करण थापर
करन थापर एक भारतीय पत्रकार और टेलीविज़न कमेंटेटर और इंटरव्यूअर हैं।[1] वे CNN-IBN से जुड़े हुए थे और वह द डेविल्स के अधिवक्ता थे और लास्ट वर्ड की मेजबानी की। वे वर्तमान में इंडिया टुडे से जुड़े हुए हैं और टू द पॉइंट और नोथिंग बट द ट्रुथ की मेजबानी करते हैं।[2]
करण थापर | |
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करण थापर की अध्यक्षता में एक बहस के दून स्कूल, अपने अल्मा मेटरके दौरान, अपनी प्लेटिनम जुबली समारोह है | |
जन्म |
5 नवम्बर 1955 Srinagar, Jammu & Kashmir, India |
शिक्षा |
The Doon School Pembroke College, Cambridge St Antony's College, Oxford |
पेशा | Journalist, News Anchor |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संपादित करेंकरन थापर भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष प्राण नाथ थापर के सबसे छोटे बेटे हैं और उनकी माँ का नाम बिमला थापर है। इतिहासकार रोमिला थापर उनकी कजिन हैं।
वह द दून स्कूल और द स्टेव स्कूल के पूर्व छात्र थे। थापर द दून वीकली के प्रधान सम्पादक थे। उन्होंने 1977 में पैमब्रोक कॉलेज ,कैंब्रिज से अर्थशास्त्र और राजनीतिक दर्शन में डिग्री ली। उसी साल वे कैंब्रिज संगठन के अध्यक्ष भी थे।
करियर
संपादित करेंउन्होंने द टाइम्स,नाइजीरिया के साथ अपने करियर की शुरुआत की और बाद में उन्होंने 1981 तक उनके मुख्य लेखक के तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में काम किया। 1982 में वे लन्दन वीकेंड टेलीविज़न में शामिल हो गए और अगले ११ वर्षो तक वहाँ काम किया। फिर वे भारत आ गए जिसके बाद उन्होंने द हिंदुस्तान टाइम्स टेलीविज़न ग्रुप,होम टीवी और यूनाइटेड टेलीविज़न के साथ काम किया और बाद में अगस्त 2001 में इंफोटेनमेंट नाम का अपना प्रोडक्शन हाउस बनाया।
वर्तमान में वे इंफोटेनमेंट टेलीविज़न के अध्यक्ष हैं और उन्हें राजनेताओं के साथ तीखे साक्षात्कार लेने के लिए जाना जाता है।
उनके कुछ टीवी शोज को काफी पसंद किया गया है। .
अप्रैल 2014 में, थापर ने CNN-IBN को छोड़कर इंडिया टुडे में आ गए। वे चैनल के नए शो टू द पॉइंट को होस्ट कर रहे हैं। करन थापर की पत्रकारिता को अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी भारत के विरुद्ध कुलभूषण जाधव मामले में प्रयोग किया जा चुका है[3]।
पुरस्कार
संपादित करें- 1995 में थापर ने सबसे आचे करंट अफेयर्स कार्यक्रम के लिए ओनिडा पिनाकल अवार्ड जीता।
- दिसंबर 2003 में, थापर एशियन टेलीविजन पुरस्कार में सामयिकी की श्रेणी में अवार्ड जितने वाले पहले व्यक्ति बने।
- 2008 में उनको डेविल्स अधिवक्ता में राम जेठमलानी का इंटरव्यू लेने के लिए बेस्ट सामयिकी प्रस्तुतकर्ता का अवार्ड मिला। .
- 2009 में कारन थापर को पत्रकारिता में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस अवार्ड के लिए चुना गया।
किताबें
संपादित करें- Face To Face India - Conversations With Karan Thapar, Penguin, ISBN 0-14-303344-1
- Sunday Sentiments, Wisdom Tree, ISBN 81-8328-023-4
- More Salt Than Pepper - Dropping Anchor With Karan Thapar, Harper Collins, ISBN 978-81-7223-776-9
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "'अम्मा' जयललिता ने इंटरव्यू के बाद करण थापर से कहा 'आपसे मिलकर बिल्कुल खुशी नहीं हुई'". मूल से 26 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जुलाई 2018.
- ↑ "Surprised by Jayalalithaa".
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 24 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2019.