गुलज़ार (गीतकार)
ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३४)[1] हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर हैं। उनकी रचनाएँ मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खड़ी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होंने रचनायएँ कीं। गुलज़ार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फ़िल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हें ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
गुलज़ार | |
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जन्म | दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
पेशा |
निर्देशक, गीतकार, पटकथा लेखक, निर्माता, कवि |
कार्यकाल | 1961 - वर्तमान |
जीवनसाथी | राखी गुलज़ार |
बच्चे | मेघना गुलज़ार |
पुरस्कार |
Best Original Song 2009 Slumdog Millionaire Best Lyricist 1977 Do diwane is shahar mein... Gharaonda 1979 Aanewala pal jaane wala hai... Gol Maal 1980 Hazaar raahen... Thodi Si Bewafaai 1983 Tujhse naaraz nahin zindagi... Masoom 1988 Mera kuch saamaan... Ijaazat 1991 Yaara sili sili... Lekin... 1998 Chhaiyya Chhaiyya... Dil Se 2003 Saathiya... Saathiya Best Dialogue 1971 Anand 1973 Namak Haraam 1996 Maachis 2003 Saathiya Best Story 1996 Maachis Best Director 1976 Mausam Best Feature Film (Critics) 1975 Aandhi 2002 Lifetime Achievement Award Best Director 1976 Mausam Best Lyricist 1988 Mera kuch saaman... Ijaazat 1991 Yaara sili sili... Lekin... Best Film for Wholesome Entertainment 1996 Maachis Best Screenplay 1972 Koshish Best Documentary 1991 Ustad Amjad Ali Khan 1991 Pt Bhimsen Joshi |
प्रारम्भिक जीवन
संपादित करेंगुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, १८ अगस्त १९३४ को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोड़ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंटवारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब, भारत) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक [पेंट के रंग मैचिंग-(डेंटिंग होने पर)] का काम करने लगे और खाली समय में किताबें पढने लगे, और लिखने का आकर्षण बढने लगा। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म बन्दिनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा। गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सर्जक हैं।
रचनात्मक लेखन
संपादित करेंगुलजार द्वारा लिखी गई पुस्तकों की सूची-
- चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962)
- जानम (कविता संग्रह, 1963)
- एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972)
- रावी पार (कथा संग्रह, 1997)
- रात, चाँद और मैं (2002)
- रात पश्मीने की
- खराशें (2003)
चलचित्र सृजन
संपादित करेंनिर्देशन
संपादित करेंगुलजार ने बतौर निर्देशक अपना सफर १९७१ में मेरे अपने से शुरू किया। इससे पहले उन्होंने आशीर्वाद, आनन्द, ख़ामोशी और अन्य जैसी फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा लिखी थी। मेरे अपने फिल्म तपन सिन्हा की बंगाली फिल्म अपंजन (१९६९) की पुनर्निर्मीती थी। इस फ़िल्म में मीना कुमारी ने आनंदी देवी की प्रमुख भूमिका निभाई, जो एक बुढी विधवा है जो बेरोजगारों और पीड़ित युवाओं की स्थानीय झगड़ों के बीच गिर जाती है। एसे हि एक झगड़े में आनंदी देवी की मौत के कारण उन्हें पता चलता है कि हिंसा कैसे व्यर्थ है।
१९७२ में आयी संजीव कुमार और जया भादुङी अभिनीत फिल्म कोशिश जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी, ने आलोचकों को भी हैरान कर दिया। संजीव कुमार को इस फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला।
इसके बाद गुलजार ने संजीव कुमार के साथ आंधी (१९७५), मौसम (१९७५), अंगूर (१९८१) और नमकीन (१९८२) जैसी फिल्मे निर्देशित की। गुलजार द्वारा निर्देशित चलचित्रों की सूची-
- मेरे अपने (१९७१)
- परिचय (१९७२)
- कोशिश (१९७२)
- अचानक (१९७३)
- खुशबू (१९७५)
- आँधी (१९७५)
- मौसम (१९७६)
- किनारा (१९७७)
- किताब (१९७८)
- मीरा (१९७९)
- अंगूर (१९८२)
- नमकीन (१९८२)
- इजाजत (१९८७)
- लिबास (१९८८)
- लेकिन (१९९०)
- माचिस (१९९६)
- हु तू तू (१९९९)
गीत लेखन
संपादित करेंगुलजार द्वारा लिखे गए गीतों वाले फिल्मों की सूची-
पटकथा लेखन
संपादित करेंपुरस्कार और सम्मान
संपादित करें- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ गीतकार - १९७७, १९७९, १९८०, १९८३, १९८८, १९८८, १९९१, १९९८, २००२, २००५
- साहित्य अकादमी पुरस्कार २००२ में
- पद्मभूषण - २००४ गुलज़ार को भारत सरकार द्वारा सन २००४ में कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं।
- ऑस्कर (सर्वश्रेष्ठ मौलिक गीत का) - २००९ में अंग्रेजी चलचित्र 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के गीत 'जय हो' के लिए
- ग्रैमी पुरस्कार- २०१० में।
- दादा साहब फाल्के सम्मान - २०१३[2][3]
ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 से गुलजार को सम्मानित किया जाएगा।(प्रस्तावित)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "हजार चेहरों वाले गुलज़ार". मूल से 12 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2012.
- ↑ "Gulzar to get Dadasaheb Phalke award" [गुलज़ार को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार]. इण्डिया टुडे डॉट इन (अंग्रेज़ी में). इण्डिया टुडे समूह. १२ अप्रैल २०१४. मूल से 3 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ अप्रैल २०१४.
- ↑ "गुलज़ार को मिला दादा साहब फाल्के". बीबीसी हिन्दी. १२ अप्रैल २०१४. मूल से 13 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ अप्रैल २०१४.
बाहरी कड़ियाँ
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