कोयला (फ़िल्म)

1997 की राकेश रोशन की फ़िल्म

कोयला 1997 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन थ्रिलर फिल्म है। राकेश रोशन द्वारा निर्देशित और निर्मित इस फिल्म में शाहरुख़ ख़ान, माधुरी दीक्षित और अमरीश पुरी प्रमुख भुमिकाओं में हैं। ये साल की 9वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी और इसे "औसत" दर्जा दिया गया था।[1] इसके गीत भी खासे लोकप्रिय रहे। फिल्म के कुछ सीन अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शूट किए गए हैं।

कोयला

कोयला का पोस्टर
निर्देशक राकेश रोशन
लेखक अनवर खान (संवाद)
पटकथा सचिन भौमिक
कहानी राकेश रोशन
निर्माता राकेश रोशन
अभिनेता शाहरुख़ ख़ान,
माधुरी दीक्षित,
अमरीश पुरी,
रंजीत,
जॉनी लीवर
छायाकार समीर आर्य
संपादक संजय वर्मा
संगीतकार राजेश रोशन
प्रदर्शन तिथियाँ
7 अप्रैल, 1997
देश भारत
भाषा हिन्दी

शंकर (शाहरुख खान) एक मूक इंसान है, जिसे राजा (अमरीश पुरी) पालता है। शंकर, राजा का वफादार होता है, पर राजा उसे एक गुलाम से बढ़ कर और कुछ नहीं समझता। शंकर को राजा का छोटा भाई बिना कारण बेदर्दी से मारते रहता है। राजा अपनी खूबसूरत सहायक बिंदिया से ऊब चुका होता है और उसका डॉक्टर उसे किसी छोटी लड़की का सुझाव देता है। एक दिन राजा की नजर गाँव की एक भोली-भाली लड़की, गौरी (माधुरी दीक्षित) पर पड़ती है। वो उसके सपने देखने लगता है और उससे शादी करने की सोचता है। उसके लालची मामा और मामी भी उसकी शादी राजा से कराने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन गौरी पहले अपने होने वाले पति की तस्वीर देखना चाहती है।

बूढ़े राजा की तस्वीर को देखते साथ ही गौरी शादी से मना कर देगी, ये सोच कर राजा उसे अपनी तस्वीर न भेज कर शंकर की तस्वीर भेज देता है। गौरी को उसी समय उससे प्यार हो जाता है और शादी का कार्यक्रम आगे बढ़ता है। शादी होने से पहले ही गौरी को पता चल जाता है कि उसकी शादी जिससे होने वाली है वो शंकर नहीं है। ये जान कर वो बेहोश हो जाती है, लेकिन राजा पुजारी को शादी रोकने से मना कर देता है। गौरी को जब होश आता है तो उसे पता चलता है कि उसकी शादी हो चुकी है और राजा उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश में है। गौरी इससे बचने के लिए आत्महत्या करने की कोशिश करती है, पर शंकर और उसका दोस्त आ कर उसे बचा लेते हैं और वो शंकर से पहली बार आमने सामने मिलती है। वो उसे थप्पड़ मारती है और उसकी जिंदगी बर्बाद करने का आरोप भी लगाती है। शंकर का दोस्त उसे बताता है कि इसमें शंकर की कोई गलती नहीं है। हैरान गौरी उससे माफी मांगने की कोशिश करती है, लेकिन तब तक वो चला जा चुका होता है।

गौरी का भाई, अशोक (मोहनीश बहल) अपनी बहन को देखने आता है। राजा के दबाव में आ कर वो कह देती है कि वो खुश है, पर शंकर सारी सच्चाई उसके सामने ले आता है। जब उसका भाई अपनी बहन को छुड़ाने आता है तो राजा उसे मार देता है। अपने अंतिम समय पे वो शंकर से वादा लेता है कि वो उसकी बहन की रक्षा करेगा। उसके बाद शंकर और गौरी वहाँ से भाग जाते हैं। राजा गुस्से में गौरी और शंकर को देखते साथ मार डालने को कहता है और सभी उनकी तलाश करने लगते हैं। वे दोनों पहाड़ों और जंगलों में छिपते-छिपाते हैं। जंगल में शंकर को राजा के गुंडों को मारने में बहुत आसानी होती है, पर राजा के गुंडों को बहुत परेशानी होती है, इस कारण वे लोग वहाँ से चले जाते हैं। इसी दौरान गौरी और शंकर एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं, लेकिन राजा जब वापस आता है तो वो गौरी और शंकर को झरने के पास देख लेता है और गोली चला देता है। एक गोली गौरी के हाथ में लग जाती है।

वे दोनों पकड़े जाते हैं और शंकर को बृजवा और डीआईजी (प्रदीप रावत) मिल कर बुरी तरह मारते हैं और पहाड़ में मरने के लिए छोड़ देते हैं। गौरी को कोठे पर बिंदिया के साथ बेच दिया जाता है। बिंदिया वहाँ से गौरी को भगा देती है, पर बिंदिया को ऐसा करने पर बृजवा मार डालता है। राह चलते एक वैद्य को शंकर मिल जाता है। वो उसे बचा लेता है, पर अभी तक उसे होश नहीं आता है। इसी दौरान उसे पता चलता है कि वो जन्म से गूंगा नहीं है और उसका इलाज किया जा सकता है। शंकर को होश आ जाता है और वो याद करता है कि वो जब एक छोटा बच्चा था, तब उसके पिता हीरा ढूंढने का काम करते थे। उसके माता-पिता की हत्या उसके ही सामने दो अनजान लोगों ने कर दी थी। जब वो ये बात सभी को बताने वाला था तो उसके गले में गरम-गरम कोयला डाल दिया गया था, तब से वो बोल नहीं पाता था। शंकर ठीक हो कर वापस आता है और पहले बृजवा को और फिर अपने माता-पिता को मारने वाले एक व्यक्ति को मार कर गौरी को बचा लेता है। इसी दौरान उसे पता चलता है कि राजा ने ही उसके माता-पिता की पैसों के लिए हत्या की थी। राजा के दो आदमियों और डीआईजी को शंकर मार देता है और अंत में राजा अकेला पड़ जाता है। वो शंकर से अपने सारे गलत कामों के लिए माफी मांगता है, पर राजा उसे माफ नहीं करता और आग में डाल देता है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत इंदीवर द्वारा लिखित; सारा संगीत राजेश रोशन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."देखा तुझे तो हो गई दीवानी"अलका याज्ञनिक, कुमार शानू7:31
2."घूँघट में चंदा"उदित नारायण6:12
3."तनहाई तनहाई दोनों को पास"अलका याज्ञनिक, उदित नारायण5:37
4."बदन जुदा होते हैं"कुमार शानू, प्रीति उत्तम सिंह10:30
5."साँसों की माला पे"कविता कृष्णमूर्ति6:47
6."भांग के नशे में"अलका याज्ञनिक, आदित्य नारायण6:06

नामांकन और पुरस्कार

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मनोनीत - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार - अमरीश पुरी

  1. "#20Years: सलमान को तब भी धूल चटा देते थे अजय देवगन....बॉक्स ऑफिस किंग बनकर!". https://hindi.filmibeat.com. 29 नवम्बर 2017. Retrieved 28 अक्टूबर 2018. {{cite news}}: External link in |work= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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