कोलियार
कोलियार प्राचीन तमिल समाज की कारीगर जातियों में से एक है। [1] ये कला कारिगर एक समूह हैं जिनका मध्ययुगीन तमिल शिलालेखों में नियमित रूप से उल्लेख किया जाता था। [2] उन्हें किल्कलनई समूह के गठन के रूप में टैकर (बढ़ई, राजमिस्त्री आदि), कोल्लार और टाटर के साथ वर्गीकृत किया गया था। इतिहासकार केवी सुब्रह्मण्य अय्यर के अनुसार, यह शब्द संस्कृत अनुलोम को संदर्भित करता है। [3]
- ↑ Naṭana Kācinātan. "Ancient Industries of Tamilnadu". Special Commissioner and Commissioner of Museums, Government Museum, 2007. पृ॰ 18.
- ↑ Raju Kalidos. History and Culture of the Tamils: From Prehistoric Times to the President's Rule. Vijay Publications, 1976. पृ॰ 18.
- ↑ Auvai Naṭarācan. Art Panorama of Tamils. State Department of Archaeology, 1992. पृ॰ 17.
विशेष निवासक्षेत्र | |
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तमिलनाडु, भारत | |
भाषाएँ | |
तमिल | |
धर्म | |
हिन्दू धर्म | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
तमिल लोग |