गर्दिश
गर्दिश 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित है।[1] इसमें जैकी श्रॉफ, अमरीश पुरी, फरीदा ज़लाल, आदि कलाकार शामिल हैं। यह मुकेश ऋषि की पहली फ़िल्म है।
गर्दिश | |
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गर्दिश का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रियदर्शन |
लेखक | सूरज संयम (संवाद) |
पटकथा | प्रियदर्शन |
निर्माता | आर॰ मोहन |
अभिनेता |
जैकी श्रॉफ, अमरीश पुरी, डिम्पल कपाड़िया, फरीदा ज़लाल, शम्मी कपूर, ऐश्वर्या |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
10 सितंबर, 1993 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंभोली-भाली और आसानी से प्रभावित होने वाली विद्या भल्ला चाहती है कि उसका पति एक साहसी हीरो हो, जो किसी से नहीं डरता हो और उससे बहुत प्यार करें। वह कांस्टेबल पुरूषोत्तम (अमरीश पुरी) के बेटे शिवा साठे (जैकी श्रॉफ) में ये सभी गुण देखती है। विद्या अपने पिता पृथ्वीराज भल्ला को बताती है कि उसे अपने सपनों का राजकुमार मिल गया है; भल्ला और पुरूषोत्तम मिलते हैं और दोनों की औपचारिक सगाई करवा देते हैं। फिर पुरूषोत्तम एक विधायक के बेटे को गिरफ्तार कर लेता है और परिणामस्वरूप उसे बॉम्बे के कुख्यात काला चौकी पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया जाता है। पहुंचने पर, उसे पता चलता है कि पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक सैनी (सुरेश ओबेरॉय) को डॉन बिल्ला जिलानी ने बुरी तरह पीटा है। पुरूषोत्तम उसके पूरे परिवार को स्थानांतरित करने की व्यवस्था करता है।
कहानी में नया मोड़ तब आता है जब शिवा का बहनोई पृथ्वीराज के पास आता है और उसे बताता है कि बिल्ला जिलानी को पीटने के बाद शिवा अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया है और अब हफ्ता और रिश्वत लेता है। पृथ्वीराज को पता चलता है कि शिवा एक गुंडा बन गया है और उसे कई बार गिरफ्तार किया गया है। इससे उसके पिता को काफी निराशा हुई है। पृथ्वीराज शादी के गठबंधन तोड़ देता है और पुरुषोत्तम को सूचित कर देता है। इसके तुरंत बाद, एक और लड़ाई छिड़ जाती है और इस बार शिवा को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उसे कई दिनों तक काल कोठरी में रखा जाता है, उसके पिता द्वारा पीटा जाता है और बाद में शांति (डिम्पल कपाड़िया) नाम की एक महिला द्वारा उसे छुड़ाया जाता है। अंततः, शिवा बिल्ला को मार देता है। फिल्म का अंत पुरुषोत्तम द्वारा इंस्पेक्टर सैनी को यह बताने से होता है कि शिवा को इंस्पेक्टर बनाने की सिफारिश नहीं की जा सकती, क्योंकि कानून की नजर में वह एक अपराधी है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- जैकी श्रॉफ – शिवा
- अमरीश पुरी – पुरुषोत्तम काशीनाथ
- डिम्पल कपाड़िया – शांति
- फरीदा ज़लाल – लक्ष्मी
- मुकेश ऋषि – बिल्ला जिलानी
- शम्मी कपूर – पृथ्वीराज भल्ला
- असरानी – शिवा का साला
- सुरेश ओबेरॉय – इंस्पेक्टर सैनी
- राजबब्बर – प्रताप
- ऐश्वर्या – विद्या भल्ला
- राकेश बेदी –
- अनु कपूर – मनीषभाई हरिशभाई
- अनंत महादेवन – हवलदार सावंत
संगीत
संपादित करेंसभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "बादल जो बरसे तो" | आशा भोंसले | 3:37 |
2. | "हम ना समझे थे" | एस पी बालासुब्रमण्यम | 4:28 |
3. | "रंग रंगीली रात गाए" | आशा भोंसले, एस पी बालासुब्रमण्यम | 7:10 |
4. | "तुम जो मिले हमको" | एम॰ जी॰ श्रीकुमार, आशा भोंसले | 5:01 |
5. | "ये मेरा दिल पागल है" | आशा भोंसले, एस पी बालासुब्रमण्यम | 5:00 |
6. | "ऐ मेरे दीवानों" | आशा भोंसले, एस पी बालासुब्रमण्यम | 5:05 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1994 | जैकी श्रॉफ | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |
अमरीश पुरी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
डिम्पल कपाड़िया | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
त्यागराजन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ एक्शन पुरस्कार | जीत | |
साबू सिरिल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन पुरस्कार | जीत | |
एन. गोपालकृष्णन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सम्पादक पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "31 साल पहले आई Jackie Shroff आखिरी 'सोलो-हिट', 'खलनायक' के बाद इस फिल्म से छोड़ी छाप". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 18 फरवरी 2024.