चाइना गेट (1998 फ़िल्म)
चाइना गेट 1998 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित है और 27 नवंबर 1998 को जारी हुई थी। इसमें उर्मिला मातोंडकर पर फिल्माया गया गाना "छम्मा छम्मा" बहुत बड़ा हिट रहा था। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था।
चाइना गेट | |
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![]() चाइना गेट का पोस्टर | |
निर्देशक | राजकुमार संतोषी |
लेखक |
राजकुमार संतोषी के॰ के॰ रैना अंजुम राजाबली |
निर्माता | राजकुमार संतोषी |
अभिनेता |
अमरीश पुरी, ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह, डैनी डेन्जोंगपा, ममता कुलकर्णी, कुलभूषण खरबंदा, परेश रावल, टिन्नू आनन्द, अंजान श्रीवास्तव, विजू खोटे, हरीश पटेल |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
27 नवंबर, 1998 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
यह फ़िल्म काफी हद तक शोले (1975) के जैसी है। यह फ़िल्म टिकट खिड़की पे 'औसत' प्रदर्शन करने में सफल रही थी।[1]
संक्षेप
संपादित करेंकर्नल कृष्णकांत पुरी (ओम पुरी) और उनकी यूनिट के दस लोगों को मिशन चाइना गेट में विफल होने के कारण भारतीय सेना से बेइज्जत करके निकाल दिया गया था। कृष्णकांत ने सैन्य उच्च कमान के फैसले को चुनौती दी और 17 साल तक सिविल कोर्ट में केस चलाया। लेकिन अंतिम फैसला उनके और उनकी टीम के खिलाफ आया। निराश होकर, वह आत्महत्या करने ही वाला था कि संध्या (ममता कुलकर्णी) नाम की एक युवती ने उसका दरवाजा खटखटाया। खूंखार डाकू जगीरा (मुकेश तिवारी) के हाथों अपने वन अधिकारी पिता सुंदर राजन की क्रूर हत्या देखने के बाद संध्या कर्नल के पास जाती है। वह देवदुर्ग क्षेत्र में जगीरा के आतंक के शासन को समाप्त करने में उसकी सहायता मांगती है। कृष्णकांत उसकी सहायता करने के लिए सहमत हो जाता है और अपने दस साथी अधिकारियों और अधीनस्थों को इस मिशन में अपनी सहायता करने के लिए बुलाता है। वे जगीरा से लड़ने के लिए आवश्यक गोला-बारूद और हथियारों के साथ देवदुर्ग में इकट्ठा होते हैं। वे गांव वालों का भी विश्वास जीत लेते हैं।
गांव वालों को नहीं पता कि कृष्णकांत और उसके आदमियों को कायरता के कारण सेना से बेइज्जत करके निकाल दिया गया था। जगीरा के गिरोह के साथ पहली मुठभेड़ के समय कृष्णकांत की टीम को एहसास हुआ कि वे अब उतने फुर्तीले नहीं रह गए हैं और उम्र के कारण उनमें लड़ने की क्षमता और सहज ज्ञान खत्म हो गया है। कर्नल कृष्णकांत की अनुमति से मेजर गुरुंग (डैनी डेन्जोंगपा) उन्हें फिर से प्रशिक्षित करना शुरू करते हैं। एक दिन जगीरा भ्रष्ट पुलिस अधिकारी बरोट (परेश रावल) की मदद से उन्हें पकड़ लेता है। लेकिन वे आखिरकार भाग निकलते हैं और बदले में जगीरा को पकड़ लेते हैं। कर्नल कृष्णन पुरी (अमरीश पुरी) और कुछ अधिकारी उसे मारने का इरादा रखते हैं। लेकिन कप्तान कर्नल पुरी उसे पुलिस इंस्पेक्टर बरोट को सौंप देते हैं। नतीजतन जगीरा फिर से आज़ाद हो जाता है और मेजर सरफ़राज़ (नसीरुद्दीन शाह) को मार देता है।
अब कर्नल कृष्णकांत की पूरी टीम गांव वालों के साथ मिलकर जगीरा का पीछा करती है और उससे अंतिम बदला लेती है। वे इंस्पेक्टर बरोट को एक बड़ा सबक सिखाते हैं। कृष्णकांत को पता चलता है कि संध्या और बाकी निवासियों को जगीरा ने बंधक बना रखा है। उदित (समीर सोनी) उन्हें बचाने निकल पड़ता है। घातक लड़ाई के बाद, क्रोधित केवल और पांच सैनिक सरफ़राज़ की मौत का बदला लेने और उसके आतंक के शासन को समाप्त करने के लिए जगीरा को मार देते हैं। फिल्म ब्रिगेडियर अनूप कुमार द्वारा पूरी टीम को सम्मानित और प्रशंसा किए जाने के साथ समाप्त होती है। टीम अंततः नए मिशन को पूरा करने के लिए अगले साहसिक कार्य के लिए निकल पड़ती है। वहीं उदित संध्या का पति बन जाता है और साथ ही अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सेना में शामिल हो जाता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- ओम पुरी ― कर्नल कृष्णकांत पुरी
- अमरीश पुरी ― कर्नल केवल कृष्णन पुरी
- नसीरुद्दीन शाह ― मेजर सरफ़राज़ ख़ान (गोरखा रेजिमेंट)
- डैनी डेन्जोंगपा ― मेजर रणजीत सिंह गुरुंग
- समीर सोनी ― उदित टण्डन
- ममता कुलकर्णी ― संध्या राजन
- शिवाजी साटम ― गोपीनाथ
- कुलभूषण खरबंदा ― मेजर कुलभूषण गुप्ता
- परेश रावल ― इंस्पेक्टर बरोट
- टिन्नू आनन्द ― कप्तान बिजोन दासगुप्ता
- अंजान श्रीवास्तव ― हवलदार धरती कुमार पाण्डे
- मुकेश तिवारी ― जगवीर उर्फ़ जगीरा
- जगदीप ― हवलदार रमैयाः
- विजू खोटे ― घनश्याम
- ईला अरुण ― गोपीनाथ की पत्नी
- हरीश पटेल ― ग्रामीण
- उर्मिला मातोंडकर ― "छम्मा छम्मा" गीत में
- अनुपम खेर ― ब्रिगेडियर अनूप कुमार (कैमियो)
संगीत
संपादित करेंसभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "छम्मा छम्मा बाजे रे" | अलका यागनिक, विनोद राठौड़, शंकर महादेवन | 5:57 |
2. | "छम्मा छम्मा बाजे रे ― II" | सपना अवस्थी, अनु मलिक | 5:58 |
3. | "हमको तो रहना है" | हरिहरन, विनोद राठौड़, सोनू निगम | 7:14 |
4. | "थीम ऑफ़ चाइना गेट" (वाद्य संगीत) | ― | 1:06 |
5. | "इस मिट्टी का कर्ज़ था मुझपे" | सोनू निगम | 3:18 |
कुल अवधि: | 23:33 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1999 | नसीरुद्दीन शाह | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |
मुकेश तिवारी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार | नामित | |
अलका याज्ञिक ("छम्मा छम्मा") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
राजकुमार संतोषी के॰ के॰ रैना |
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार | जीत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "12 एक्टर, 2 एक्ट्रेस और 1 दमदार विलेन... नाम जानते ही देखने बैठ जाएंगे फिल्म, फिर क्लाइमैक्स तक उठना होगा मुश्किल". न्यूज़ 18. 19 सितम्बर 2023. अभिगमन तिथि 11 मार्च 2025.