दुर्ग जंक्शन रेलवे स्टेशन

भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में एक रेलवे स्टेशन

दुर्ग रेलवे स्टेशन, भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में स्थित एक जंक्शन स्टेशन है। यह दुर्ग, भिलाई शहर और दुर्ग जिले के आसपास के क्षेत्रों में सेवा प्रदान करता है। दुर्ग जंक्शन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का हिस्सा है। यह हावड़ा-नागपुर-मुंबई लाइन में सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण स्टेशन है। यह यात्री सेवाओं के मामले में भारतीय रेलवे का एक 'ए' ग्रेड स्टेशन है।

दुर्ग जंक्शन
एक्सप्रेस ट्रेन और यात्री ट्रेन स्टेशन
सामान्य जानकारी
स्थानदुर्ग, छत्तीसगढ़
भारत
निर्देशांक21°11′59″N 81°17′30″E / 21.1998°N 81.2917°E / 21.1998; 81.2917निर्देशांक: 21°11′59″N 81°17′30″E / 21.1998°N 81.2917°E / 21.1998; 81.2917
उन्नति290 मी॰ (951 फीट)
स्वामित्वभारतीय रेलवे
संचालकदक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर
लाइन(एँ)/रेखा(एँ)बिलासपुर-नागपुर खंड का हावड़ा-नागपुर-मुंबई लाइन,
दुर्ग- दल्लीराजहरा लाइन (जंक्शन प्वाइंट)
प्लेटफॉर्म6 (5 + 1 टर्मिनल)
ट्रैक8 ब्रॉड गेज 1,676 मि॰मी॰ (5 फीट 6 इंच)
निर्माण
संरचना प्रकारमानक (ग्राउंड स्टेशन पर)
पार्किंगउपलब्ध
अन्य जानकारी
स्थितिसंचालित
स्टेशन कोडDURG
ज़ोन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
मण्डल रायपुर
इतिहास
प्रारंभ1891
विद्युतित1970–71
पूर्व नामबंगाल नागपुर रेलवे
Location
दुर्ग जंक्शन is located in छत्तीसगढ़
दुर्ग जंक्शन
दुर्ग जंक्शन
Location in Chhattisgarh
दुर्ग जंक्शन is located in भारत
दुर्ग जंक्शन
दुर्ग जंक्शन
Location in India

दुर्ग रेलवे स्टेशन ने 1891 में अपना कामकाज शुरू किया था। प्रारंभ में, दुर्ग बंगाल नागपुर रेलवे का हिस्सा था। बंगाल नागपुर रेलवे की नागपुर-आसनसोल मुख्य लाइन जो 1891 में पहली बार दुर्ग स्टेशन पर आई थी। 1890 में खोला गया क्रॉस कंट्री हावड़ा-नागपुर-मुंबई लाइन, दूसरा लंबा रास्ता था जो दुर्ग रेलवे स्टेशन से होकर गुजरता था। [1]

भिलाई इस्पात संयंत्र का उद्घाटन 4 फरवरी 1959 को किया गया, जिसने दुर्ग रेलवे स्टेशन के महत्व को बढ़ा दिया।[1]

रेलवे का पुनर्गठन

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1944 में बंगाल नागपुर रेलवे का राष्ट्रीयकरण हो गया था।[2] पूर्वी रेलवे का गठन 14 अप्रैल 1952 को ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी के पूर्व मुगलसराय और बंगाल नागपुर रेलवे के हिस्से के साथ हुआ था [3] 1955 में, दक्षिण पूर्व रेलवे को पूर्वी रेलवे से अलग कर बनाया गया। इसमें ज्यादातर बीएनआर द्वारा संचालित लाइनें शामिल थीं।[4] अप्रैल 2003 में नए क्षेत्रों में पूर्वी तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे शुरू किए गए थे। इन दोनों रेलवे को दक्षिण पूर्व रेलवे से अलग कर बनाया गया था। वर्तमान में लगभग 120 ट्रेनें यहाँ से होकर गुजरती हैं और 45 ट्रेनें दुर्ग जंक्शन से निकलती हैं और समाप्त होती हैं।

विद्युतीकरण

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बिलासपुर-भिलाई और भिलाई-दुर्ग खंडों का विद्युतीकरण 1970-71 में किया गया था, दुर्ग स्टेशन को पूरी तरह से जून 1971, दुर्ग-पानियाजॉब खंड 1989-90 में विद्युतीकृत किया गया था। पनियाजोब-गोंदिया और गोंदिया-भंडारा रोड सेक्सन1990-91 में, भंडारा रोड-थरसा और थरसा-नागपुर सेक्सन 1991-92 में विद्युतीकृत किया गया था।[5]

सुविधाएँ

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व्यस्ततम रेलवे स्टेशन होने के कारण यहाँ उसे सम्भालने के लिये ५ प्लेटफॉर्म और एक ट्रमिनल उपलब्ध है। इसके अलावा सभी रेलवे स्टेशन में मिलने वाली सारी सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध हैं।

  1. "Major Events in the Formation of S.E. Railway". South Eastern Railway. मूल से 1 April 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-01-09.
  2. "IR History: Part - III (1900 - 1947)". IRFCA. मूल से 1 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-11-21.
  3. "Geography – Railway Zones". IRFCA. मूल से 19 अगस्त 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-11-21.
  4. "IR History: Part - IV (1947 - 1970)". IRFCA. मूल से 21 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-11-21.
  5. "History of Electrification". IRFCA. मूल से 19 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2013-01-09.

बाहरी कड़ियाँ

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