खलनायक (फ़िल्म)

1993 की सुभाष घई की फ़िल्म

खलनायक 1993 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फिल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन सुभाष घई ने किया है और मुख्य किरदार संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ ने निभाए हैं। यह फिल्म आँखें के बाद साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म थी। इसने 2 फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते थे।

खलनायक

खलनायक का पोस्टर
निर्देशक सुभाष घई
लेखक सुभाष घई
कमलेश पांडे (संवाद)
पटकथा राम केलकर
निर्माता सुभाष घई
अशोक घई
अभिनेता संजय दत्त,
माधुरी दीक्षित,
जैकी श्रॉफ,
अनुपम खेर,
राखी गुलज़ार,
रम्या कृष्णा
संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
प्रदर्शन तिथियाँ
6 अगस्त, 1993
लम्बाई
190 मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी

बल्लू बलराम प्रसाद (संजय दत्त) एक गैंगस्टर है जिसे इंस्पेक्टर राम (जैकी श्रॉफ) ने गिरफ्तार किया है। बल्लू जेल से बच निकलता है, जब राम अपनी प्रेमिका गंगा (माधुरी दीक्षित) से मिलने जाता है, जो भी एक पुलिस अधिकारी है। जब इसकी खबर बाहर आती है, तो राम की प्रतिष्ठा खराब हो जाती है क्योंकि मीडिया राम को ऐसे अधिकारी के रूप में चित्रित करता है जिसने अपना कर्तव्य उपेक्षित कर दिया है। गंगा, राम की प्रतिष्ठा को बहाल करने के प्रयास में गुप्त मिशन पे जाती है। गंगा को पता चलता है कि बल्लू एक दयालु व्यक्ति है जो गरीबी और परिस्थितियों के कारण अपराध में पड़ गया है, और वहना शुरू हो गया। जब उसे पता लगाता है कि वह उससे प्यार नहीं करती और पुलिस अधिकारी है तो वह क्रोधित हो जाता है। गंगा ने बल्लू की मदद करना जारी रखी क्योंकि उसने उसमें अच्छाई देखी है। इस बीच, राम मदद के लिए बल्लू की मां से संपर्क करता है और महसूस करता है कि बल्लू वास्तव में उसके बचपन का दोस्त हैं। बल्लू की मां और बल्लू क्रमशः राम और गंगा को बताते हैं कि कैसे रोशिदा ने उनकी गरीबी का इस्तेमाल बल्लू को भ्रष्ट करने के लिए किया था। रोशिदा ने बल्लू की बहन को मार डाला और पुलिस पर दोष लगाया।

गंगा डरती है कि पुलिस बल्लू को मार डालेगी और पुलिस को उसे गोली मारने से रोक देती है, जिससे वह भाग जाता है। उसे अपराधी की सहायता के लिए गिरफ्तार किया जाता है और बल्लू के साथ रिश्ते में होने का आरोप लगाया जाता है, जो उसकी पेशेवर और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नष्ट कर देता है। बल्लू की मां (राखी गुलज़ार) उसे पाती है। निम्नलिखित टकराव में, बल्लू की मां राम का पक्ष लेती है और बल्लू को मनाने की कोशिश करती है। रोशिदा की मौत के बाद, बल्लू खुद को नए मालिक के रूप में स्थापित करता है - लेकिन उसकी प्रेमिका ने सूचित किया कि गंगा उसकी सहायता के लिए मुकदमा चलाने जा रही है। दिल में बदलाव होने के कारण, बल्लू अदालत पर हमला करता प्रतीत होता है, लेकिन फिर आत्मसमर्पण करता है और शपथ लेता है कि गंगा निर्दोष है, जिससे उसकी प्रतिष्ठा बहाल हो जाती है और वह और राम मिलते हैं।

मुख्य कलाकार

संपादित करें

सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."आजा साजन आजा"अलका याज्ञनिक5:52
2."पालकी में होके सवार चली रे"अलका याज्ञनिक9:08
3."ऐसे तेरी याद आती है"मोहम्मद अज़ीज़, अलका याज्ञनिक6:45
4."चोली के पीछे क्या है"अलका याज्ञनिक, ईला अरुण8:40
5."चोली के पीछे क्या है" (II)विनोद राठौड़7:14
6."देर से आना जल्दी जाना"अलका याज्ञनिक, मनहर उधास7:01
7."नायक नहीं खलनायक हूँ मैं"विनोद राठौड़, कविता कृष्णमूर्ति7:48
8."नायक नहीं खलनायक है तू"ईला अरुण, कविता कृष्णमूर्ति7:58
9."ओ माँ तुझे सलाम"जगजीत सिंह10:39

नामांकन और पुरस्कार

संपादित करें
वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1994 अलका याज्ञनिक, ईला अरुण ("चोली के पीछे") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार जीत
सरोज खान ("चोली के पीछे") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नृत्यरचना पुरस्कार जीत
सुभाष घई फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार नामित
सुभाष घई फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार नामित
संजय दत्त फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार नामित
माधुरी दीक्षित फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार नामित
जैकी श्रॉफ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार नामित
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार नामित
आनन्द बक्शी ("चोली के पीछे") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार नामित
विनोद राठोड़ ("नायक नहीं खलनायक हूँ मैं") फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार नामित

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें