ग्रांडी श्रेणी का संकलन

सामान्य महत्त्व संपादित करें

स्थायित्व और रैखिकता संपादित करें

सामान्य संकलन विधि से 1 − 1 + 1 − 1 + · · · का मान 12 प्राप्त होता है जिसमें निम्न विधियाँ शामिल हैं:

  • दो श्रेणियों का पदशः योग अथवा घटाने पर,
  • पदशः किसी अदिश से गुणा करते हुये,
  • योग में परिवर्तन किये बिना "स्थानान्तरण" और
  • श्रेणी में नये पद को जोड़कर योग में वृद्धि करना।

ये सभी अभिसारी श्रेणियों के संकलन के लिए वैध विधियाँ हैं लेकिन 1 − 1 + 1 − 1 + · · · अभिसारी श्रेणी नहीं है।

बहरहाल, विभिन्न संकलन विधियाँ इनके समान ही ग्रांडी श्रेणी को एक मान निर्दिष्ट करती हैं। इनमें से दो सरलतम विधियाँ सिसैरा-संकलन और एबल संकलन प्रमुख हैं।[1]

सिसैरा संकलन संपादित करें

अपसारी श्रेणियों का संकलन प्राप्त करने की प्रथम विधि १८९० में अर्नेस्टो सिसैरा ने दी थी। इसका मूल विचार लेबनिज़ प्रसम्भाव्य निकटता के समरूप ही है जिसके अनुसार सिसैरा संकलन श्रेणी के सभी आंशिक संकलनों के माध्य के बराबर होता है। पहले प्रथम n आंशिक संकलनों का प्रत्येक n के लिए औसत मान σn है और इसके बाद इसपर इसका n के अनन्त की ओर अग्रसर होने पर सीमान्त मान प्राप्त किया जाता है।

ग्रांडी श्रेणी के लिए, समानान्तर माध्य का अनुक्रम निम्नलिखित है

1, 12, 23, 24, 35, 36, 47, 48, …

अथवा, अधिक सांकेतिक रूप में

(12+12), 12, (12+16), 12, (12+110), 12, (12+114), 12, …

जहाँ

सम n के लिए   और विषम n के लिए   है।

समानान्तर माध्य का अनुक्रम 12 पर अभिसरित होता है अतः Σak का सिसैरा संकलन 12 है। इसी तरह अनुक्रम 1, -1, 1, -1, … का सिसैरा सीमान्त मान 12 प्राप्त होता है।[2]

श्रेणी 1 + 0 − 1 + 1 + 0 − 1 + · · · का सिसैरा संकलन 23 है। अतः श्रेणी का सिसैरा संकलन अनन्त संख्या में शून्य जोड़ते हुये अनन्त संख्या में विभिन्न कोष्टक जोड़े जा सकते हैं।[3]

श्रेणी का संकलन और अधिक व्यापक भिन्न (C, a) विधि से भी किया जा सकता है।[4]

एबल संकलन संपादित करें

एबल संकलन अपसारी श्रेणी की आयलर की परिभाषा के समरूप है लेकिन यह फलन का ठीक तरह से निर्मित करके कैलेट और एन॰ बर्नोली के आपत्तियों को वर्जित करती है। वास्तव में, आयलर द्वारा घात श्रेणी की सीमा सम्बंधि अपनी परिभाषा में वही विधि दी है जो वर्तमान में एबल विधि के रूप में जानी जाती है।[5][6]

दी गयी श्रेणी a0 + a1 + a2 + · · ·, को नई श्रेणी a0 + a1x + a2x2 + · · · के रूप में रूपांतरित किया जा सकता है। यदि बाद वाली श्रेणी 0 < x < 1 के लिए किसी फलन पर, x, 1 पर अग्रसर है, अभिसारी है तो इसे मूल श्रेणी का एबेल संकलन कहा जाता है। इसके बाद एबल प्रमेय के अनुसार यह प्रक्रिया साधारण योग के तर्कसंगत है। ग्रांडी श्रेणी के लिए निम्न प्रकार लिखा जा सकता है

  [7]

सम्बंधित श्रेणी संपादित करें

श्रेणी 1 + 0 − 1 + 1 + 0 − 1 + · · · के संगत एबल योग 23 है जो फलन (1 + x)/(1 + x + x2) से प्राप्त होता है।

जब भी कोई श्रेणी सिसैरा संकलनीय होती है तब वह एबल संकलनीय भी होती है और उसका योग समान प्राप्त होता है। अन्य रूप में ग्रांडी श्रेणी का कौशी गुणनफल अपने आप में एक श्रेणी निर्मित करता है लेकिन सिसैरा संकलनीय नहीं है:

1 − 2 + 3 − 4 + · · ·

का एबल संकलन 14 प्राप्त होता है।[8]

टिप्पणी संपादित करें

  1. Davis पृष्ठ152, 153, 157
  2. Davis पृ॰153, 163
  3. Davis पृ॰162-163, ex.1-5
  4. Smail पृ॰131
  5. Kline 1983 पृ॰313
  6. Bromwich पृ॰322
  7. Davis पृ॰159
  8. Davis पृ॰165

सन्दर्भ संपादित करें

  • ब्रोमविक, टी॰जे॰ (1926) [1908]. An Introduction to the Theory of Infinite Series [अनन्त श्रेणियों के सिद्धान्त का परिचय] (अंग्रेज़ी में) (दूसरा संस्करण).
  • डेविस, हैरी एफ॰ (मई 1989). Fourier Series and Orthogonal Functions [फूरिये श्रेणी और लाम्बिक फलन] (अंग्रेज़ी में). डोवर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-486-65973-9.
  • हार्डी, जी॰एच॰ (1949). Divergent Series [अपसारी श्रेणी] (अंग्रेज़ी में). क्लेरेंडॉन प्रेस. LCCN 9175377 |lccn= के मान की जाँच करें (मदद).
  • क्लाइन, मॉरिस (नवम्बर 1983). "Euler and Infinite Series" [आयलर और अनन्त श्रेणी]. मैथेमेटिक्स मैगज़ीन (अंग्रेज़ी में). 56 (5): 307–314. JSTOR 2690371. डीओआइ:10.2307/2690371.
  • सैकेव, ए॰आई॰ और ड्ब्ल्यू॰ए॰ वोयच्यासकी (1996). Distributions in the physical and engineering sciences, Volume 1 [भौतिक और अभियांत्रिकी विज्ञान में वितरण, भाग १] (अंग्रेज़ी में). बिरखौसर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-8176-3924-1. साँचा:LCC.
  • स्मैल, लॉयड (1925). History and Synopsis of the Theory of Summable Infinite Processes [संकलनीयता सिद्धान्त का इतिहास और सारांश] (अंग्रेज़ी में). ओरेगन विश्वविद्यालय प्रेस. साँचा:LCC.
  • वाइडलिच, जॉन ई॰ (जून 1950). Summability methods for divergent series [अपसारी श्रेणियों के लिए संकलियनता विधियाँ] (अंग्रेज़ी में). स्टैनफोर्ड एम॰एस॰ थिसिस.