्डों के इस क्षेत्र में नदियों के किनारे मिट्टी के अपरदन की समस्या भी रहती है। पुनर्ग्रहण और कर लगाने संबंधी परियोजनाओं से कुछ भूमि वापस पाने में सहायता मिली है।

शिक्षण संस्थान

इटावा के शिक्षण संस्थानों में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, कर्म क्षेत्र पी॰जी॰ कालेज, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय, जनता कालेज, बकेवर (इटावा), चौधरी चरण सिंह पी॰जी॰ कालेज, सैफई स्पोर्ट्स कालेज, मतस्य महाविद्यालय एवं एस॰एस॰ मेमोरियल एजुकेशनल एकेडमी शामिल हैं।

पर्यटन

सुमेर सिंह का किला, चम्बल, जुगरामऊ गांव, टैक्सी मंदिर, बाबरपुर, बकेवर, चकरनगर, जसौहारन, अहीरपुर, प्रताप नगर और सरसईनावर आदि यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इटावा काफ़ी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इटावा की जामा मसजिद प्राचीन बौद्ध या हिंदू मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई मालूम होती है। भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी का मायका कुन्दनपुर जो की वर्तमान में कुदरकोट के नाम से जाना जाता है इसी जिले में है।

प्रमुख व्यक्तित्व

राजनीति

साहित्य

फिल्म

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975