ग़दर: एक प्रेम कथा
ग़दर 2001 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन अनिल शर्मा ने और निर्माण नितिन केनी ने किया था। इसमें सनी देओल, अमीषा पटेल, और अमरीश पूरी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म को 15 जून 2001 को सिनेमाघरों में पहली बार दिखाया गया। इस फिल्म में सनी देओल को उनके शर्मीले किरदार के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार हेतु नामांकित भी किया गया था।इसका दूसरा भाग 11 अगस्त 2023 को सिनेमा घरों में रिलीज किया जाएगा।
ग़दर: एक प्रेम कथा | |
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ग़दर फिल्म का रि-रिलीज पोस्टर | |
निर्देशक | अनिल शर्मा |
लेखक | शक्तिमान् तलवार |
निर्माता | नितिन केनी |
अभिनेता |
सनी देओल, अमीशा पटेल, अमरीश पुरी, लिलेट दुबे |
कथावाचक | ओम पुरी |
छायाकार | नजीब ख़ान |
संपादक | अरुन—शेखर |
संगीतकार | उत्तम सिंह |
प्रदर्शन तिथियाँ |
15 जून, 2001 |
लम्बाई |
186 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
इस फिल्म को बनाने में लगभग ₹18.5 से ₹19 करोड़ रुपये लगे थे। फिल्म के प्रदर्शित होने के बाद ये भारत की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई और उस समय की सबसे ज्यादा देखे जाने वाली दूसरी हिन्दी फिल्म भी बन गई। इस फिल्म ने कुल ₹78 करोड़ रुपये की कमाई की थी।
"गदर 2 : द कथा कंटिन्यूज" नामक एक सीक्वल निर्माणाधीन है और 11 अगस्त 2023 को रिलीज़ हो गई है और 19 अगस्त तक को 369 करोड़ की कमाई कर चुकी है
कहानी
संपादित करेंये तारा सिंह (सनी देओल) और सकीना (अमीषा पटेल) की प्रेम कहानी है। फिल्म की कहानी भारत के विभाजन के दौरान हो रहे दंगा फ़साद से शुरू होती है। इसी के दौरान तारा और सकीना मिलते हैं। तारा उसे बचा कर अपने साथ ट्रक में ले जाते रहता है और इसी दौरान वो अपने पिछले समय को याद करते रहता है, जब उसकी मुलाक़ात कॉलेज में सकीना से हुई थी।
तारा और सकीना की पहली मुलाक़ात सकीना के कॉलेज में हुई थी। तारा असल में एक गायक बनना चाहता था, पर उसे मौका नहीं मिला था। जब वो सकीना और उसके दोस्तों से मिलता है तो वे लोग उसे बेवकूफ बनाते हैं कि सकीना एक संगीत शिक्षिका है। तारा को बाद में पता चलता है कि वो कोई शिक्षिका नहीं, बल्कि उसी कॉलेज में पढ़ने वाली विद्यार्थी है। सकीना उसके गायकी से काफी प्रभावित रहती है और अपने कॉलेज में हो रहे संगीत समारोह में अपने जगह तारा को गाने का मौका देती है। तारा के गाने से सभी प्रभावित होते हैं। सकीना अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद तारा को अलविदा कह के अपने घर चले जाती है।
वर्तमान समय में तारा उसे अपने घर ले आता है और उसे किसी तरह उसके अपने घर भेजने के बारे में सोचने लगता है। बाद में सकीना को लगने लगता है कि उस दंगे में उसके पिता, अशरफ अली (अमरीश पुरी) की भी मौत हो गई है। बाद में धीरे धीरे सकीना और तारा एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं और दोनों शादी कर लेते हैं। उनका एक बेटा भी होता है, जिसका नाम वे लोग जीत रखते हैं। उनका जीवन काफी अच्छा चलते रहता है कि तभी एक दिन सकीना की नजर के पुराने अखबार पर पड़ती है, जिसमें उसके पिता होते हैं, जिसे वो मरा हुआ समझ रही होती है, वो अब लाहौर के मेयर हैं।
वो अपने पिता से मिलने के लिए दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास से कॉल करती है और वो उसके लाहौर आने के लिए विमान का इंतजाम करता है। हालांकि तारा और उनका बेटा भी साथ में जाने वाले होते हैं, लेकिन वीजा की परेशानी के कारण सिर्फ सकीना ही जाती है। वहाँ जाने के बाद जब सकीना वापस आने की बात कहती है तो उसके माता-पिता मना कर देते हैं, जिससे सकीना का दिल टूट जाता है। सकीना के पिता उसकी जबरन दुसरी शादी कराने की कोशिश करते हैं।
इसी बीच तारा और उसका बेटा पाकिस्तान में गैर-कानूनी रूप से अंदर आ जाते हैं। उन्हें पता चलता है कि सकीना की शादी होने वाली है। वे लोग उस जगह पर आ जाते हैं और एक दूसरे से मिल जाते हैं। सकीना के पिता उसके सामने दो शर्त रखते हैं कि उसे पाकिस्तान की नागरिकता लेनी होगी और इस्लाम में परिवर्तित होना पड़ेगा। अशरफ को लगता रहता है कि तारा कभी इन दोनों शर्तों को नहीं मानेगा, पर अगले दिन वो दोनों शर्त मान लेता है। इसके बाद वो तारा से अपने देश का अपमान करने को कहता है, ताकि पता चल सके कि वो सच्चा पाकिस्तानी है। तारा इससे गुस्से में आ जाता है और अशरफ द्वारा नियुक्त किए हुए हमलावर, जो उसे मारने वाला होता है, उसे मार देता है। वे तीनों उस जगह से भाग जाते हैं और एक जगह छुप जाते हैं।
उन तीनों को ट्रेन मिल जाता है, जो भारत जाने वाला होता है। वे लोग उसी ट्रेन में बैठ जाते हैं। जब अशरफ को ये बात पता चलती है तो वो कुछ लोगों के साथ उन्हें रोकने आ जाता है। इसी दौरान सकीना को उसके पिता की गोली लग जाती है। अस्पताल में सकीना कोमा में चले जाती है। जब उसे वापस होश आता है तो फिल्म में दिखाया जाता है कि अशरफ अपने नाती और तारा को स्वीकार कर लेता है और वे लोग वापस भारत लौट जाते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सनी द्योल — तारा सिंह
- अमीशा पटेल — सकीना अली
- अमरीश पुरी — अशरफ अली (सकीना के पिता)
- लिलेट दुबे — शबाना अली (सकीना की माँ)
- विवेक शौक — दरमियाँ सिंह
- उत्कर्ष शर्मा — चरणजीत
- सुरेश ओबेरॉय — ताया
- मधुमती — ताई
- मुशताक ख़ान — गुल ख़ान
- डॉली बिन्द्रा — गुल ख़ान की पत्नी
- इशरत अली — क़ाज़ी
- राकेश बेदी — वैद्य
- प्रतिमा काज़मी — लालची महिला
- विश्वजीत प्रधान — दरोगा सुलेमान
- ओम पुरी - कथा कहने वाला
- अमिता खोपकर - बानो
- श्वेता शिंदे - सकीना की सहेली
- मालविका शिवपुरी - तारा की बहन
- कनिका शिवपुरी - तारा की मां
- गजेंद्र सिंह पाल
- गोल्डन (यश)
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत उत्तम सिंह द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "मैं निकला गड्डी लेके" | उदित नारायण | 5:26 |
2. | "उड़ जा काले कावाँ" | उदित नारायण | 3:11 |
3. | "आन मिलो सजना" | अजॉय चक्रबर्ती, परवीन सुल्ताना | 5:22 |
4. | "मुसाफिर जाने वाले" | उदित नारायण, प्रीति उत्तम सिंह | 5:47 |
5. | "पारंपरिक शादी गीत" | प्रीति उत्तम सिंह | 1:30 |
6. | "उड़ जा काले कावाँ — शादी" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 5:01 |
7. | "उड़ जा काले कावाँ — खोज" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 4:34 |
8. | "उड़ जा काले कावाँ — विजय" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 1:20 |
9. | "हम जुदा हो गये" | प्रीति उत्तम सिंह, उदित नारायण | 6:04 |
कुल अवधि: | 38:15 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंविजेता:
- फिल्मफेयर बेस्ट एक्शन अवॉर्ड - टिनू वर्मा
- फिल्मफेयर स्पेशल परफॉर्मेंस अवार्ड - अमिषा पटेल
- सांसुई सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
- वार्षिक फिल्मगोर्स अवॉर्ड्स - सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - अमिषा पटेल
- सांसुई सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
- उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ज़ी सिने विशेष पुरस्कार - पुरुष - सनी देओल
- स्टार स्क्रीन अवॉर्ड सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - सनी देओल
मनोनीत:
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार - नितिन केनी
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार - उत्तम सिंह
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार - आनंद बक्षी
- फिल्मफेयर बेस्ट विलेन अवॉर्ड - अमरीश पुरी
- फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पुरुष प्लेबैक पुरस्कार - उदित नारायण
- आईआईएफए बेस्ट मूवी अवॉर्ड - नितिन केनी
- आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
- आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
- आईआईएफए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - सनी देओल
- स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार - नितिन केनी
- स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - अमिषा पटेल
- स्टार स्क्रीन सर्वश्रेष्ठ निदेशक पुरस्कार - अनिल शर्मा
- सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - नितिन केनी
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - महिला - अमिषा पटेल
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - पुरुष - सनी देओल
- सर्वश्रेष्ठ निदेशक - अनिल शर्मा के लिए ज़ी सिने पुरस्कार
- नकारात्मक भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए ज़ी सिने पुरस्कार - अमृश पुरी
भाग 2
संपादित करेंगदर 2 की फिल्म 11 अगस्त 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई