इस रात की सुबह नहीं

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

इस रात की सुबह नहीं सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित सन् १९९६ की भारतीय हिन्दी भाषा की रोमांचक फिल्म है। फिल्म में तारा देशपांडे और निर्मल पांडे प्रमुख अभिनेता हैं, जिसका पूरा कथानक एक ही रात में घटित होता है। यह फिल्म सुधीर मिश्रा के भाई सुधांशु मिश्रा द्वारा लिखी गई एक कहानी पर आधारित है, जिनकी सन् १९९५ में मृत्यु हो गई थी।[1][2]

इस रात की सुबह नहीं 
हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र
जिसका उदाहरण हैचलचित्र
शैली
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ग्रंथकर्ता
पटकथा लेखक
निर्माता
कलाकार
फ़िल्म निर्देशक
  • सुधीर मिश्र
अभिनेता दल का सदस्य
प्रकाशन की तिथि
  • 1996
Original publication
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सन् २०११ में सुधीर मिश्रा ने ये साली जिंदगी शीर्षक से अरुणोदय सिंह, इरफ़ान ख़ान और चित्रांगदा सिंह अभिनीत फ़िल्म जारी की जो इस रात की सुबह नहीं की आध्यात्मिक अगली कड़ी थी।[3][4]

विज्ञापन कार्यकारी आदित्य (निर्मल पांडे) की एक सुंदर पत्नी है पूजा (तारा देशपांडे) और एक सुंदर प्रेमिका मालविका (स्मृति मिश्रा) है। यह गुप्त संबंध अधिकांश कथानक के लिए उत्प्रेरक है। रमनभाई जो एक गैंगस्टरों है, उसके एक झुंड के साथ आदित्य की हाथापाई हो जाती है। रमनभाई दबाव में हैं क्योंकि उनके सहयोगी, विलास पांडे उनकी जान के पीछे हैं।

शहर में एक छोटे पैमाने पर गिरोह युद्ध छिड़ जाता है। इसी बिच में पुलिस निरीक्षक पाटनकर एक गिरगिट जैसे पक्ष बदल रहा है; प्रतिद्वंद्वी गिरोह स्वामी प्रफुल्ल कालिया सौदे की पेशकश कर रहा है; और इन सब के बीच में आदित्य खुद को फंसता हुआ पाता है। घटनाओं का एक तेज गति वाला क्रम एक ही रात में होता है।

इअस फिल्म के साउंडट्रैक में निम्नलिखित ट्रैक और वाद्य यंत्र शामिल हैं, जिन्हें एम॰ एम॰ कीरावणी द्वारा रचित किया गया है। इसमें निदा फ़ज़ली के गीत हैं, जिन्हें "जीवन क्या है" के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार नामांकन प्राप्त हुआ था। पार्श्व संगीत सलीम-सुलेमान द्वारा दिया गया था।

गीत गायक
"मेरे तेरे नाम" एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम
"हे बाबू, हेलो बाबू" एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, के॰ एस॰ चित्रा
"गुश्मनी होगी" के॰ एस॰ चित्रा
"पेह्ली बार मिले" के॰ एस॰ चित्रा, मानो
"चूप तूम रहो" के॰ एस॰ चित्रा, एम॰ एम॰ कीरावणी
"जीवन क्या है" एम॰ एम॰ कीरावणी

पुरस्कार

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आशीष विद्यार्थी ने फिल्म में अपनी भूमिका के लिए पुरस्कार जीते।
  1. "बाइस्कोप: सुधीर मिश्रा की इस फिल्म से मिली सत्या को असली सांसें, इम्तियाज के संवादों ने जमा दिया रंग". Amar Ujala.
  2. Taneja, Parina (8 June 2021). "Sudhir Mishra on 25 years of Is Raat Ki Subah Nahin: Wish I could do directors cut of the film". www.indiatvnews.com.
  3. दासगुप्ता, प्रियंका (14 सितम्बर 2009). "It hurt my husband's ego: Chitrangada". द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 अक्टूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 सितम्बर 2009.
  4. के झा, सुभाष (23 अगस्त 2009). "Sudhir Mishra back in Raat race". द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 October 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अगस्त 2009.

बाहरी कड़ियाँ

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