उज़बेक लोग
उज़बेक मध्य एशिया में बसने वाली एक तुर्की-भाषी जाति का नाम है। उज़बेकिस्तान की अधिकाँश आबादी इसी नसल की है, हालाँकि उज़बेक समुदाय बहुत से अन्य देशों में भी मिलते हैं, जैसे कि अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिज़स्तान, तुर्कमेनिस्तान, काज़ाख़स्तान, रूस, पाकिस्तान, मंगोलिया और चीन के शिनजियांग प्रान्त में। विश्व भर में लगभग २.३ करोड़ उज़बेक लोग हैं और यह पूरे विश्व की मनुष्य आबादी का लगभग ०.३% हैं। इन्हीं लोगों में युद्ध की सुप्रसिद्ध तुलुगमा पद्धति प्रचलित थी।[1] भारत में मुग़ल सलतनत की स्थापना करने वाला बाबर भी नसल से उज़बेक जाति का ही था।[2]
नाम की उत्पत्ति
संपादित करेंइतिहासकारों में 'उज़बेक' नाम के स्रोत को लेकर मतभेद है। कुछ का मानना है कि यह नाम मंगोल राजा उज़बेक ख़ान (जन्म: १२८२ – मृत्यु: १३४१) के नाम से आया है।[3] अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह तुर्की भाषाओँ के दो शब्दों से आता है: 'ओज़' (मतलब 'स्वयं') और 'बेग' (मतलब 'मालिक', यह भारत में पारिवारिक नाम के रूप में भी देखा जाता है), यानी 'वह जो स्वयं मालिक हो'। कुछ तुर्की भाषाओँ में 'ओगुज़' का अर्थ 'क़बीला' या 'फ़ौजी टुकड़ी' होता है और इस आधार पर कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 'उज़बेक' वास्तव में 'ओगुज़-बेग' का बिगड़ा हुआ रूप है। विवाद जारी है।
उज़बेक जाति की जड़े
संपादित करें१३वीं सदी ईसवी से पहले मध्य एशिया के अधिकाँश भाग में हिंद-यूरोपीय भाषाएँ बोलने वाले लोग सब से ज़्यादा थे, मसलन शक, सोग़दाई, बैक्ट्रीयाई, वग़ैराह। १३वीं शताब्दी के बाद मंगोल साम्राज्य फैला और इस पूरे इलाक़े पर तुर्की और मंगोल नसल के लोग छा गए। माना जाता है कि उज़बेक लोग पहले के हिंद-यूरोपीय भाषी लोगों और बाद में आने वाले तुर्की-मंगोल लोगों का मिश्रण हैं। आधुनिक उज़बेक भाषा पुरानी चग़ताई तुर्की भाषा की संतान है। सम्राट बाबर इसी चग़ताई भाषा के मातृभाषी थे और बाबरनामा इसी भाषा में लिखी गई है। शुद्ध तुर्की की तुलना में उज़बेक भाषा पर फ़ारसी का असर दिखाई देता है जो शायद उज़बेक लोगों की प्राचीन हिंद-यूरोपीय जड़ों की वजह से हो।
आनुवंशिकी (जॅनॅटिक) जड़ें
संपादित करेंबहुत से उज़बेकी पुरुषों का पितृवंश समूह आर१ए (R1a) होता है। एशिया में यह हिंद-यूरोपी भाषाएँ बोलने वालों में पाया जाता है और बहुत से उत्तर भारतीयों और रूसियों का भी यही पितृवंश है।
धर्म
संपादित करेंउज़बेक लोग अधिकतर सुन्नी इस्लाम के हनफी पन्थ के अनुयायी होते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ भारतीय इतिहास एवं संस्कृति एन्साइक्लपीडिया, डॉ॰ हुकमचंद जैन एवं एस॰सी॰ विजय, जैन प्रकाशन मंदिर, जयपुर, संस्करण-2008, पृष्ठ-310.
- ↑ Central Asia: a strategy for India's look-north policy, Suryakant Nijanand Bal, Lancer Publishers, 2004, ISBN 978-81-7062-273-4, ... knowledge that the Uzbek Babar hailing from Andijan in the Ferghana Valley founded the Mughal Empire, or that Taimur Lenk was also an Uzbek came much later ...
- ↑ Findley, Carter Vaughn. The Turks in World History, Oxford University Press (2005), p. 104.