खैरागढ़
खैरागढ़ Khairagarh भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक कस्बा हैं। जो वर्तमान में नया जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई का हिस्सा है । यह जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ईसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]
खैरागढ़ Khairagarh | |
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उपनाम: संगीत की नगरी | |
निर्देशांक: 21°25′05″N 80°58′48″E / 21.418°N 80.980°Eनिर्देशांक: 21°25′05″N 80°58′48″E / 21.418°N 80.980°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | छत्तीसगढ़ |
ज़िला | खैरागढ़-छुईखदान-गंडई |
ऊँचाई | 307 मी (1,007 फीट) |
जनसंख्या (2020) | |
• कुल | 17,094 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, छत्तीसगढ़ी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 491881 |
वाहन पंजीकरण | CG 08 |
इतिहास
संपादित करेंखैरागढ़ राज्य ब्रिटिश भारत के पूर्व मध्य प्रांतों का एक सामंती राज्य था।[3] पन्दद (खैरागढ़ से 8 किलोमीटर) छत्तीसगढ़ के सबसे ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यहां के प्रमुख को, जो पुराने नागवंश राजपूतों के शाही परिवार से सम्बंधित थे, को 1898 में एक वंशानुगत भेद के रूप में राजा का खिताब मिला। राज्य में एक उपजाऊ मैदान, उपज चावल क्षेत्र शामिल थे।[4]
जलवायु
संपादित करेंभारत के इस भाग में अप्रैल के मध्य से जून के मध्य तक तेज़ गर्मी होती है। इन दो महीनों के अलावा, जलवायु आम तौर पर सुखद रहता है। खैरागढ़ में प्रति वर्ष लगभग 900 मिलीमीटर औसत वर्षा होती है। सर्दियों में, न्यूनतम तापमान 7-9 ℃ तक गिर जाता है।
जनसांख्यिकी
संपादित करें2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, खैरागढ़ की जनसंख्या 22,564 थी। पुरुषों की आबादी 11,334 और महिलाओं की 11,230 है। खैरागढ़ की औसत साक्षरता दर 80.54% है, जो राज्य औसत 70.28 से अधिक है: पुरुष साक्षरता 87.71% है, और महिला साक्षरता 73.34% है। खैरागढ़ में, 12.48% आबादी 6 साल से कम उम्र की है।[5]
परिवहन
संपादित करेंनिकटवर्ती रेलवे स्टेशन, राजनांदगाँव, डोंगरगढ़, और दुर्ग, क्रमशः खैरागढ़ से 40, 42 और 55 किलोमीटर दूर हैं। विशाखापट्टनम, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, हावड़ा, भुवनेश्वर, चेन्नई, त्रिवेंद्रम, अमृतसर और नई दिल्ली के लिए सीधी रेलगाड़ियाँ इन रेलवे स्टेशनों से उपलब्ध हैं, जो हावड़ा-मुंबई के मुख्य रेलमार्ग पर नागपुर से होकर जाती हैं। खैरागढ़ विश्वविद्यालय से राज्य की राजधानी रायपुर तीन घंटे की यात्रा पर है। रायपुर और नागपुर हवाई अड्डे क्रमशः 100 और 225 किलोमीटर की दूरी पर हैं।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय
संपादित करेंइंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय एशिया का पहला विश्वविद्यालय है जो दृश्य और प्रदर्शन कला के लिए समर्पित है। सन् 1956 में, खैरागढ़ रियासत के तत्कालीन शासकों ने संगीत और ललित कला विश्वविद्यालय खोलने के लिए अपना महल दान कर दिया था। स्वर्गीय राजा बीरेंद्र बहादुर सिंह, और स्वर्गीय रानी पद्मावती देवी ने अपनी प्यारी बेटी 'इंदिरा' के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम रखा।[6]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Inde du Nord - Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Pratiyogita Darpan Archived 2019-07-02 at the वेबैक मशीन," July 2007
- ↑ Malleson, G. B.: An historical sketch of the native states of India, London 1875, Reprint Delhi 1984
- ↑ Dr.Sanjay Alung, Chhattisgarh ki Riyaste/Princely states aur Jamindariyaa, Vaibhav Prakashan, Raipur1, ISBN 81-89244-96-5
- ↑ "Census of India 2001: Data from the 2001 Census, including cities, villages and towns (Provisional)". Census Commission of India. मूल से 2004-06-16 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-11-01.
- ↑ About the University Archived 2017-09-09 at the वेबैक मशीन from the website of Indira Kala Sangeet Vishwa Vidyalaya, accessed 06-sep-2008