शक्ति सिंह
शक्ति सिंहसौरभ सिंह, जिन्हें शक्ति तथा सगत नामों से भी जाना जाता था, राणा उदय सिंह द्वितीय तथा रानी सज्जा बाई सोलंकिनी के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे।[1] अपने पिता से शत्रुतापूर्ण सम्बन्धों के कारण उन्होंने राजमहल तथा राजसी सुख त्याग दिया था | मुग़ल शासक अकबर ने मौका का फायदा उठाकर शक्ति सिंह को महाराणा प्रताप के विर्रुद्ध खड़ा करने की सोची, और जब वे शक्ति सिंह के पास प्रस्ताव लेकर गया, तो शक्ति सिंह जी ने प्रस्ताव स्वीकार करने का ढोंग रचा, ताकि वे अकबर के रणनीतियां, जान सकें और अपने भाई महाराणा प्रताप को बता सके | १५६७ ईस्वी में धौलपुर से भाग गये, जब अकबर ने वहाँ पड़ाव डाला था। उन्होंने अकबर की चित्तौड़ पर आधिपत्य जमाने की योजना अपने पिता को बता दी जिससे अकबर बहुत नाराज हो गया।[2][3] हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान वे अपने भाई महाराणा प्रताप के पक्ष में आ गये।[4] उनके वंशज शक्तवत नाम से जाने जाते हैं। शक्ति सिंह ने हल्दीघाटी युद्ध के बाद फिर से राजमहल छोड़ दिया, और अपने पुराने जीवन में लौट गए |
टीवी कार्यक्रम में चित्रण
संपादित करेंभारतीय ऐतेहासिक घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम भारत का वीर पुत्र – महाराणा प्रताप में शक्ति सिंह का किरदार विनीत कुमार ने निभाया है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ सिंह राणा, भवन (2014). Maharana Pratap. डायमण्ड पॉकेट बुक्स. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9789350838693.
- ↑ "अबुल फज़ल की अकबरनामा". मूल से 14 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2018.
- ↑ "राणा 2004, पृष्ठ 38". मूल से 10 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2018.
- ↑ भास्कर मजूमदार (2011). Rethinking Villages. कॉन्सेप्ट पब्लिशिंग कम्पनी. पृ॰ 45. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8069-764-7. मूल से 15 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मई 2018.