कौमुदी महोत्सव
कौमुदी महोत्सव प्राचीन भारत में मनाया जाने वाला एक उत्सव था।[1] यह कौमुदी के दिन (अर्थात् कार्तिक मास की पूर्णिमा) मनाया जाता था।
'कौमुदीमहोत्सवम्' नाम का एक नाटक भी है जो विज्जिका अथवा विजयभट्टारिका अथवा विजयाम्बिका की रचना है जो कर्नाट की रानी थीं। यह नाटक पाँच काण्डों में है। नाटक पाटलिपुत्र के राजकुमार कल्याणवर्मन के जीवन पर आधारित है।
सन्दर्भ
संपादित करेंkaumudi mahotsav kasa akanki h
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- कौमुदीमहोत्सवनाटकम्
- कौमुदीमहोत्सवम् का हिन्दी अनुवाद (अनुवादक - डॉ रामकुमार वर्मा)
- कौमुदीमहोत्सवम् का अंग्रेजी अनुवाद (अनुवादक - डॉ शाकुन्तल राव शास्त्री)
- कौमुदी महोत्सव[मृत कड़ियाँ] (रचनाकार)
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