उत्तरायणी मेला, बागेश्वर
उत्तरायणी मेला उत्तरांचल राज्य के बागेश्वर शहर में आयोजित होता है। तहसील व जनपद बागेश्वर के अन्तर्गत सरयू गोमती व सुष्प्त भागीरथी नदियों के पावन सगंम पर उत्तरायणी मेला बागेश्वर का भव्य आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सगंम में स्नान करने से पाप कट जाते हैं बागेश्वर दो पर्वत शिखरों की उपत्यका में स्थित है इसके एक ओर नीलेश्वर तथा दूसरी ओर भीलेश्वर शिखर विद्यमान हैं बागेश्वर समुद्र तट से लगभग 960 मीटर की ऊचांई पर स्थित है।
सुविधाएं
संपादित करेंमेला बागेश्वर शहर में आयोजित क्षेत्र में शहर होने के कारण मूलभूत सभी सुविधाएं अपलब्ध है। यहाँ पर होटल रेस्टोरेन्ट पी.सी.ओ. बैक, पोस्ट आफिस पेट्रोल पम्प बाजार आदि की सुविधाएं उपलब्ध है।
कार्यक्रम
संपादित करेंउत्तरायणी मेला सम्पूर्ण कुमायुं का प्रसिद्ध मेला है। मेला अवधि में संगम तट पर दूर-दूर से श्रद्धालु, भक्तजन आकर मुडंन, जनेंऊ सरंकार, स्नान पूजा अर्चना करते हैं तथा पुण्य लाभ कमाते है विशेषकर मकर संक्रान्ति के दिन प्रातःकाल से ही हजारों की संख्या में स्त्री पुरूष बच्चे बूढें महिलाऐ संगम में डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि वर्ष में सूर्य छः माह दक्षिणायन में व छः माह उत्तरायण में रहता है। मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है इस समय संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। मेला अवधि में बाहर से आये हुए कलाकारों द्वारा विशेष नाटकों का आयोजन होता है स्थानीय कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता हैं। दिन में शैक्षिणिक संस्थानों के बालक बालिकाओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं।
आवागमन
संपादित करेंमेला शहर में आयोजित होने के कारण मोटर मार्गों से जुडा हुआ है पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहाँ आवागमन कार, टैक्सी व बसों द्वारा किया जाता है। यहाँ से कौसानी 40 कि.मी.बैजनाथ, 24 कि.मी., ग्वालदम 40 कि.मी., अल्मोड़ा 7.3 कि.मी., हल्द्वानी 160 कि.मी., पिथौरागढ 130 कि.मी., कपकोट 25 कि.मी.की दूरी पर मोटर मार्गों से जुडे हुए है यहाँ से समीपतम रेलवे स्टेशन 156 कि.मी.काठगोदाम तथा समीपतम एयरपोर्ट पंतनगर 190 कि.मी.है।
श्रृद्धालु वपर्यटक
संपादित करेंउत्त्रायणी मेला बागेश्वर कुमायुं का प्रसिद्ध व प्राचीनतम मेला है। यहाँ पर खरीद फरोख्त हेतु व्यापारी पर्यटक, श्रृद्धालु धारचूला, पिथौरागढ, अल्मोड़ा, लोहाघाट, चम्पावत, गढवाल, बरेली, बदायुं, रामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के अन्य स्थलों से आते है श्रृद्धालु दर्शनार्थी पर्यटक हजारों की संख्या में भाग लेते हैं।
कैसे पहुँच
संपादित करेंबागेश्वर राज्य के अन्य मुख्य शहरों से सड़क मार्ग से जुडा है। बस, टैक्सी तथा अन्य स्थानीय यातायात की सुविधायें उपलब्ध है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम 180 कि.मी.
- निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर 206 कि॰मी॰ (वर्तमान में नियमित हवाई सेवायें उपलब्ध नहीं है)
==इन्हें भी देखें=जय गड़वाल
सन्दर्भ
संपादित करें- सिंह, दिगपाल (१६ जनवरी २०१५). "उत्तरायणी की रौनक देखनी हो तो उत्तराखंड आएं". नई दिल्ली: आज तक. Archived from the original on 1 दिसंबर 2017. Retrieved २३ नवम्बर २०१७.
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- उपाध्याय, गणेश (१२ जनवरी २०१८). "तीन मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी नहीं मिला राज्य मेले का दर्जा". बागेश्वर: अमर उजाला. Archived from the original on 19 जनवरी 2018. Retrieved १९ जनवरी २०१८.