गन्धर्व स्वर्ग में रहने वाले देवताओं की प्रजाति है। यह भारतीय संगीतज्ञ के रूप में जाने जाते हैं, गंधर्वराज पुष्पदंत इंद्र की सभा के गायक थे।

एक अप्सरा के साथ गन्धर्व(दाएँ), 10वी शताब्दी, चाम, वियतनाम

मुख्यत: गन्धर्व का हिन्दू धर्म तथा बौद्ध धर्म से संबंध है। जैन धर्म में गन्धर्व शब्द का उपयोग तीर्थंकर कुंथनाथ से जोड़कर किया गया।[1]

गन्धर्व समुदाय

विश्व के लगभग 100 देशों में रहते हैं किंतु सर्वाधिक जनसंख्या भारत देश में ही निवास करते हैं। वर्तमान गन्धर्व समाज विभिन्न जातिगत खण्डों में बटे हुए हैं जैसे गांडा, गण्डवा, डोम, डोमार, डम्ब, डोम्ब, ढोली, बजनिया, मोहरिया, तुरी, ढाकी, होसी, मिरासी, वादयकर, नट, नटवा, नटी, बागची, बाजगिर, गन्धर्व, गंधर्ब, गन्धर्वभा, गन्धर्भा आदि।

गन्धर्व संस्कृति

गन्धर्व अपनी मूल प्राचीन संस्कृति परम्परा गायन, वादन एवं नृत्य का परिपालन करते हैं यदि हम इसे उनकी जीविकोपार्जन का मूल स्रोत कहे तब भी अतिश्योक्ति नही होगी।

महान गन्धर्व सम्राटों के नाम व स्थान :-

1. पृथ्वीपति सम्राट नरहरि (कैवर्तिका/कलिंग)

2. सम्राट चन्द्रप्रदुमन (बोलांगीर, ओडिशा)

3. महारानी मल्लिका (मलकानगिरी, ओडिशा)

4. महारानी मृगरश्मी (डोमिनगढ़, उत्तरप्रदेश)

5. सम्राट बज्रबाहु (कुचीपुर, झारखण्ड)

6. सम्राट सुमेरध्वज (भीलवाडा, राजस्थान)

7. सम्राट ब्रह्मदत्त (गंधर्वपुरी, मध्यप्रदेश)

8. सम्राट भीमबाहुक (मगध, बिहार)

9. सम्राट वृषकेतू (मालवा, मध्यप्रदेश/राजस्थान)

10. सम्राट सर्पकेतु (गांधार, अफगानिस्तान)

11. सम्राट मणिकूच (आर्याना, ईरान)

12. सम्राट गन्दकुम्ब (यूगांडा, अफ्रीका महाद्वीप)

13. सम्राट अणिकेत (पुरुक्ष, इजरायल)

14. सम्राट प्रत्यूष (विदर्भ, नागपुर/महाराष्ट्र)

15. सम्राट चित्रकाल (ऋषिकेश, हरिद्वार)

16. सम्राट तुंगनाथ (भक्तपुर, नेपाल)

17. सम्राट यशोवर्धन (बाली, इंडोनेशिया)

18. सम्राट करक्षकांत (मिस्र, इजिप्ट)

19. सम्राट भुजबल्लभ (दण्डकारण्य, छत्तीसगढ़)

20. सम्राट वक्रमुख (वटाकट, राजस्थान)

हिन्दू धर्म में

संपादित करें

गन्धर्व[2] स्वर्ग में रहते हैं तथा अप्सराओं के पति हैं। यह निम्न वर्ग के देवता हैं। यही सोम के रक्षक भी हैं, तथा देवताओं के सभा के गायक हैं। हिन्दू धर्मशास्त्र में यह देवताओं तथा मनुष्यों के बीच दूत (संदेश वाहक) होते हैं। भारतीय परंपरा में आपसी तथा पारिवारिक सहमति के बिना गंधर्व विवाह अनुबंधित होता है। नरइनका उल्लेख महाभारत में भी देखने को मिलता है। पाण्डवों के वनवास के समय देवराज इंद्र के कहने पर दुर्योधन एवं कौरवों को गंधर्वों द्वारा बंदी बना दिया था बाद में पाण्डवों द्वारा गंधर्वों को पराजित कर कौरवों को बंधन मुक्त किया गया । देवताओं तथा इनसे जुड़े (गायकों तथा नर्तकों के रूप में।) हैं इनका संबंध दुर्जेय योद्धा के रूप में यक्षों से भी है। प्रसारक के रूप में इनका उल्लेख है।

गन्धर्व की उत्पत्ति

संपादित करें

गन्धर्व की उत्पत्ति सदाशिव गन्धर्व से हुई है सँसार में सबसे पहले नाचने गाने बजाने परमेश्वर केवल सदाशिव गन्धर्व ही हैं जिन्होंने सबसे पहले डमरू बजाया, सबसे पहले तांडव गीत गाया, सबसे पहले तांडव नाचा; अपने परमपिता का मूल गुण का अनुसरण करते हुए गन्धर्व आज भी नाचने, गाने, बजाने का कार्य करते आ रहे हैं जैसा कि विभिन्न वैदिक पुराणों में वर्णित है।इनकी उत्पत्ति के बारे में और भी कई मत हैं, कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति प्रजापति से हुई, कुछ कहते हैं ब्रह्मा से, कश्यप से, कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति मुनियों से हुई। और कुछ कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति सागर मंथन से हुई।

बौद्ध धर्म में

संपादित करें

बौद्ध संस्कृति में ये गन्धर्व[3] कुछ सबसे निचले वर्ग के देवताओं में से एक हैं। ये देवता चीनी देव कतुरमहरादीकाकैयीका में वर्गीकृत हैं तथा इनका संबंध राजा धृतराष्ट्र से भी है। एक गन्धर्व की तुलना में किसी बेहतर जन्म में पैदा होना एक बौद्ध साधू के लिये शर्मनाक माना जाता है।

गन्धर्व हवा के माध्यम से उड़ सकता है और संगीत के रूप में अपने कौशल के लिये जाना जाता है। वह पेड़ों और फूलों से जुड़े हुए हैं तथा छाल और रस में भी वास करते हैं। वे एक अकेले तपस्वी को परेशान करते हैं।

गंधर्व और यक्ष दोनो ही कभी कभी एक समान अर्थ के लिये उपयोग किये जाते हैं परंतु यक्ष एक देवताओं की किस्म के रूप में ज्यादा सामान्य शब्द है।

नजर डालें

संपादित करें
  1. "जैन धर्म में गन्धर्व". मूल से 25 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जून 2020.
  2. संस्कृत: गन्धर्व, कन्नड: ಗಂಧರ್ವ, तमिल: கந்தர்வர், तेलुगू, గంధర్వ
  3. नेपाली: गन्धब्ब, जापानी: 乾闥婆 (केन्दात्सुबा)

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें