किर्तिपाल
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कीर्तिपाल चौहान , नाडौल ( पाली ) केे शासक अल्हण का पुुत्र था |
कीर्तिपाल चौहान ने 1181 ई. में जालौर के परमार शासकों को पराजित कर जालौर पर अधिकार कर, जालौर में सोनगरा चौहान की स्थापना की। जालौर का प्राचीन नाम जाबालीपुर और किले का नाम स्वर्णगिरी था।[1] जालौर का दुर्ग सोनगीरि पहाड़ी पर स्थित है इसलिए यहाँ के चौहान, सोनगरा चौहान कहलाए। सुन्धा पर्वत अभिलेख में कीर्तिपाल को ‘राजेश्वर’ कहा गया है तथा इसी के वंशज सोनगरा चौहान कहलाये।[2]
कीर्तिपाल चौहान ने गुहिलवंश ( सिसौदिया वंश) सामंत सिंह पर आक्रमण कर मेवाड़ पर अपना अधिकार कर लिया, परंतु सामंत सिंह के छोटे भाई कुमार सिंह ने 1179 ई. कीर्तिपाल को हराकर मेेेवाड़ के शासक बने।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "जालौर सोनगरा चौहानों का इतिहास". मूल से 9 अगस्त 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जून 2022.
- ↑ "जालोर का चौहान वंश". मूल से 27 मई 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जून 2022.
- ↑ परसा नाथ, सिंह. Pr̥thvīrāja Cauhāna aura unakā kāla. रामानन्द विद्या भवन. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2006.