गोलोदनाया स्तेपी (अंग्रेज़ी: Golodnaya Steppe, रूसी: Голодная степь), जिसे उज़बेक भाषा में मिर्ज़ाचोल (Mirzachol) या मिर्ज़ाचोल सहरा कहते हैं, उज़बेकिस्तान में सिर दरिया के बाहिने किनारे पर लगा हुआ १०,००० वर्ग किमी का एक लोयस मैदान है। यह एक शुष्क स्तेपी क्षेत्र है जो १९वीं सदी तक रेगिस्तानी इलाक़ा हुआ करता था लेकिन १९५० और १९६० के दशकों में सोवियत संघ की सरकार द्वारा नहर सिंचाई विकसित करने से उज़बेकिस्तान में कपास और अन्न का एक मुख्य स्रोत बन चुका है। सिरदरिया प्रान्त के गुलिस्तोन और यांगियेर शहर गोलोदनाया स्तेपी के मुख्य आबादी के केंद्र हैं।

गोलोदनाया स्तेपी पर एक ख़ानाबदोश किरगिज़ परिवार
गोलोदनाया स्तेपी में रोमानोव्सकी नहर का स्रोत बाँध (१९१३ की तस्वीर)

नाम का अर्थ संपादित करें

'गोलोदनाया स्तेपी' शब्द का रूसी भाषा में मतलब 'भूखी स्तेपी' है। यह नाम इसलिए रखा गया क्योंकि यह पूरा इलाक़ा शुष्क और सूखे से प्रभावित रहता था। इसका दूसरा नाम 'मिर्ज़ाचोल' उज़बेक भाषा के दो शब्दों से बना है - 'मिर्ज़ा' (किनारा) और 'चोल' (रेगिस्तान) - और इसका अर्थ 'रेगिस्तान का किनारा' है।[1] ध्यान दें कि भारतीय उपमहाद्वीप में भी पाकिस्तानी पंजाब प्रांत में 'चोलिस्तान' नाम का रेगिस्तान है जो थार मरुस्थल का हिस्सा है।[2]

भूगोल संपादित करें

गोलोदनाया स्तेपी उत्तर में ताजिकिस्तान की सरहद पर स्थित ऐतिहासिक फ़रग़ना वादी के मुख से लेकर पूर्व में सिरदरिया प्रान्त तक और पश्चिम में जिज़ाख़ प्रान्त के उत्तरी भाग तक विस्तृत है। दक्षिण में तियान शान पर्वतों की तुर्किस्तान शृंखला इसकी सीमा है। भौगोलिक नज़रिए से यह किज़िल कुम रेगिस्तान का एक दक्षिण-पूर्वी फैलाव माना जाता है। जुलाई में यहाँ का औसत तापमान २८ सेंटीग्रेड और जनवरी में −२ सेंटीग्रेड होता है।[3]

यह क्षेत्र एक विशाल मैदानी इलाक़ा है और इसके समीप से सिर दरिया गुज़रता है इसलिए रूसी साम्राज्य के ज़माने से ही १८७० के बाद यहाँ सिंचाई पर ज़ोर दिया गया। आशा थी कि अगर यह इलाक़ा उपजाऊ बन जाए तो बहुत आर्थिक लाभ होगा। यहाँ की ज़मीन नमकीन थी, जिसमें फ़सल उगाना बहुत मुश्किल होता है। इस वजह से इसे उपजाऊ बनाने में और भी पानी लगता है क्योंकि पहले मिटटी में से नमक धुलकर बहाने की ज़रुरत होती है। इस क्षेत्र से तीन मुख्य नहरे निकालने के बाद यहाँ की लगभग ५,००,००० हेक्टर धरती पर कृषि होती है।[4][5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Placenames of the World: Origins and Meanings of the Names for 6,600 Countries, Cities, Territories, Natural Features, and Historic Sites Archived 2013-06-12 at the वेबैक मशीन, Adrian Room, McFarland, 2006, ISBN 978-0-7864-2248-7, ... late 19th century as the village of Golodnaya Step', Russian for 'hungry steppe' ... In 1922 it was renamed Mirzachul, from Uzbek mirza, "edge," and chul, "desert," "waterless steppe," with reference to the same region. In 1961, it was raised to town status and given its present name, meaning (by contrast) "place of roses" ...
  2. Rare Indus seal discovered in Cholistan Archived 2012-06-01 at the वेबैक मशीन, February 2012, ... The word Cholistan is derived from the Turkish word Chol, which means Desert. Cholistan thus means Land of the Desert ...
  3. Big Soviet Encyclopedia Archived 2012-02-08 at the वेबैक मशीन, on-line edition, in Russian.
  4. Central Asia, 130 Years of Russian Dominance: A Historical Overview Archived 2016-06-24 at the वेबैक मशीन, Edward Allworth, Duke University Press, 1994, ISBN 978-0-8223-1521-6, ... large scale attempts to irrigate the Mirzachol Sahra, which had also been the aim of the czarist authorities between 1870 and 1917 ... By 1939 the irrigated area had expanded to 238,000 acres (95,000 hectares) ... Romanovskii Canal ... Kirov Canal ... much of the soil in the Mirzachol Sahra is of a salt-marsh type, and considerable leaching with water is necessary before it can be cultivated ...
  5. Agriculture of Uzbekistan 2006, statistical yearbook, Goskomstat Uzbekistana, Tashkent, 2007.