उपोष्णकटिबन्ध पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के तुरंत उत्तर तथा दक्षिण से सटकर लगे हुए क्षेत्र को कहते हैं जो कि कर्क रेखा और मकर रेखा के क्रमशः उत्तर तथा दक्षिण का इलाका है। यह क्षेत्र अमूमन दोनों गोलार्धों में २३.५° से लेकर ४०° तक के अक्षांशों में पाया जाता है हालांकि यह मौसम अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में या उष्णकटिबंधीय इलाकों में भी पाया जा सकता है।

उपोष्णकटिबन्ध मौसम

जलवायु विज्ञानी ग्लेन जी ट्रेवर्था के अनुसार, एक उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में साल में कम से कम आठ महीने औसतन १०° से. (५०.०° फ़ारनहाइट) या उससे ऊपर का तापमान होना चाहिए।

अमेरिकी जलवायु विज्ञानी जॉन. एफ. ग्रिफ़िथ ने अपनी पुस्तक ऍप्लाइड क्लामेटॉलजी (Applied climatology) में यह विवरण किया है कि उप-उष्णकटिबंध के सबसे ठंडे महीने में तापमान 6° से. (42.8° फ़ारनहाइट) और 18° से. (64.4° फ़ारनहाइट) के बीच होना चाहिए।

अभिलक्षण

संपादित करें

उप-उष्णकटिबंधीय जलवायु में सर्दियाँ अपेक्षाकृत गुनगुनी होती हैं, लेकिन गर्मी के मौसम की तरह गर्म नहीं होती हैं। ये मौसम शायद ही कभी पाला या बर्फबारी देखते हैं और इनमें ताड़, नींबू-वंशी और कई चौड़ी पत्तियों वाले सदाबहार वृक्ष पनपते हैं, उन मध्य अक्षांशों के विपरीत जिनमें मज़बूत पर्णपाती और शंकुधारी पेड़ हावी रहते हैं। उष्णकटिबंधीय पक्ष की ओर रुख करने से ज्ञात होता है कि गुलाबी सर्दियों वाला मौसम पूरी तरह गायब हो जाता है, जबकि उप-उष्णकटिबंधों की ध्रुवाभिमुखीय सीमा पर सर्दियाँ ज़्यादा प्रभावशाली होती हैं। समूचे उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र भर में वर्षा स्वरूप व्यापक रूप से बदलता है जैसे गर्म रेगिस्तान, सवाना, मानसून के जंगलों, नम जंगलों और भूमध्य जलवायु क्षेत्र के गर्म भागों में।

चित्र दीर्घा

संपादित करें

इन्हें भी देखें

संपादित करें