गोहर महल, भोपाल
भोपाल स्थित झील के किनारे बना यह महल शौकत महल के पीछे स्थित है। इस महल को 1820 ई. में कुदसिया बेगम ने बनवाया था। कला का यह अनूठा उदाहरण हिन्दु और मुगल वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना है।
https://bharatsamvaad.com/culture-and-history/gohar-mahal-bhoapl-raja-bhoj/
यहाॅ दीवान-ए- आम और दीवान-ए-खास स्थित है ।
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |
गौहर महल मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के बड़े तालाब के किनारे वी.आई.पी. रोड पर शौक़त महल के पास बड़ी झील के किनारे स्थित है।
- यह वास्तुकला का ख़ूबसूरत नमूना कुदसिया बेगम के काल का है।
- इस तिमंजिले भवन का निर्माण भोपाल राज्य की तत्कालीन शासिका नवाब कुदसिया बेगम (सन् 1819-37) ने गौहर महल को 1820 ई. में कराया था।
- गौहर महल 4.65 एकड़ क्षेत्र में फैला है।
- कुदसिया बेगम का नाम गौहर भी था इसलिए इस महल को गौहर महल के नाम से जाना जाता है।
- यह महल भोपाल रियासत का पहला महल है।
- इस महल की ख़ासियत यह है कि इसकी सजावट भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला को मिलाकर की गई है।
- यह महल हिन्दु और मुग़ल कला का अद्भुत संगम है।
- इस महल में दीवान-ए आम और दीवान-ए-ख़ास हैं।
- गौहर महल के आंतरिक भाग में नयनाभिराम फ़व्वारे थे जो कालान्तर में नष्ट हो गये हैं। फ़व्वारों की हौज़ अब भी विद्यमान है।
- महल के ऊपर के हिस्से में एक ऐसा कमरा है जिससे पूरे शहर का नज़ारा दिखता है और इसके दरवाज़ों पर कांच से नक़्क़ाशी की गई है।
- गौहर महल की दीवारों पर लकड़ी के नक़्क़ाशीदार स्तंभ, वितान और मेहराबें हैं। स्तंभों पर आकृतियां और फूल-पत्तियों का अंकन है।
- आंतरिक हिस्से में बेगम का निवास था जिसकी खिड़कियों से बड़े तालाब का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
- भवन की दूसरी मंज़िल पर एक प्रसूतिगृह था, जिसकी दीवारों पर रंगीन चित्र बने थे।