गोरक्षकों द्वारा हिंसा
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भारत में गोरक्षकों द्वारा गुंडागर्दी एक ज्वलंत सामजिक समस्या है | पिछले कुछ वर्षों में गोरक्षकों ने कई निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है | २०१६ में गोरक्षकों द्वारा निर्दोष दलितों की पिटाई के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गोराक्षसों द्वारा हिंसा की आलोचना की | परन्तु इसके बाद भी गोरक्षकों ने अपने उपद्रव को जारी रखा |ये सारी बाते झूठ है ऑर गो रक्षक सिर्फ गौ तस्करो को ही सजा देते है
गोरक्षकों द्वारा हिंसा की घटनाएं
संपादित करेंगोरक्षा के नाम पर गुंडों ने चंदे और फंड जुटाकर गोशालाएं खोल ली हैं | अधिकतर गोरक्षक शाकाहारी होते हैं, और दावा करते हैं कि मांसाहारी आहार लोगों को हिंसक बना देता है, परन्तु विडम्बना यह कि वे स्वयं हिंसक है | वे रात में सड़कों पर वाहनों की तलाशी लेते हैं और वाहनचालकों को पीटते-मारते हैं | कभी-कभी वे पीड़ितों को गोबर और गोमूत्र का पंचगव्य बनाकर खिला देते हैं, कभी कोड़े मारते हैं, और यहां तक की हत्या भी कर देते हैं |[1]
- २८ सितम्बर २०१५ - उत्तर प्रदेश के दादरी में गोरक्षकों ने मुहम्मद अख़लाक़ नामक व्यक्ति पर गोमांस खाने का झूठा आरोप लगाया, और उसके घर में घुसकर उसकी हत्या कर दी |[1]
- अक्टूबर २०१५ - हिमाचल प्रदेश के लवासा गांव बजरंग दाल के गोरक्षकों ने एक निर्दोष व्यक्ति पर गाय की तस्करी का झूठा आरोप लगाया, और उसकी ह्त्या कर दी |[1]
- अक्टूबर २०१५ - जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में गोरक्षकों ने एक निर्दोष ट्रक क्लीनर की हत्या कर दी |[1]
- २ जनवरी २०१६ - पंजाब के रूपनगर जिले में गोरक्षकों ने भैंसों की चर्बी ले जाने वाले दो ट्रकों पर गोहत्या का झूठा आरोप लगाया, और ट्रक को जला दिया |[1]
- १३ जनवरी २०१६ - मध्य प्रदेश के खिरकिया रेलवे स्थानक पर गोरक्षकों ने एक निर्दोष मुसलमान पर गोमांस ले जाने का झूठा आरोप लगाया, और निर्दयता से उसकी पिटाई कर दी | बाद में पता चला की पीड़ित के पास जो मांस था, वह गाय का नहीं था |[1]
- ४ मार्च २०१६ - हरयाणा के कुरुक्षेत्र में गोरक्षा दल के आतंकवादियों ने सहरानपुर वासी मुस्तैन की हत्या कर दी | [1]
- ११ मार्च २०१६ - राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय में गोरक्षकों ने कश्मीर छात्रों पर गोमांस खाने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें पीटा और गिरफ्तार करवा दिया | बाद में पता चला कि यह मांस गाय का नहीं था | [1]
- १८ मार्च २०१६ - झारखण्ड के लातेहार में गोरक्षा समिति के गुंडों ने दो पशु व्यापारियों को मार कर उनके शवों को पेड़ से लटका दिया | [1]
- २८ मार्च २०१६ - पंजाब के रूपनगर - कराली रोड पर गोरक्षकों ने ट्रक ड्राइवर बलकार सिंह की पिटाई कर दी | श्री सिंह गाय की नहीं, बल्कि भैंसो की चर्बी ले जा रहे थे | [1]
- ३१ जुलाई २०१६ - पंजाब के मुक्तसर जिले में गोराक्षसों ने राकेश कुमार नामक व्यक्ति पर गोहत्या का आरोप लगाया, और उसे बुरी तरह से पीट दिया | [1]
- ३१ मई २०१६ - राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग १३ पर १५० गोरक्षकों ने तीन ट्रकवालों को रोककर उनकी पिटाई कर दी | जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो गोरक्षकों ने पुलिसवालों को भी पीट दिया, और ट्रक को आग लगाकर जला दिया | [1]
- २ जून २०१६ - हरयाणा के करनाल जिले में गोरक्षकों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी | [1]
- १० जून २०१६ - गोरक्षकों ने रिज़वान और मुख्तियार पर गोमांस तस्करी का आरोप लगाकर उन्हें गोबर खिलाया | [1]
- ११ जुलाई २०१६ - गुजरात के ऊना जिले के मोटा समाधियाला गांव में सात दलित युवक प्राकृतिक मृत्यु से मारी हुई गायों की खाल उतार रहे थे | यह इन दलितों का पैतृक व्यवसाय था, और उनके जीवनयापन का एकमात्र सहारा था | परन्तु ३५ गोरक्षकों ने इन निर्दोष दलितों को लोहे की रॉड से पीटा और उनके हाथ बाँध कर उनपर कोड़े बरसाए | गोरक्षकों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया शेयर किया, जिसके चलते दलित समुदाय ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किये | अगले एक सप्ताह में विरोधस्वरूप ३० दलित युवकों ने आत्महत्या का प्रयास किया | [1] इनमें से एक युवक की मौत हो गई | [2]
- २६ जुलाई २०१६ - गोरक्षकों ने मंदसौर रेलवे स्टेशन पर एक मुस्लिम महिला पर गोमांस ले जाने का आरोप लगाया, और अबला नारी को जमकर पीटा | [1]
- ६ अगस्त २०१६ - मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में हुई वाहन दुर्घटना में एक ट्रक तीन गायों से टकरा गया | इसके उपरांत गोरक्षक ट्रक ड्राइवर मनुभाई और खलासी मोहसिन को पीटने पहुँच गए | प्राण रक्षा हेतु दोनों व्यक्तियों को बरना नदी में छलांग लगाने पड़ी, जिसके कारण मनुभाई डूबकर मर गए |[1]
- ९ अगस्त २०१६ - गोरक्षक दल के सदस्यों ने बिसरख स्थित रावण मंदिर पर हमला कर मूर्तियों को तोड़ दिया। [3]
- १० अगस्त २०१६ - आंध्र प्रदेश के अमलापुरम में १०० गोरक्षकों ने दो दलित युवकों को पेड़ से बांधकर पीटा | ये दलित युवक एक मरी हुई गाय की खाल उतार रहे थे | गाय की मृत्यु दुर्घटनावश करंट लगने से हुई थी, एवं गाय के स्वामी ने स्वयं ही उसका शव दलितों को सौंप दिया था |[1]
- 3 अप्रैल 2017 - हरियाणा के रहने वाले 15 लोग छह वाहनों में गायों को लेकर जयपुर से हरियाणा के नूह जिले की ओर जा रहे थे | राजस्थान में बहरोड के पास इन्हें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से संबद्ध रखने वाले गोरक्षकों ने रोका | वाहनचालकों ने गोरक्षकों को लिखित प्रमाण दिखाए और साबित किया कि यह गाएं वैध रूप से ले जाई जा रहीं थीं, और इनका वध करने की कोई योजना नहीं थी | इसके होते हुए भी गोरक्षकों ने पहलू खान नामक वृद्ध व्यक्ति की हत्या कर दी और उनके चार सहयोगियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया | [4] पहलू खान दूध के लिए गाय ले जा रहा था |[5]
- २६ मई २०१७ - महाराष्ट्र के मालेगांव में गोरक्षों ने गोमांस बेचने का झूठा आरोप लगाकर दो मुसलामानों की पिटाई की, उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दीं, और उनसे जबरदस्ती 'जय श्री राम' कहलवाया। [6]
- २८ मई २०१७ - भुवनेश्वर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रेलगाड़ी में गाय ले जा रहे रमेश शाह और विमल कुमार को बुरी तरह से पीटा | पीड़ित नोएडा की एक गोशाला के कर्मचारी थे, और २० गायों को खरीदकर रेलगाड़ी से नोएडा वापस जा रहे थे | जब रेलवे स्थानक प्रबंधक और ट्रेन ड्राइवर ने इन दो व्यक्तियों की बचाने का प्रयास किया, तो गोरक्षकों ने उनके साथ भी मारपीट की | पीड़ितों की हालत इतनी गंभीर थी की उन्हें अस्पाताल ले जाना पड़ा | [7]
- २ जून २०१७ - हरियाणा के सोनिपत जिले में गोरक्षक दल के सदस्यों ने शिवम् नायक एक छात्र को चाकू से गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया | गोरक्षकों ने एक प्रदर्शन आयोजित किया था, और यह छात्र पास में एक कैमरा लेकर खड़ा था | गोरक्षक इस छात्र को पत्रकार समझ बैठे, और उससे प्रदर्शन की तस्वीरें छापने को कहा | जब छात्र ने तस्वीरें न लीं, तो गोरक्षकों ने उसपर हमला बोल दिया | मृत्यु से जूझते हुए पीड़ित को पहले स्थानीय अस्पताल में भारती किया गया, परन्तु हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली स्थान्तरित करना पड़ा | [8]
- १३ जून २०१७ - राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग १५ पर गौरक्षकों ने गायों से भरे पांच ट्रकों को रोका, और वाहन चालकों को पीट-पीटकर कर लहूलुहान कर दिया | गोरक्षकों ने गायों से भरे एक ट्रक में आग भी लगा दी | [5] तमिलनाडु के पशुपालन विभाग के अधिकारी केंद्र सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत इन गायों को तमिल नाडु ले रहे थे | प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित की गई इस योजना का उद्देश्य गायों की वंशवृद्धि करना है | गोरक्षकों द्वारा हमला करने पर अधिकारीयों ने उन्हें लिखित अनुमति प्रमाण दिखाए और अपने साथ के पशु चिकित्सकों से भी मिलाया | परन्तु गोरक्षसों ने उनकी एक न सुनी और पथराव करना प्रारम्भ कर दिया | [9]
राजनीतिक विवाद
संपादित करेंगोरक्षकों के उपद्रव को लेकर भारतीय संसद में बहस में भी हुई है | विपक्ष के राजनेताओं ने भाजपा सरकार पर गोरक्षक गुंडों को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया है | उदहारण के लिए हरियाणा में भाजपा सरकार ने २४ घंटे की गोरक्षा हेल्पलाइन बनाई है, एवं सड़कों पर गोरक्षा के लिए चेक पोस्ट लगाई है | विपक्ष का आरोप है कि भाजपा नारी रक्षा एवं किसान कल्याण जैसे मुद्दों को छोड़कर फ़र्ज़ी गोरक्षा पर केंद्रित है, वहीं असली गोरक्षा हेतु आवंटित किए धन का दुरुपयोग किया जा रहा है | उदाहरण के लिए राजस्थान में हिंगोनिया गोशाला में चार से पांच फुट का गोबर दलदल बन गया, और पंद्रह दिन के भीतर एक हजार गायों की मृत्यु हो गयी |[1]
७ अगस्त २०१६ को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गोरक्षसों की कड़ी आलोचना की -
गोरक्षा पर कुछ लोग अपने दुकानें खोल कर बैठ गए हैं। मुझे बहुत गुस्सा आता है। मैंने देखा है कुछ लोग पूरी रात एंटी-सोशल एक्टिविटी करते हैं और सुबह के वक्त गो रक्षक का चोला पहन लेते हैं। मैं राज्य सरकारों से अनुराध करता हूं कि वे उनका डोजियर तैयार करें। सबसे ज्यादा गायें कत्ल के कारण नहीं मरती हैं बल्कि प्लास्टिक खाने से मरती हैं। गो सेवक और गो रक्षक अलग हैं। गायों का प्लास्टिक खाना बंद करा दें गो-सेवक। 70-80 प्रतिशत गो रक्षक गोरखधंधा करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस बयान के कुछ दिन बाद ही पटियाला में गोरक्षक दल के मुखिया सतीश कुमार को अप्राकृतिक यौन शोषण सहित अन्य आपराधिक गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया | [11] परन्तु गोरक्षक प्रधानमंत्री पर गुस्सा गए, और उनपर सेकुलर होने का आरोप लगाया | गोरक्षकों ने मोदी पर उनकी पीठ पर छुरा घोंपने का आरोप लगाया, और कहा की 'नरेंद्र मोदी की मानसिकता अभी भी चायवाले की है।'[12] अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी |[1] विश्व हिन्दू परिषद ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को गोरक्षकों को अपमान बताया, और कहा कि २०१९ के लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।[13]
ऊना में दलितों पर हुए अत्याचार के बारे में प्रधानमन्त्री श्री मोदी जी ने गोरक्षसों से कहा 'मारना है तो मुझे गोली मार दो दलितों पर हमले बंद करो' | [14] परन्तु गोरक्षकों ने प्रधानमंत्री की इस सलाह को नज़रअंदाज़ कर दिया, और कुछ ही दिन बाद आंध्र प्रदेश में दलितों को मरी हुई गए की खाल उतारने के आरोप में बुरी तरह से पीट दिया | [15][16]
जब गोरक्षकों का उपद्रव जारी रहा, तो भाजपा सरकार की निंदा के चलते मई २०१७ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी गोरक्षसों का विरोध किया | उन्होंने कहा कि ‘जो लोग यह कर रहे हैं वे हमारे लोग नहीं हैं. जिन लोगों ने ऐसा किया वे गलत हैं. हम उनके साथ नहीं हैं. प्रधानमंत्री ने उनकी निंदा की है... हम सबने निंदा की है.'[17] महाराष्ट्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अपने जीवनयापन के लिए मरी हुई गायों की खाल निकालने वाले दलितों के विरुद्ध हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। [18] बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और गोरक्षकों का उपहास उड़ाते हुए कहा की अपने आप को गोरक्षक बताने वालों को लावारिस गायों की सेवा करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए | [19]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ "गणतंत्र का गुड़गोबर". 5 सित॰ 2016. मूल से 11 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "'हो रही है गोरक्षक दलों के नाम पर गुंडागर्दी'". BBC News हिंदी. मूल से 30 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "गोरक्षक दल के लोगों ने रावण मंदिर में की तोड़फोड़". मूल से 12 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "राजस्थान: गाय ले जा रहे कुछ लोगों की गोरक्षकों ने जमकर की पिटाई, 1 की मौत". NDTVIndia. मूल से 8 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ अ आ न्यूज़, एबीपी (13 जून 2017). "बाड़मेर: 'गौरक्षकों' की गुंडागर्दी, गाय ले जा रहे ट्रकों में तोड़फोड़, ड्राइवरों को पीटा". abpnews.abplive.in. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ Sankrityayan, Rahul (29 मई 2017). "महाराष्ट्र के मालेगांव में बरपा कथित गोरक्षकों का कहर, 2 को पीटा, जबरदस्ती कहलवाया जय श्री राम". https://hindi.oneindia.com. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
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में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ न्यूज़, एबीपी (28 मई 2017). "भुवनेश्वर: बजरंग दल कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, ट्रेन में गाय ले जा रहे लोगों को बुरी तरह पीटा". abpnews.abplive.in. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "गोरक्षक दल ने पत्रकार समझकर किया छात्र पर हमला, सीने और पेट को चाकुओं से गोदा". Jansatta. 2 जून 2017. मूल से 5 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत के हफ्ते भर के अंदर मध्य प्रदेश की गृह सचिव मधु खरे का तबादला". NDTVIndia. मूल से 12 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "गो रक्षा पर PM मोदी का बड़ा बयान, कहा- गो रक्षा के नाम पर कुछ लोगों ने अपनी दुकानें खोल रखी हैं, राज्य सरकारें तैयार करें डोजियर". Zee News Hindi. 6 अग॰ 2016. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "पटियाला में गोरक्षक दल के चीफ सतीश कुमार गिरफ्तार". Navbharat Times. 21 अग॰ 2016. मूल से 13 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "नरेंद्र मोदी की मानसिकता अभी भी "चायवाले" की है -गोरक्षक". अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "VHP की पीएम को चेतावनी, गोरक्षक पर दिया बयान 2019 में पड़ेगा भारी". https://hindi.oneindia.com. 8 अग॰ 2016. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद);|website=
में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ "पीएम मोदी बोले-मारना है तो मुझे गोली मार दो दलितों पर हमले बंद करो". Amar Ujala. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "पीएम मोदी की नसीहत को नहीं माने गौरक्षक, आंध्र प्रदेश में दलितों को फिर बेरहमी से पीटा". मूल से 14 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "PM मोदी की नहीं सुनते गोरक्षक! दलितों पर हिंसा जारी". The Quint Hindi. मूल से 6 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "गोरक्षक समूह हमारे लोग नहीं हैं, गाय को बचाने के नाम पर हिंसा का समर्थन नहीं : नितिन गडकरी". मूल से 25 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "कानून से ऊपर नहीं हैं गोरक्षक: रामदास अठावले". Navbharat Times. 23 मई 2017. मूल से 15 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.
- ↑ "गायों के प्रति संवेदनशील हैं, तो उनकी सेवा करेंः नीतीश". Navbharat Times. 5 जून 2017. मूल से 15 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2019.