गोविन्दस्वामी (गणितज्ञ)
गोविन्दस्वामी ( 800 ई – 860 ई) भारत के गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री (ज्योतिषी) थे। उन्होने भास्कर प्रथम के ग्रन्थ महाभास्करीय पर एक भाष्य की रचना की (लगभग ८३० ई)। इस भाष्य में स्थानीय मान के प्रयोग के लिये कई उदाहरण दिये हैं और ज्या सारणी (साइन टेबल) के निर्माण की विधि दी हुई है।
उनकी एक कृति 'गोविन्दकृति' थी जो 'आर्यभटीय' के क्रम में रचित गणितीय ग्रन्थ था। किन्तु अब यह अप्राप्य है। शंकरनारायण (८६९ ई) , उदयदिवाकर (१०७३ ई) तथा नीलकण्ठ सोमयाजि ने गोविन्दस्वामी को अनेक बार उद्धृत किया है।
कृतियाँ
संपादित करें- महाभास्करीयम् - परमेश्वरन ने इसकी सिद्धान्तदीपिका नाम से टीका लिखी है।
- मुहुर्तरत्नम् - परमेश्वरन ने इसकी मुहुर्तरत्नव्याख्या नाम से टीका लिखी है।
जिसे आज द्वितीय कोटि (सेकेण्ड आर्डर) का 'न्यूटन-गाउस अन्तर्वेशन सूत्र' (Newton-Gauss interpolation formula) कहते हैं वह मूलतः गोविन्दस्वामिन का ही दिया हुआ है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Fractional Parts of Aryabhata's Sines and Certain Rules Found in Govindasvami's Bhasya on the MAHABHASKARIYA
- A Chronology of Interpolation
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