कोशी नदी, जिसे कोसी या कौशिकी भी कहा जाता है, उत्तर भारत की प्रमुख तथा पवित्र नदियों में से एक हैं। स्कंदपुराण के मानसखण्ड में इस नदी का उल्लेख कौशिकी के नाम से हुआ है। यह उत्तराखण्ड के कुमांऊॅं क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण नदी है।[1] यह रामगंगा की सहायक नदी है। नदी के तट पर कैर तथा शीशम के जंगल पाए जाते हैं।[2] कोशी नदी की लम्बाई १६८ किलोमीटर है तथा इसका अपवाह क्षेत्र लगभग ३४६ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।[3]

कोशी नदी
(पौराणिक नाम कौशिकी)
देश भारत
स्रोत धारापानी धार
 - स्थान उत्तराखण्ड, भारत
मुहाना चमरौल
 - स्थान उत्तर प्रदेश, भारत

कोशी कौसानी के निकट धारापानी धार से निकलती है, और दक्षिण दिशा की ओर बहती है। सोमेश्वर तथा अल्मोड़ा नगरों से बहती हुई यह ख्वारब पहुँचती है, जहाँ सुयाल नदी इसमें मिल जाती है।[4] ख्वारब से यह पश्चिम की और बहने लगती है, और खैरना, गरमपानी, तथा कैंची इत्यादि क्षेत्रों से होती हुई आगे बढ़ती है। सल्ट पट्टी पहुँचने के बाद मोहान तक यह उत्तर-पश्चिम दिशा में बहती है, जहाँ से यह एक तीखा मोड़ लेकर दक्षिण-पूर्व की ओर बहने लगती है। ढिकुली से गुजरने के बाद रामनगर में यह मैदानों में उतरती है। रामनगर से ७० मील का सफर तय करने के बाद सुल्तानपुर में यह उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है। यह रामपुर नगर के बायीं ओर से गुजरती है और चमरौल के पास रामगंगा में मिल जाती है।[5]

दशा और दिशा

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यद्यपि कोशी नदी उत्तर भारत की महत्वपूर्ण व प्रमुख नदियों में से एक है, परन्तु पिछले कुछ ही दसकों के दौरान विलुप्तता की ओर मुंह कर चुकी है। लगभग 30-40 वर्ष पूर्व कोशी नदी की लंबाई 225 किलोमीटर तक थी, दुर्भाग्यवश 2017 में सिमटकर लगभग 41 किमी ही रह गयी है। पहले इसकी लघु सरिताओं (गधेरों) की संख्या 1820 थी, जो 2017 में सिमटकर 118 तक रह गयीं हैं। इन लघु सरिताओं के दम तोड़े जाने के कारण कोशी 41 किमी पर ही सिमट चुकी है।

प्रमुख नगर

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सहायक लघु सरिताऐं

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  • नान कोसी
  • सुयाल
  • उलाबगाड़
  • कुचगाड़
  • रामगाड़
  • धौरा

टिप्पणियां

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  1. (नेगी १९९३), प॰ ४९
  2. (नेगी १९९१), प॰ ८९
  3. (भट्ट १९९१), प॰ ४४
  4. (अग्रवाल १९९५), प॰ २८९
  5. (अग्रवाल १९९५), प॰ २८९
  • नेगी, शरद सिंह (१९९१). Himalayan rivers, lakes and glaciers [हिमालयी नदियां, झीलें तथा हिमनद] (अंग्रेज़ी में). नई दिल्ली: इंडस प्रकाशन कंपनी. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788185182612. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अक्तूबर 2017.
  • भट्ट, एस॰ डी॰; पाण्डे, आर॰ के॰ (1991). Ecology of the mountain waters [पहाड़ी जल की परिस्थितिकी] (अंग्रेज़ी में). नई दिल्ली: आशीष प्रकाशन हाउस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788170243663. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अक्तूबर 2017.
  • अग्रवाल, जे॰ सी॰; अग्रवाल, एस॰ पी॰; गुप्ता, शांति स्वरुप (१९९५). Uttarakhand : past, present, and future [उत्तराखण्ड : भूत, वर्त्तमान तथा भविष्य] (अंग्रेज़ी में) (प्रथम प्रकाशन संस्करण). नई दिल्ली: कॉन्सेप्ट प्रकाशन कंपनी. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8170225720. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अक्तूबर 2017.
  • नेगी, शरद सिंह (१९९३). Kumaun : the land and the people [कुमाऊँ : भूमि तथा वहां के लोग] (अंग्रेज़ी में). नई दिल्ली: इंडस प्रकाशन कंपनी. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8185182896. मूल से 18 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 अक्तूबर 2017.
  • भट्ट, एस॰ डी॰; पाठक, जे॰ के॰ (१९८४). Ecology of the lymnofauna in the river Kosi of the Kumaun Himalaya (Uttar Pradesh) (अंग्रेज़ी में). भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादेमी.

बाहरी कड़ियाँ

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