घर (1978 फ़िल्म)
घर 1978 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन मानिक चटर्जी ने किया और इसमें विनोद मेहरा और रेखा मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म एक युवा विवाहित जोड़े के बलात्कार के बाद के समय का मुकाबला दर्शाती है।
घर | |
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घर का पोस्टर | |
निर्देशक | मानिक चटर्जी |
लेखक | दिनेश ठाकुर |
निर्माता | एन॰ एन॰ सिप्पी |
अभिनेता |
विनोद मेहरा, रेखा |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
9 फरवरी, 1978 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंविकास चन्द्रा (विनोद मेहरा) और आरती (रेखा) ने हाल ही में शादी की है, और वे अपने नए घर में चले जाते हैं। एक दिन वे एक स्थानीय सिनेमा में देर रात को फिल्म देखने के लिए निकल पड़ते हैं। आधी रात के बाद फिल्म समाप्त हो जाती है, और इस समय कोई टैक्सी नहीं मिलने के कारण, वे पैदल घर जाने का फैसला करते हैं। रास्ते में वे अचानक चार आदमियों से भिड़ जाते हैं, जो विकास के साथ मारपीट करते हैं, जिससे वह बेहोश हो जाता है और वो जबरन आरती को अपने साथ ले जाते हैं।
जब विकास को होश आता है तो वह खुद को सिर के घाव के साथ अस्पताल में पाता है। उसे सूचित किया जाता है कि सामूहिक बलात्कार और मारपीट के बाद आरती उसी अस्पताल में है। यह घटना मीडिया में सुर्खियाँ बन जाती है, और अपने चुनाव अभियान के दौरान नेताओं द्वारा चर्चा का विषय भी है। इस घटना से विकास खुद को हतप्रभ महसूस करता है, और आगे क्या करना है, यह नहीं जानता। दूसरी ओर, आरती को गहरा आघात पहुँचा है, और अब वह किसी भी पुरुष पर भरोसा करने में असमर्थ है। अब यह दंपति एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है जिससे प्रेमपूर्ण संबंध नहीं बनते हैं, और केवल एक चमत्कार ही उनके विवाहित जीवन में पुरानी चमक वापस ला सकता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- विनोद मेहरा — विकास चन्द्रा
- रेखा — आरती चन्द्रा
- प्रेमा नारायण — सीमा, आरती की दोस्त
- असित सेन — चटर्जी
- असरानी — पुलिस इंस्पेक्टर
- दिनेश ठाकुर — डॉक्टर
- सी एस दुबे — बनवारी लालबहादुर
- विजू खोटे — हवलदार बच्चन सिंह
- अलंकार जोशी — रघु
- मदन पुरी — विकास के पिता
संगीत
संपादित करेंसभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "बोतल से एक बात चली है" | आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी | 3:29 |
2. | "तेरे बिना जिया जाये ना" | लता मंगेशकर | 5:46 |
3. | "आजकल पाँव जमीन पर" | लता मंगेशकर | 5:29 |
4. | "आप की आँखों में कुछ" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:09 |
5. | "फिर वही रात है ख्वाब की" | किशोर कुमार | 4:28 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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दिनेश ठाकुर | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | जीत |
रेखा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |