ईश्वरी प्रसाद शर्मा, हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यिकार-पत्रकार थे। उन्होने दर्जनों पत्रों का संपादन किया। इनमें 'धर्माभ्युदय`: आगरा, 'पाटलिपुत्र`: पटना, 'मनोरंजन`: आरा, 'लक्ष्मी`: गया, 'श्रीविद्या` और 'हिन्दू पंच`: कोलकात्ता प्रमुख है।

बिहार के आरा शहर में १८९३ में जन्में श्री शर्मा ने जीवन के अंतिम क्षण तक पत्रकारिता से जुडे रहे। आरा के कायस्थ जुबली काॅलेज से शिक्षा प्रारम्भ करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय गए। लेकिन बीमारी की वजह से बीच में ही पढ़ाई छोड़ कर आरा वापस आ गये और बाद में शिक्षक के रूप में सक्रिय हो गये। १९०६ से उन्होंने लेख लिखना शुरू किया। उनका लेख 'भारत जीवन' में छपा जिससे प्रेरित होकर वे १९१२ में आरा से मनोरंजन हिन्दी मासिक निकाला जो थोडे ही दिनों में लोकप्रिय हो गया। बाद में वे पटना से छपने वाले 'पाटलिपुत्र` पत्र के संपादक बने। उसके बाद गया से प्रकाशित 'लक्ष्मी` और 'श्रीविद्या` के संपादक बन गये। शर्मा जी ने पटना से छपने वाले 'शिक्षा` और आगरा से प्रकाशित होने वाले त्रैमासिक पत्र 'धर्माभ्युदय` का संपादन किया। बाद में वे कोलकत्ता से छपने वाले 'हिन्दू पंच` का संपादन किया और अंतिम दम तक संपादन करते रहे।

शर्मा जी एक बेहतर पत्रकार के साथ साथ विषयों पर पकड़ रखने वाले प्रतिभाशाली लेखक भी थे। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है। २२ जुलाई १९२७ को बीमारी की वजह से निधन हो गया।