संग्राम (1993 फ़िल्म)

1993 की लौरेंस डिसूज़ा की फ़िल्म

संग्राम लॉरेंस डिसूज़ा द्वारा निर्देशित 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें अजय देवगन, करिश्मा कपूर, आयशा जुल्का और अमरीश पुरी मुख्य कलाकार हैं। अन्य कलाकारों में डैनी डेन्जोंगपा, रीमा लागू, असरानी, लक्ष्मीकांत बेर्डे, अंजना मुमताज़, तेज सप्रू, सत्येंद्र कपूर, अवतार गिल और दिनेश हिंगू शामिल हैं।

संग्राम

संग्राम का पोस्टर
निर्देशक लौरेंस डिसूज़ा
लेखक जलीस शेरवानी (संवाद)
कहानी राजीव कौल
प्रफुल्ल पारेख
निर्माता लॉरेंस डिसूज़ा
अभिनेता अजय देवगन,
आयशा जुल्का,
करिश्मा कपूर,
अमरीश पुरी,
डैनी डेन्जोंगपा
संगीतकार नदीम श्रवण
प्रदर्शन तिथियाँ
18 जून, 1993
देश भारत
भाषा हिन्दी

राजा (अजय देवगन) और मधु (करिश्मा कपूर) कॉलेज में मिलते हैं। वे शुरू में दुश्मनों के रूप में शुरूआत करते हैं। लेकिन आखिरकार अपने संबंधित घरों में लौटने से पहले दोस्त बन जाते हैं। हालांकि, राजा को एहसास नहीं होता कि मधु उसके साथ प्यार में पड़ गई है। इसके अलावा, उनमें से कोई भी अपने परिवारों के बीच वंश-बैर के बारे में नहीं जानता। सालों पहले राजा के पिता ठाकुर सूरजभान सिंह तोमर (अमरीश पुरी) ने ठाकुर शमशेर सिंह राणा (डैनी डेन्जोंगपा) की बहन के दिल को तोड़ दिया था, जिससे क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या कर ली। जब शमशेर को पता चलता है कि उनकी बेटी सूरजभान के बेटे से प्यार करती है। तो वह उसे राजा को फिर से कभी देखने से मना कर देता है।

सूरजभान शत्रुता को खत्म करने के लिए अपनी बीवी से सहमत हैं। वह शमशेर से बात करने जाता है। वह शमशेर से अपने बच्चों की इच्छाओं को स्वीकार करने और उनकी शादी की अनुमति देने के लिए कहता है। कुछ प्रारंभिक हिचकिचाहट के बाद, शमशेर सहमत हो जाता है। हालांकि, वो सूरजभान को अपनी बेटी के दिल को अपनी बहन के जैसे न तोड़ने की चेतावनी देता है। इस बीच, राजा को पता नहीं है कि उसकी शादी मधु के साथ तय की गई है। वह अपने पिता के संपत्ति पर रहने वाली एक गरीब लड़की पल्लवी (आयशा जुल्का) के साथ प्यार में पड़ गया है। जब शमशेर को पता चलता है कि राजा उसकी बेटी से शादी नहीं करना चाहता, तो वह सूरजभान के परिवार को नष्ट करने का प्रण लेता है। मधु तत्काल जहर खा लेती है, लेकिन उसे उसके परिवार द्वारा बचाया जाता है। शमशेर पल्लवी से कहता है कि अगर वह उसकी बेटी से शादी नहीं करता तो वह राजा को मार देगा। राजा की जिंदगी के लिये डरते हुए पल्लवी ने उसे बताया कि वह कभी उससे प्यार नहीं करती थीं और केवल उसके पैसे के लिए उससे शादी कर रही थीं। इस बात को आगे बढ़ाने के लिए, सूरजभान ने पल्लवी के झोपड़ी को आग लगा दी। उसके पिता की मौत हो गई, लेकिन पल्लवी जीवित रही। सूरजभान ने अपने लोगों से बेहोश पल्लवी को लेकर उसका शरीर को कहीं दूर फेंकने के लिए कहा। लेकिन, राजा को शमशेर की चेतावनी और अपने पिता के कार्यों के बारे में सच्चाई बताई गई। राजा पल्लवी को पाता है और पुजारी को अपनी शादी के लिए बुलाता है। समारोह के दौरान शमशेर और उसके आदमी जोड़े पर हमला करते हैं। सूरजभान अपने बेटे को बचाने के लिए दौड़ता है। लड़ाई में, शमशेर गलती से मधु को गोली मार देता है। मरने से पहले, मधु राजा से उसे माफ करने के लिए कहती है और अपने पिता से परिवार के विवाद को खत्म करने के लिए विनती करती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."जीतेगा वोही जिसमे है दम"कुमार सानु, पी॰ सुनंदा7:13
2."दिल में मोहब्बत है"कुमार सानु, अलका याज्ञिक6:07
3."सॉरी आइ एम सॉरी"मुकुल अग्रवाल, अलका याज्ञिक6:07
4."भीगी हुई है रात"कुमार सानु, कविता कृष्णमूर्ति5:29
5."बेशक तुम मेरी मोहब्बत हो"कुमार सानु, अलका याज्ञिक, पी॰ सुनंदा7:01
6."उड़ते बादल से पूछो"अलका याज्ञिक5:41
7."सजना बन के फिरू"अलका याज्ञिक, पी॰ सुनंदा5:07

बाहरी कड़ियाँ

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