खूबसूरत (1980 फ़िल्म)

हृषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित हिन्दी फ़िल्म

खूबसूरत 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित और निर्मित है। इसे गुलज़ार, शानू बनर्जी, अशोक रावत और डी. एन. मुखर्जी द्वारा लिखा गया है। इसमें अशोक कुमार, रेखा, राकेश रोशन और दीना पाठक हैं। इसे आलोचकों की प्रशंसा मिली थी और यह टिकट खिड़की पर भी सफल रही।[1]

खूबसूरत

खूबसूरत का पोस्टर
निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी
लेखक गुलज़ार (संवाद)
पटकथा शानू बनर्जी
डी. एन. मुखर्जी
निर्माता ऋषिकेश मुखर्जी
एन. सी. सिप्पी
अभिनेता अशोक कुमार,
रेखा,
राकेश रोशन,
शशि कला,
दीना पाठक
संगीतकार आर॰ डी॰ बर्मन
प्रदर्शन तिथियाँ
25 जनवरी, 1980
देश भारत
भाषा हिन्दी

इस फिल्म को बाद में तेलुगु तमिल और मलयालम में भी बनाया गया था। 2014 में इसी नाम की फ़िल्म भी इसी पर आधारित थी।[2] करण जौहर द्वारा निर्देशित 2023 की रॉकी और रानी की प्रेम कहानी भी इससे काफ़ी प्रभावित है।

पुणे में, अधेड़ उम्र की निर्मला गुप्ता (दीना पाठक) सख्त अनुशासक हैं और अपने घर को नियमों के अनुसार चलाती हैं। वह द्वारका प्रसाद गुप्ता (अशोक कुमार) की पत्नी हैं और डॉ॰ इंदर गुप्ता (राकेश रोशन) की माँ हैं। घर में इंदर और द्वारका प्रसाद सहित सभी लोग उसके नियमों का पालन करते हैं। जल्द ही, वह अपने दूसरे बेटे चंदर गुप्ता की शादी अंजू दयाल से तय कर देती है। वह मुंबई की है और अमीर राम दयाल की बेटी है। वह मंजू दयाल (रेखा) की बड़ी बहन है। चंदर और अंजू की शादी के बाद, मंजू कुछ महीनों के लिए अंजू से मिलने आती है। एक चंचल लड़की होने के कारण, निर्मला को वह पसंद नहीं आती लेकिन इंदर उससे प्यार करने लगता है। मंजू, द्वारका प्रसाद से भी दोस्ती कर लेती है और निर्मला को छोड़कर घर में सभी का विश्वास जीत लेती है।

एक दिन, इंदर, द्वारका प्रसाद और अन्य परिवार के सदस्यों के सामने, मंजू एक छोटा नाटक करती है। अगले दिन, मंजू, निर्मला और द्वारका प्रसाद को छोड़कर, इंदर और अन्य परिवार के सदस्य शादी के लिए कुछ दिनों के लिए बाहर चले जाते हैं। तब मंजू निर्मला से माफी मांगती है लेकिन वह उसे अपने घर से निकाल देती है। यह देखकर द्वारका प्रसाद अपना आपा खो देता है और वह निर्मला से भिड़ जाता है। इससे उसे गंभीर दिल का दौरा पड़ता है। निर्मला परेशान हो जाती है लेकिन मंजू समय पर कार्रवाई करती है और द्वारका प्रसाद को बचा लेती है। अंत में, निर्मला मंजू के चरित्र को समझ जाती है। हालाँकि, जबतक इंदर और परिवार के अन्य सदस्य घर लौटते हैं, तो मंजू घर से चली जाती है। इंदर और निर्मला उसे स्टेशन जाकर रोकते हैं और अंतत इंदर और मंजू की शादी हो जाती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."सारे नियम तोड़ दो — I"आशा भोंसले5:01
2."सुन सुन सुन दीदी"आशा भोंसले3:42
3."क़ायदा क़ायदा"रेखा, सपन चक्रवर्ती3:48
4."पिया बावरी बावरी"आशा भोंसले, अशोक कुमार3:44
5."सारे नियम तोड़ दो — II"उषा मंगेशकर, कल्याणी नायर4:45

नामांकन और पुरस्कार

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वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1981 ऋषिकेश मुखर्जी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार जीत
ऋषिकेश मुखर्जी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार नामित
डी. एन. मुखर्जी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार नामित
रेखा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीत
दीना पाठक फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार नामित
केष्टो मुखर्जी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार जीत
  1. "रेखा के साथ 'खूबसूरत' में काम करने से राकेश रौशन ने कर दिया था इंकार, जानें क्या थी वो वजह". www.abplive.com. 1 अप्रैल 2023. अभिगमन तिथि 5 सितम्बर 2024.
  2. "असल 'खूबसूरत' का हैंगओवर लेकर न जाएं, अच्छी लगेगी सोनम की खूबसूरत". आज तक. 19 सितम्बर 2014. अभिगमन तिथि 5 सितम्बर 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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