कुमाऊँ रेजीमेंट भारतीय सशस्त्र सेना का एक सैन्य-दल है, जिसकी स्थापना सन् 1788 में हुई। यह कुमांऊँ नामक हिमालयी क्षेत्र के निवासियों से सम्बन्धित भारतीय सैन्य-दल है। जिसका मुख्यालय उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के रानीखेत नामक पर्वतीय स्थान में स्थित है तथा भारतीय सशस्त्र सेना के वीरता का प्रथम सर्वश्रेष्ठ सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित है। कुमाऊँ रेजिमेंट को 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान तथा 1962 के भारत और चीन युद्ध के लिये विशेष गौरवपूर्ण माना जाता ।

कुमाऊं रेजिमेंट
सक्रिय1813 – वर्तमान
देशभारत India
शाखा Indian Army
प्रकारInfantry
विशालता19 Battalions
रेजिमेंटल सेंटररानीखेत, उत्तराखण्ड
अन्य नामCreed Of The Man Eaters
आदर्श वाक्यParakramo Vijayate (Valour Triumphs)
War Cry
Kalika Mata Ki Jai (Victory to the Great Goddess Kali)
मार्च (सीमा रक्षा)Bedu Pako Baro Masa
सैनिक चिह्न2 परमवीर चक्र

4 अशोक चक्र
10 महावीर चक्र
6 कीर्ति चक्र
2 Uttam Yudh Seva Medals
78 वीर चक्र
1 Vir Chakra & Bar
23 शौर्य चक्र
1 Yudh Seva Medal
127 सेना मेडल
2 Sena Medals and Bar
8 Param Vishisht Seva Medals
24 अति विशिष्ट सेवा पदक

36 Vishisht Seva Medals
युद्ध सम्मानPost Independence Srinagar (Badgam), Rezang La, Gadra City, Bhaduria, Daudkandi, Sanjoi Mirpur and Shamsher Nagar
सेनापति
वर्तमान
सेनापति
Lt. Gen. Rana Pratap Kalita
प्रसिद्ध
सेनापति
Gen. S.M. Shrinagesh
Gen. K.S. Thimayya
Gen. T.N. Raina
बिल्ला
Regimental InsigniaA demi-rampant lion holding a cross. The demi-rampant lion is part of the arms of the Russel family, whose ancestor had started the body of troops now formed into the Kumaon Regiment.

सैन्य भर्ती

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कुमाऊं रेजिमेंट का रेजिमेंटल केन्द्र रानीखेत में है, और इसमें कुमाऊं क्षेत्र से स्थानीय क्षत्रिय निवासियों की, और मैदानी इलाकों से की भर्ती होती है।[1]

सेना की संरचना मुख्य रूप से कुमाऊंनियों और साथ-साथ मैदानी इलाकों के विभिन्न समुदायों की रही है।[2][3][4]

कुमाऊँ रेजीमेंट की स्थापना सन् 1788 में हैदराबाद में हुयी थी, तब मात्र चार बटालियनें थीं। (सन् 2019 में इक्कीस बटालिनें हैं)[5][6] कुमाऊँ रेजीमेंट के स्वतंत्रता पूर्व की शौर्य गाथा का इतिहास भी गौर्वान्वित रहा है। इस रैजीमेंट ने मराठा युद्ध (1803), पिण्डारी युद्ध (1817), भीलों के विरुद्ध युद्ध (1841), अरब युद्ध (1853), रोहिल्ला युद्ध (1854) तथा भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम, झॉंसी (1857) इत्यादि युद्धों में महत्वपूर्ण तथा गौरवपूर्ण कर्तव्यों का निर्वहन किया।

शौर्य गाथा

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भारत की स्वतंत्रता से पहले से ही कुमांऊँ रेजीमेंट की शौर्य गाथा का इतिहास गौर्वान्वित रहा है। इस रैजीमेंट ने मराठा युद्ध (1803), पिन्डारी युद्ध (1817), भीलों के विरुद्ध युद्ध (1841), अरब युद्ध (1853), रोहिल्ला युद्ध (1854) इत्यादि युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

परमवीर चक्र (वीरता का सर्वोच्च सम्मान)

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  • भारत का प्रथम परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरान्त, जो कुमांऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन (Four Kumaon) की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर थे, को भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • मेजर शैतान सिंह भाटी को मरणोपरान्त, कुमांऊँ रेजिमेंट की तेरहवीं बटालियन की चार्ली कंपनी के थे, को भारत-चीन के रेज़ांग ला युद्ध(18/11/1962) के दौरान।

महावीर चक्र

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  • लेफ्टीनेन्ट कर्नल धरमसिंह को भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • सैनिक मानसिंह (मरणोपरान्त) भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • नायक नरसिंह (मरणोपरान्त) भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • सैनिक दिवानसिंह (मरणोपरान्त) भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • मेजर मलकियतसिंह बरार (मरणोपरान्त) भारत-पाक युद्ध (1947) के दौरान।
  • पूर्व ब्रिगेडियर जनरल तपीश्वर नारायणसिंह रैना को भारत-चीन युद्ध (1962) के दौरान।

अशोक चक्र

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  • मेजर भूकान्त मिश्रा (मरणोपरान्त) कुमांऊँ रेजिमेंट की पन्द्रहवीं बटालियन के थे, को ब्लू स्टार ऑपरेशन अमृतसर, पंजाब (1984) के दौरान।
  • नायक निर्भयसिंह (मरणोपरान्त) कुमांऊँ रेजिमेंट की पन्द्रहवीं बटालियन के थे, को ब्लू स्टार ऑपरेशन अमृतसर, पंजाब (1984) के दौरान।
  • सुबेदार सज्जनसिंह (मरणोपरान्त) कुमांऊँ रेजिमेंट की तेरहवीं बटालियन के थे, को ऑपरेशन रक्षक जम्मू-कश्मीर (1994) के दौरान।
  • नायक रणवीरसिंह तोमर (मरणोपरान्त) कुमांऊँ रेजिमेंट की पन्द्रहवीं बटालियन के थे, को डोडा

सियाचीन ग्लेशियर पदक

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उच्च तुंगला पदक

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सैन्य सेवा पदक

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विशेष सेवा पदक

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  1. "Official Website of Indian Army". indianarmy.nic.in. Retrieved 2021-10-23.
  2. "The Official Home Page of the Indian Army". www.indianarmy.nic.in. Retrieved 2020-03-30.
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; IndArmy नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Sharma1990 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. "BICENTENARY OF THE 4TH BATTALION OF THE KUMAON REGIMENT". Archived from the original on 1 दिसंबर 2017. Retrieved 27 दिसम्बर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  6. "The Kumaon Regiment has a glorious past spanning around 225 years". Archived from the original on 27 दिसंबर 2017. Retrieved 27 दिसम्बर 2017. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)

विस्तृत पठान

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  • प्रवल, के सी (१९७६). Valour triumphs: a history of The Kumaon Regiment [बहादुरों की विजय: कुमाऊं रेजिमेंट का इतिहास] (in अंग्रेज़ी). फरीदाबाद: द थॉमसन प्रेस.
  • ओवरटन, जे एफ ए (१९८३). Historical record of The Kumaon Rifles [कुमाऊं राइफल्स का ऐतिहासिक रिकॉर्ड] (in अंग्रेज़ी). लंदन: जे एफ ए ओवरटन.