दामिनी

1993 की राजकुमार संतोषी की फ़िल्म

दामिनी राजकुमार सन्तोषी द्वारा निर्देशित 1993 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की नाटक फिल्म है। इसमें मुख्य भूमिका में मीनाक्षी शेषाद्रि और साथ में ऋषि कपूर, सनी देओल और अमरीश पुरी हैं। फिल्म की कहानी है कि एक महिला न्याय के लिए समाज के खिलाफ कैसे लड़ती है। आमिर ख़ान की एक गीत में विशेष उपस्थिति है।।[1] यह फिल्म जारी होने पर सफल रही थी और इसे सबसे अच्छी महिला प्रधाम फिल्मों से एक माना जाता है। सनी देओल के अभिनय की अपार प्रशंसा हुई और उनके संवाद यादगार रहे हैं।[2] इस फिल्म के अधिकार अब रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के स्वामित्व में हैं।

दामिनी

दामिनी का पोस्टर
निर्देशक राजकुमार संतोषी
लेखक दिलीप शुक्ला
निर्माता एली मोरानी
करीम मोरानी
बंटी सूरमा
अभिनेता मीनाक्षी शेषाद्रि,
सनी देओल,
ऋषि कपूर,
कुलभूषण खरबंदा,
अमरीश पुरी,
अंजान श्रीवास्तव
संगीतकार नदीम श्रवण
प्रदर्शन तिथियाँ
30 अप्रैल, 1993
देश भारत
भाषा हिन्दी

जब अमीर श्री गुप्ता का पुत्र शेखर (ऋषि कपूर) एक छोटे से पहाड़ी शहर में जाता हैं, तो उसे दामिनी की सुंदरता और नृत्य मोह लेती है। जब वह उससे मिलने जाता है, तो वह फैसला करता है कि वह उससे शादी करने जा रहा है। शेखर अपने पिता को उसके मास्टर पिता चंद्रकांत से मिलने के लिए लाता है। श्री गुप्ता (कुलभूषण खरबंदा) दामिनी की सरलता, सुंदरता और ईमानदारी से प्रभावित हैं और वे शेखर और दामिनी के विवाह को मंजूरी देते हैं। धूमधाम समारोह में दोनों की शादी मनाई जाती है। फिर दामिनी शेखर के हवेली जैसे घर ​​में पहुँचती है, जहां उसे पता चलता है कि शेखर की मां सुमित्रा अपने बेटे की अमीर श्री बजाज की बेटी से शादी कराना चाहती थी। फिर एक दिन दामिनी शेखर के छोटे भाई राकेश को नौकरानी से छेड़छाड़ करते हुए देखती है और इस बारे में शेखर को सूचित करने के लिए जाती है। यौन हमले को रोकने के लिए शेखर दौड़ता है, लेकिन बहुत देर हो चुकी होती है। इस प्रकार राकेश और उसके तीन मित्र नौकरानी के साथ बलात्कार करते हैं जो बेहोश हो जाती है। तब गुप्ता परिवार इस घटना को छुपाने का षड्यंत्र करता है। लेकिन दामिनी इस घटना को अपने दिमाग से बाहर करने में असमर्थ है और आखिर में पुलिस को सूचित करने का फैसला करती है। तुरंत गुप्ता परिवार द्वारा उसे बहिष्कृत किया जाता है और घर छोड़ने के लिए कहा जाता है। पुलिस राकेश और उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार करती है और मामला अदालत में उठाया जाता है। दामिनी को गवाही देने के लिए कहा जाता है। उसको गुप्ता परिवार के वकील इंद्रजीत चड्डा (अमरीश पुरी) द्वारा मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसमें गुप्ता परिवार के लोगों के साथ उसके पिता भी गवाही देते हैं। दामिनी को मानसिक संस्था में न्यायिक आदेश से दो हफ्तों तक रखा जाता है। संस्था में उसे मानसिक यातना दी जाती है और वह वहाँ से भागने में सफल होती है। वह गोविंद (सनी देओल) नाम के शराबी वकील से मिलती है, जिसने बलात्कार का मामला फिर से खुलवाया। तब नौकरानी अस्पताल में मर जाती है और पुलिस आत्महत्या के रूप में उसकी मृत्यु को लिखती है, लेकिन गोविंद अन्यथा साबित करने में सक्षम है। दामिनी के लिये अंतिम परीक्षण के रूप में एकमात्र व्यक्ति जो उसका सही स्थान बहाल कर सकता है वो शेखर है। लेकिन क्या शेखर अपने परिवार के खिलाफ खड़ा हो सकता है और दामिनी के पक्ष में गवाही दे सकता है और अपने छोटे भाई को जेल भेज सकता है?

मुख्य कलाकार

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सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."बिन साजन झूला"कुमार सानु, साधना सरगम06:17
2."गवाह है चाँद तारे"कुमार सानु, अलका याज्ञनिक06:19
3."कागा तो उड़ गया"अलका याज्ञनिक05:17
4."जब से तुमको देखा"कुमार सानु, साधना सरगम05:14
5."सच्चा आशिक है तो"कुमार सानु, अलका याज्ञनिक08:25
6."तांडव"वाद्य संगीत02:21

दामिनी, घायल और घातक के साथ सनी देओल, मीनाक्षी और राजकुमार संतोषी की सफल फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म से मीनाक्षी शेषाद्रि को कभी-कभार दामिनी भी कहा जाता है।[3]

नामांकन और पुरस्कार

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  1. "फिल्म 'जबरदस्त' के सेट पर पूरी यूनिट के सामने आमिर पर भड़क गए थे अमरीश पुरी, बाद में मांगनी पड़ी थी माफी". दैनिक भास्कर. 22 जून 2018. Archived from the original on 17 जुलाई 2018. Retrieved 17 जुलाई 2018.
  2. "'दामिनी' के 25 साल, सनी देओल ने वीडियो शेयर कर याद दिलायी 'तारीख़'". दैनिक जागरण. 2 मई 2018. Archived from the original on 17 जुलाई 2018. Retrieved 17 जुलाई 2018.
  3. "अब ऐसी दिखती हैं बॉलीवुड की 'दामिनी', 21 साल पहले रिलीज हुई थी आखिरी फिल्म". एनडीटीवी इंडिया. 29 अक्टूबर 2017. Archived from the original on 17 जुलाई 2018. Retrieved 17 जुलाई 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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