खान अल-उमदान इज़राइल देश के आकेर के पुराने शहर में स्थित एक "खान", यीने कारवां सराय है। इसका निर्माण अहमद पाशा अल जज्जर के शासन के दौरान उस्मान साम्राज्य में हुआ था। ये खान-ए-अवामीद के नाम से भी जानी जाती है। इस नाम का शाब्दिक अर्थ "खंबोंकी सराय" होता है। इस दो मंजिला इमारत का निर्माण सन् १७८४ में पुर्ण हुआ।

खान अल-उमदान
خان العمدان

खान अल-उमदान
सामान्य विवरण
प्रकार कारवां सराय
वास्तुकला शैली उस्मान साम्राज्य की शैली
स्थान आकेर के पुराने शहर, इज़राइल
निर्माण सम्पन्न १७८४
पुनर्निर्माण १९०६
प्राविधिक विवरण
गृहमूल
 
खान अल-उमदान का घंटाघर।

आकेर में चार खानों में से एक होने के नाते, खान अल-उमदान १७८४ में यरूशलेम के राज्य के रॉयल कस्टम्स हाउस के स्थान पर बनाया गया था। अपने बनावट के अनुसार कई स्तंभ होने के कारण ये खान अल-उमदान के नाम से जाना जाने लगा। इसमें ग्रेनाइट और प्रकेलास (en:Porphyry) से बने चालीस स्तंभ शामिल हैं जिन्हें कैसरिया, अटलित और आकेर के क्रूसेडर स्मारकों के खंडहरोंसे लिया गया था। आकेर का शहर भूमध्य सागर के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित है। पुराने समय से ये इलाका व्यापार के केंद्र रहा है। एतिहासीक रूप से आकेर का बंदरगाह इस कारण व्यस्त जगह रही है और खान अल-उमदान यहा आनेवाले व्यापारीयोंका महत्वपूर्ण व्यापार स्थान रहा है। आकेर में आने वाले व्यापारियों ने खानके निचले मंजिलका गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जबकि दूसरी मंजिल एक आवास के रूप में कार्य किया करती थी। ऊंट के कारवां गैलिली के गांवों से शहर के बाजारों और बंदरगाह तक उत्पादन और अनाज लाया करते थे। एक लंबे समय के बाद बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्लाह के बढ़ावे से इस जगह को और महत्व प्राप्त हुआ और ये खान-ए-अवामीद के नाम से जाना जाने लगा। उस कालखंड में ये जगह बहाई पाठशाला के रूप के इस्तेमाल कि जाती थी। उस्मान साम्राज्य के शासक अब्दुल हामिद द्वितीय के आदेश पर १९०६ में यहा एक घंटाघर बना। ये जफा के घंटाघर जैसा था और एसे ही कई घंटाघर इस दौरान उस्मान साम्राज्य के कई शहरों मे बनाए गए। बलुआ पत्थर से बने इस घंटाघर को पांच मंजिले है और चौथी मंजिल पर चार घडीयां है। उस्मानी साम्राज्य के चांद-सितार की नक्कशी से ये घंटाघर सुशोभीत किया है। सन् २००१ में यहा नई घडीयां बिठाई बई; हर एक जो हिब्रू अंक, अरबी अंक, रोमन अंक और हिंदू-अरबी अंक प्रणाली के साथ है। सन् २००१ में पुरे आकेर के पूराने शहर के साथ खान अल-उमदान को विश्व धरोहर क दर्जा दिया गया। मई २००४ में इज़राइल के डाक टिकट पर भी ये घंटाघर दर्शाया गया है।[1][2][3][4]

चित्रदीर्घा

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  1. "Old City of Acre". UNESCO. २००१. Archived from the original on 28 नवंबर 2017. Retrieved २८ नवम्बर २०१७. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= and |archive-date= (help)
  2. Daniel Jacobs, Shirley Eber, Francesca Silvani (१९९८). Israel and the Palestinian Territories. Rough Guides. pp. २२५. ISBN 9781858282480. Archived from the original on 1 दिसंबर 2017. Retrieved 27 नवंबर 2017. {{cite book}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)CS1 maint: multiple names: authors list (link)
  3. Michael Dumper, Bruce E. Stanley (२००७). Cities of the Middle East and North Africa: A Historical Encyclopedia. ABC-CLIO. pp. ७. ISBN 9781576079195. Archived from the original on 1 दिसंबर 2017. Retrieved 28 नवंबर 2017. {{cite book}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  4. "Ottoman Clock Towers In Israel". Boeliem. Archived from the original on 1 दिसंबर 2017. Retrieved २८ नवम्बर २०१७. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= and |archive-date= (help)