अमरीश पुरी
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अमरीश पुरी (२२ जून १९३२ – १२ जनवरी २००५) चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे है। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ में बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया फ़िल्म मिस्टर इंडिया के एक संवाद "मोगैम्बो खुश हुआ" किसी व्यक्ति का खलनायक वाला रूप सामने लाता है तो फ़िल्म DDLJ का संवाद "जा सिमरन जा - जी ले अपनी ज़िन्दगी" व्यक्ति का वह रूप सामने लाता है जो खलनायक के परिवर्तित हृदय का द्योतक है। इस तरह हम पाते है कि अमरीश पुरी भारतीय जनमानस के दोनों पक्षों को व्यक्त करते समय याद किये जाते है।
अमरीश पुरी | |
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अपने फिल्म के पहले प्रदर्शन के दौरान | |
जन्म |
23 जून 1932 नवांशहर, पंजाब, ब्रिटिश इंडिया[1] |
मौत |
12 जनवरी 2005 मुंबई, महाराष्ट्र, भारत | (उम्र 72 वर्ष)
पेशा | अभिनेता |
कार्यकाल | 1970–2005 |
जीवनसाथी |
उर्मिला दिवेकर (1957–2005) (मृत्यु तक) |
बच्चे |
राजीव पुरी (बेटा) नम्रता (बेटी ) |
संबंधी | मदनलाल पुरी (भाई) |
फिल्मी सफर
संपादित करेंअमरीश पुरी ने सदी की सबसे बड़ी फिल्मों में कार्य किया। उनके द्वारा शाहरुख खान की हिट फिल्म "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" में निभाये गए "बाबूजी" के किरदार की प्रशंसा सर्वत्र की जाती है। उन्होंने मुख्यतः फिल्मो में विलेन का पात्र निभाते देखा गया है।
1987 में बनी अनिल कपूर की मिस्टर इंडिया में उन्होंने "मोगैम्बो" का किरदार निभाया जो कि फिल्म का मुख्य खलनायक है। इसी फिल्म में अमरीश का डायलॉग "मोगैम्बो खुश हुआ" फिल्म-जगत मेंं प्रसिद्ध है।
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करें- पढ़ाई
अमरीश पुरी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंजाब से की। उसके बाद वह शिमला चले गए। शिमला के बी एम कॉलेज(B.M. College) से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत में वह रंगमंच से जुड़े और बाद में फिल्मों का रुख किया। उन्हें रंगमंच से उनको बहुत लगाव था। एक समय ऐसा था जब अटल बिहारी वाजपेयी और स्व. इंदिरा गांधी जैसी हस्तियां उनके नाटकों को देखा करती थीं। पद्म विभूषण रंगकर्मी अब्राहम अल्काजी से 1961 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और वे बाद में भारतीय रंगमंच के प्रख्यात कलाकार बन गए।
- करियर
अमरीश पुरी ने 1960 के दशक में रंगमंच की दुनिया से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उन्होंने सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड के लिखे नाटकों में प्रस्तुतियां दीं। रंगमंच पर बेहतर प्रस्तुति के लिए उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी की तरफ से पुरस्कार दिया गया, जो उनके अभिनय कॅरियर का पहला बड़ा पुरस्कार था।
अमरीश पुरी के फ़िल्मी करियर शुरुआत साल 1971 की ‘प्रेम पुजारी’ से हुई। पुरी को हिंदी सिनेमा में स्थापित होने में थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन फिर कामयाबी उनके कदम चूमती गयी। 1980 के दशक में उन्होंने बतौर खलनायक कई बड़ी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी। 1987 में शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया में मोगैंबो की भूमिका के जरिए वे सभी के जेहन में छा गए। 1990 के दशक में उन्होंने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ‘घायल’ और ‘विरासत’ में अपनी सकारात्मक भूमिका के जरिए सभी का दिल जीता।
अमरीश पुरी ने हिंदी के अलावा कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगू और तमिल फिल्मों तथा हॉलीवुड फिल्म में भी काम किया। उन्होंने अपने पूरे कॅरियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फिल्मों में 'निशांत', 'गांधी', 'कुली', 'नगीना', 'राम लखन', 'त्रिदेव', 'फूल और कांटे', 'विश्वात्मा', 'दामिनी', 'करण अर्जुन', 'कोयला' आदि शामिल हैं। दर्शक उनकी खलनायक वाली भूमिकाओं को देखने के लिए बेहद उत्साहित होते थे।
उनके जीवन की अंतिम फिल्म 'किसना' थी जो उनके निधन के बाद वर्ष 2005 में रिलीज़ हुई। उन्होंने कई विदेशी फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने इंटरनेशनल फिल्म 'गांधी' में 'खान' की भूमिका निभाई था जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई थी। अमरीश पुरी का 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से उनका निधन हो गया। उनके अचानक हुए इस निधन से बॉलवुड जगत के साथ-साथ पूरा देश शोक में डूब गया था। आज अमरीश पुरी इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी फिल्मों के माध्यम से हमारे दिल में बसी हैं।
प्रमुख फिल्में
संपादित करेंवर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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2006 | कच्ची सड़क | ||
2005 | मुम्बई एक्सप्रेस | ||
2005 | किस्ना | भैरो सिंह | |
2004 | पुलिस फोर्स | ||
2004 | मुझसे शादी करोगी | ||
2004 | ऐतराज़ | रंजीत रॉय | |
2004 | देव | शिवाजीराव भंडारकर | |
2004 | गर्व | इंस्पेक्टर समर सिंह | |
2004 | हलचल | अंगार चन्द | |
2004 | अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों | ||
2004 | लक्ष्य | ब्रिगेडियर जनरल गौतम पुरी | |
2004 | टार्ज़न: द वण्डर कार | ||
2004 | वो तेरा नाम था | ||
2003 | खुशी | ||
2003 | दिल परदेसी हो गया | ||
2003 | सूर्या | ||
2003 | द हीरो | ||
2003 | जाल | मेजर अमरीश कौल | |
2003 | आउट ऑफ कन्ट्रोल | ||
2002 | शरारत | ||
2002 | रिश्ते | यशपाल चौधरी | |
2002 | बधाई हो बधाई | ||
2002 | बाबा | तांत्रिक | |
2002 | जानी दुश्मन | ||
2001 | नायक | ||
2001 | ग़दर | अशरफ अली | |
2001 | मुझे कुछ कहना है | ||
2001 | यादें | जगदीश कुमार मल्होत्रा | |
2001 | चोरी चोरी चुपके चुपके | ||
2001 | सेंसर | ||
2001 | ज़ुबेदा | सुलेमान सेठ | |
2001 | ऑन विंग्स ऑफ फायर | ||
2000 | ढ़ाई अक्षर प्रेम के | ||
2000 | शहीद ऊधम सिंह | ||
2000 | बादल | ए सी पी रंजीत सिंह | |
2000 | मोहब्बतें | ||
1999 | काला साम्राज्य | ||
1999 | बादशाह | ||
1999 | तक्षक | नाहर सिंह | |
1999 | ताल | जगमोहन मेहता | |
1999 | आरज़ू | दयाशंकर | |
1999 | गैर | ||
1999 | लाल बादशाह | ||
1999 | ज़ुल्मी | बलराज दत्त | |
1999 | जय हिन्द | ||
1998 | चाची ४२० | दुर्गाप्रसाद भारद्वाज | |
1998 | सलाखें | ||
1998 | श्याम घनश्याम | ||
1998 | बारूद | ||
1998 | डोली सजा के रखना | ||
1998 | झूठ बोले कौआ काटे | ||
1998 | धूँढते रह जाओगे | ||
1998 | चाइना गेट | ||
1997 | परदेस | ||
1997 | कोयला | ||
1997 | इतिहास | बलवंत | |
1997 | निर्णायक | ||
1997 | तराज़ू | ||
1997 | विरासत | ||
1997 | हिमालय पुत्र | ||
1997 | ढाल | ||
1997 | महानता | ||
1996 | सरदारी बेगम | ||
1996 | काला पानी | मिर्ज़ा ख़ान | |
1996 | घातक | शंभुनाथ | |
1996 | जान | ||
1996 | बेकाबू | ||
1996 | विजेता | ||
1996 | जीत | गजराज चौधरी | |
1996 | दिलजले | ||
1996 | तू चोर मैं सिपाही | गजेन्द्र सिंह | |
1995 | गुंडाराज | पुलिस इंस्पेक्टर | |
1995 | दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे | ||
1995 | जय विक्रान्ता | जसवंत सिंह | |
1995 | कर्तव्य | ||
1995 | हकीकत | ||
1995 | करन अर्जुन | दुर्जन सिंह | |
1995 | ओ डार्लिंग यह है इण्डिया | ||
1995 | मैदान-ए-जंग | ||
1995 | हलचल | शोभराज | |
1995 | प्रेम | ||
1995 | पापी देवता | रतन सेठ | |
1994 | एलान | ||
1994 | द्रोह काल | आई जी पी पाठक | |
1994 | परमात्मा | ||
1994 | पहला पहला प्यार | ||
1994 | महा शक्तिशाली | ||
1994 | तेजस्वनी | लाला खुराना | |
1993 | गर्दिश | ||
1993 | कुंदन | शमशेर सिंह | |
1993 | संग्राम | ||
1993 | सूरज का सातवाँ घोड़ा | ||
1993 | दिव्य शक्ति | ||
1993 | दामिनी | ||
1992 | अश्वमेधम | ||
1992 | टाइम मशीन | ||
1992 | वंश | ||
1992 | तहलका | ||
1992 | मुस्कुराहट | ||
1992 | ज़िन्दगी एक जुआ | भल्ला | |
1992 | आई लव यू | ||
1992 | विश्वात्मा | ||
1992 | दीवाना | ||
1991 | आदमी और अप्सरा | ||
1991 | आदित्य | ||
1991 | कोहराम | ||
1991 | मस्त कलंदर | ||
1991 | सौदागर | ||
1991 | इरादा | ||
1991 | शिकारी | ||
1991 | धर्म संकट | ||
1991 | दलपति | ||
1991 | अज़ूबा | ||
1991 | बेनाम बादशाह | ||
1991 | जिगरवाला | ||
1991 | फूल और काँटे | ||
1991 | त्रिनेत्र | सिंघानिया | |
1991 | नम्बरी आदमी | राना | |
1990 | घायल | बलवंत राय | |
1990 | हातिमताई | ||
1990 | आज का अर्जुन | ||
1990 | तेजा | ||
1990 | जीने दो | ||
1990 | मुकद्दर का बादशाह | ||
1990 | दूध का कर्ज़ | रघुवीर सिंह | |
1990 | किशन कन्हैया | ||
1989 | जादूगर | महाप्रभु जगतसागर चिन्तामणि | |
1989 | निगाहें | ||
1989 | तुझे नहीं छोड़ूँगा | ||
1989 | दो कैदी | के के | |
1989 | सूर्या | ||
1989 | फर्ज़ की जंग | ||
1989 | बटवारा | ||
1989 | आग से खेलेंगे | ||
1989 | राम लखन | ||
1989 | मिल गयी मंज़िल मुझे | ||
1989 | मुज़रिम | ख़ान | |
1989 | नफ़रत की आँधी | ||
1989 | त्रिदेव | ||
1989 | हिसाब खून का | ||
1989 | ज़ुर्रत | ||
1989 | नाइंसाफी | बिल्ला | |
1989 | इलाका | ||
1989 | दाता | ||
1988 | आखिरी पोरतम | ||
1988 | हम फ़रिश्ते नहीं | ||
1988 | शहँशाह | ||
1988 | यतीम | ||
1988 | वारिस | ||
1988 | हमारा खानदान | ||
1988 | मोहब्बत के दुश्मन | शहबाज़ ख़ान | |
1988 | गंगा जमुना सरस्वती | ठाकुर हंसराज सिंह | |
1988 | रुख़सत | जगदीश चोपड़ा | |
1988 | मर मिटेंगे | अजीत सिंह | |
1988 | कमांडो | ||
1988 | खून बहा गंगा में | ||
1988 | दयावान | इंस्पेक्टर रतन सिंह | |
1988 | साजिश | ||
1987 | इनाम दस हज़ार | ||
1987 | सड़क छाप | ||
1987 | प्यार करके देखो | ||
1987 | डांस डांस | ||
1987 | शेर शिवाजी | ||
1987 | मददगार | ||
1987 | दादागिरी | भानु प्रताप | |
1987 | दिल तुझको दिया | मोहला | |
1987 | परम धरम | ||
1987 | लोहा | ||
1987 | हवालात | ||
1987 | मिस्टर इण्डिया | ||
1987 | जवाब हम देंगे | सेठ धनराज | |
1986 | एक और सिकन्दर | ||
1986 | रिकी | ||
1986 | तमस | ||
1986 | काँच की दीवार | भूप सिंह | |
1986 | प्यार हो गया | ||
1986 | जाँबाज़ | राना विक्रम सिंह | |
1986 | नगीना | ||
1986 | नसीब अपना अपना | भीम सिंह | |
1986 | सल्तनत | ||
1986 | असली नकली | ||
1986 | दोस्ती दुश्मनी | ||
1986 | समुन्दर | ||
1986 | आप के साथ | ||
1986 | मेरा धर्म | ||
1985 | आज के शोले | बलबीर गुप्ता | |
1985 | कर्मयुद्ध | ||
1985 | पत्थर दिल | ||
1985 | मोहब्बत | चौधरी | |
1985 | ज़बरदस्त | बलराम सिंह | |
1985 | अघात | ||
1985 | निशान | ||
1985 | तेरी मेहरबानियाँ | ठाकुर विजय सिंह | |
1985 | पैसा ये पैसा | जुगल | |
1985 | मेरी जंग | ||
1985 | फाँसी के बाद | ||
1984 | ज़ख्मी शेर | ||
1984 | झूठा सच | ||
1984 | इंडियाना जोन्स एंड द टेंपल ऑफ डूम | ||
1984 | इंसाफ कौन करेगा | भानुप्रताप | |
1984 | यह देश | ||
1984 | कसम पैदा करने वाले की | ||
1984 | दुनिया | बलवंत सिंह कालरा | |
1984 | गंगवा | विशेष भूमिका | |
1984 | आवाज़ | ||
1984 | मशाल | ||
1984 | पार्टी | डॉक्टर | |
1984 | जागीर | ||
1983 | अर्द्ध सत्य | ||
1983 | मंडी | ||
1983 | हादसा | ||
1983 | कुली | ||
1983 | अंधा कानून | ||
1983 | हीरो | ||
1982 | जॉनी आई लव यू | ज़ालिम सिंह | |
1982 | मैं इन्तकाम लूँगी | ||
1982 | आदत से मजबूर | ||
1982 | अपना बना लो | ||
1982 | विजेता | ||
1982 | शक्ति | जे वर्मा | |
1982 | गाँधी | ||
1982 | तहलका | ||
1982 | विधाता | ||
1982 | अशान्ति | ||
1981 | क्रोधी | ||
1981 | कलयुग | किशन चाँद | |
1981 | नसीब | ||
1980 | चन परदेसी | ||
1980 | दोस्ताना | बलवंत सिंह | |
1980 | मान अभिमान | ||
1980 | गहराई | ||
1980 | पत्थर से टक्कर | ||
1980 | कुर्बानी | ||
1980 | हम पाँच | वीर प्रताप सिंह | |
1980 | आक्रोश | ||
1979 | लखन | ||
1979 | हमारे तुम्हारे | ||
1979 | जानी दुश्मन | ||
1979 | सावन को आने दो | ||
1979 | नैया | ||
1978 | कोन्दुरा | ||
1977 | भूमिका | ||
1977 | पापी | ||
1977 | ईमान धर्म | धर्मदयाल | |
1977 | अलीबाबा मरज़ीना | जब्बार | |
1976 | मंथन | ||
1975 | निशांत | ||
1975 | सलाखें | मास्टर | |
1973 | कादू | ||
1973 | हिन्दुस्तान की कसम | ||
1971 | शांता! कोर्ट चालू आहे | मराठी फ़िल्म | |
1971 | रेशमा और शेरा | रहमत ख़ान | |
1971 | हलचल | सरकारी वादी वकील | |
1970 | प्रेम पुजारी |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Mogambo Amrish Puri lives on: A tribute". Hindustan Times. 11 जनवरी 2010. मूल से 16 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2016.