उलझन (1975 फ़िल्म)
उलझन 1975 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन रघुनाथ झालानी द्वारा किया गया। फिल्म में अशोक कुमार, संजीव कुमार और सुलक्षणा पंडित हैं। संगीत कल्याणजी-आनंदजी का है।
उलझन | |
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उलझन का पोस्टर | |
निर्देशक | रघुनाथ झालानी |
निर्माता | सुदेश कुमार |
अभिनेता |
अशोक कुमार संजीव कुमार सुलक्षणा पंडित |
संगीतकार | कल्याणजी-आनंदजी |
प्रदर्शन तिथि |
1975 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंपुलिस इंस्पेक्टर आनन्द (संजीव कुमार) और करुणा (सुलक्षणा पंडित) प्यार में हैं। वे अपने बड़ों की सहमति से मिलते हैं और शादी कर लेते हैं। शादी के कुछ समय बाद, एक हत्या होती है, और सुराग करुणा की ओर इशारा करते हैं। आनंद इस पर विश्वास नहीं करता है। लेकिन करुणा में बदलाव को देखते हुए, वह सक्रिय रूप से इन सुरागों का पीछा करना शुरू कर देता है।
आनन्द के पिता (अशोक कुमार), जो पेशे से न्यायाधीश हैं और बाकी परिवार के लोग बहू के पक्ष में हैं। आनन्द को अपने परिवार की इच्छा के विरुद्ध यह छानबीन करनी होती है। अंत में उषा की गवाही के कारण करुणा बेगुनाह निकलती है और सब दोबारा से मिल जाते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अशोक कुमार ― जज कैलाश चन्द्र
- संजीव कुमार ― आनन्द
- सुलक्षणा पंडित ― करुणा
- फरीदा जलाल ― कमला
- असरानी ― विक्रम
- पिंचू कपूर ― डीसीपी उमेश चन्द्र
- अरुणा ईरानी ― उषा
- विजू खोटे ― शर्मा
- ओम शिवपुरी ― वकील मेहरा
- उर्मिला भट्ट ― लक्ष्मी चन्द्र
- रंजीत ― बृजभूषण
- राजू श्रेष्ठ ― मुन्ना
- मुराद ― न्यायधीश
संगीत
संपादित करेंसभी गीत एम॰ जी॰ हाशमत द्वारा लिखित; सारा संगीत कल्याणजी-आनंदजी द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "अपने जीवन की उलझन को" | किशोर कुमार | 4:25 |
2. | "मुझको तो क़ातिल की इतनी पहचान" | मोहम्मद रफ़ी, सुदेश कुमार, आशा भोंसले | 5:14 |
3. | "आज प्यारे प्यारे से लगते है आप" | किशोर कुमार, सुलक्षणा पंडित | 4:16 |
4. | "सुबह और शाम काम ही काम" | लता मंगेशकर | 4:04 |
5. | "बैरी सइया की नजरियां" | उषा टिमोथी, कंचन | 4:30 |
6. | "अपने जीवन की उलझन को" | लता मंगेशकर | 4:30 |