कमला दासगुप्त

भारतीय कार्यकर्ता

कमला दासगुप्त (11 मार्च 1907 - 19 जुलाई 2000)  एक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं

कमला दासगुप्त

उनका जन्म 1907 ढाका के बिक्रमपुर के एक भद्रलोक वैद्य परिवार में हुआ था। बाद में उनका परिवार कलकत्ता चला गया, जहाँ उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय के बेथ्यून कॉलेज, [1] से इतिहास में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की। कलकत्ता में विश्वविद्यालय में मिले युवाओं में राष्ट्रवादी विचार मौजूद थे और उनमें स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने की तीव्र इच्छा थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़कर मोहनदास करमचंद गांधी के साबरमती आश्रम में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन उनके माता-पिता ने मना कर दिया। अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद, उन्होंने चरमपंथी जुगान्तर पार्टी के कुछ सदस्यों के साथ निकतता बढ़ाई। शीघ्र ही अपने मूल गांधीवाद से वे सशस्त्र प्रतिरोध के पथ पर अग्रसर हो गयीं। [2]

1930 में उन्होंने घर छोड़ दिया और गरीब महिलाओं के लिए संचालित एक छात्रावास के प्रबंधक के रूप में नौकरी कर ली। वहाँ उन्होंने क्रांतिकारियों के लिए बम और बम बनाने की सामग्री संग्रहीत की और उसे क्रान्तिकारियों तक पहुँचाया। [3] उन्हें बम विस्फोटों के सिलसिले में कई बार गिरफ्तार किया गया था लेकिन हर बार सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया था। बीना दास को उन्होंने ही वह रिवॉल्वर प्रदान किया था जिसका उपयोग उन्होंने फरवरी 1922 में गवर्नर स्टेनली जैक्सन को गोली मारने के लिए किया था, [4] और उस अवसर पर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन रिहा कर दिया गया था।

1933 में अंग्रेज अन्ततः उन्हें सलाखों के पीछे डालने में सफल रहे। 1936 में उन्हें रिहा करके नजरबंद कर दिया गया। 1938 में जुगान्तर पार्टी ने खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जोड़ लिया, और कमला ने भी अपनी निष्ठा को बड़ी पार्टी में स्थानांतरित कर दिया। उसके बाद से वह राहत कार्य में शामिल हो गईं, विशेष रूप से 1942 और 1943 के बर्मी शरणार्थियों के साथ और 1946-47 में सांप्रदायिक दंगों के शिकार लोगों के साथ। वह नोवाखाली में राहत शिविर की प्रभारी थीं, जहां गांधी ने 1946 में दौरा किया था।

उन्होंने कांग्रेस महिला शिल्प केंद्र और दक्षिणेश्वर नारी स्वाबलंबी सदन में महिलाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए काम किया। कई वर्षों तक उन्होंने अभूतपूर्व महिला पत्रिका "मंदिर" का संपादन किया। उन्होंने बंगाली में दो संस्मरण लिखे, रक्तेर अक्षरे (रक्त के अक्षरों में, 1954) और स्वाधीनता संग्रामे नारी (स्वतंत्रता संग्राम में महिलाएं, 1963)।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Distinguished Almunae Archived 18 सितंबर 2008 at the वेबैक मशीन www.bethunecollege.ac.in.
  2. "Dasgupta, Kamala - Banglapedia". en.banglapedia.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2017-11-08.
  3. Morgan, Robin (1996). Sisterhood is Global: The International Women's Movement Anthology. Feminist Press at CUNY. पृ॰ 303. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-55861-160-3.
  4. Kumar, Radha (1997). The History of Doing: An Illustrated Account of Movements for Women's Rights and Feminism in India 1800-1990. Zubaan. पृ॰ 87. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-85107-76-9.