खाती
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खाती एक भारतीय हिन्दू जाति है। यह सामान्यतः मध्यप्रदेश हरियाणा, राजस्थान ,पंजाब में स्थानरत है। विशेष कर मध्यप्रदेश में उनकी उल्लेखनीय उपस्थिति है और उनका पारम्परिक व्यवसाय कृषि, विशेषकर पशुपालन और है। मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र (उज्जैन, देवास, इंदौर, शाजापुर ,सीहोर, मंदसौर, नीमच, खंडवा, खरगोन, भोपाल, धार, रायसेन, राजगढ़, विदिशा) में पाई जाती है तथा सामान्य रूप से ग्रामों में निवास करती है[1][2]
उत्पति
संपादित करेंवेदों और पुराणों के अनुसार जांगिड़ ब्राह्मण(खाती) या जांगड़ा ब्राह्मण ब्रह्म ऋषि अंगिरा के वंशज माने जाते हैं। अंगिरा ऋषि जांगल देश में रहते थे। अथर्ववेद के 19वें कांड में 34 और 35 सूक्त को जांगिड़ सूक्त कहा जाता है। 34 और 35 सूक्त में कुल 15 मंत्र आते हैं जिन्हें जांगिड़ मंत्र भी कहते हैं।
अंगिरा असि जंगिडो रक्षितासि जंगिडः।
द्विपाच्चतुष्पादस्माकं सर्व रक्षतु जंगिडः ||1||
या गृत्स्यस्त्रिपञ्चाशीः शतं कृत्याकृतश्च ये।
सर्वान विनक्तु तेजोऽरसां जंगिडस्करत् ।।2।।
अरसं कृत्रिमं नादमरसाः सप्त विस्त्रसः।
अपेतो जंगिडामतिमिषुमस्तेव शातय ।।3।।
कृत्यादूषण एवायमथो अरातिदूषणः ।
अथो सहस्वाजंगिडः प्रण आयूंषि तारिषत् ।।4।।
स जंगिडस्य महिमा परिणः पातु विश्वतः ।
विष्कन्धं येन सासह संस्कन्धमोज ओजसा ।।5।।
त्रिष्ट्वा देवा अजनयन् निष्ठितं भूम्यामधि ।
तमु त्यांगिरा इति ब्राह्मणाः पूर्व्या विदुः ।।6।।
न त्या पूर्वा ओषधयो न त्वां तरन्ति या नवाः।
विबाध उग्रो जंगिडः परिपाणः सुमंगलः ।।7।।
अथोपदान भगवो जंगिडामितवीर्य ।
पुरा त उग्रा ग्रसत उपन्द्रो वीर्य ददौ।।8।।
उग्र इत् ते वनस्पत इन्द्र ओज्मानमा दधौ ।
अमीवाः सर्वाश्चातयं जहि रक्षांस्योषधे ।।9।।
आशरीक विशरीकं बलासं पृष्टयामयम्।
तक्मानं विश्वशारदमरसां जंगिडस्करत् ।।10।।
सूक्त -35
इन्द्रस्य नाम गृलहन्त ऋषियों जंगिडं ददुः ।
देवा यं चकुर्भेषजमग्रे विष्कन्धदूषणम् ।।1।।
स नो रक्षतु जंगिडो धनपालो धनेव ।
देवा यं यकुर्ब्राह्मणाः परिपाणमरातिहम् ।।2।।
दुर्हार्दः सं घोरं चक्षु पापकृत्यानमागमर्म ।
तांस्त्वं सहस्रचक्षे प्रतीबोधेन नाशय परिपाणोऽसि जंगिडः ।।3।।
परिमा दिवः परि मा पृथ्व्यिाः पर्यन्तरिक्षात् परि मा वीरुदभ्यः।
परि मा भूतात् परि मोत भव्याद् दिशो दिशो जंगिडः पात्वस्मान् ।।4।।
य ऋष्णो देवकृता य उतो वबृतेऽन्यः ।
सर्वास्तान् विश्वभेषजोरसा जंगिडस्करत् ।।5।।
- ↑ परमजीत एस॰ जज (13 मार्च 2014). Mapping Social Exclusion in India: Caste, Religion and Borderlands [भारत में सामाजिक बहिष्करण का मानचित्रण: जाति, धर्म और परदेश] (अंग्रेज़ी भाषा में). कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस. pp. 203–. ISBN 978-1-107-05609-1.
- ↑ Chandhoke, S. K. (1990). Nature and Structure of Rural Habitations. Concept Publishing.