भारतीय चन्द्रयान अभियान
भारतीय चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम जिसे चंद्रयान कार्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है। चंद्रयान कार्यक्रम, (इसरो) द्वारा बाह्य अंतरिक्ष मिशन की एक श्रृंखला है। इस कार्यक्रम में चंद्रमा के लिये कक्षीयान और भविष्य चंद्र लैंडर और रोवर क को शामिल किया गया।[3]
Country | India |
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Organization | भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) |
Purpose | चन्द्रमा का अन्वेषण |
Status | सक्रिय |
Program history | |
Cost | ₹1,364 करोड़ (US$199.14 मिलियन)[1][2] |
Duration | 2008–present |
Maiden flight | चन्द्रयान-1, 22 October 2008 |
Last flight | चंद्रयान-2, 22 July 2019 |
Failures | Chandrayaan 2 lander vikram |
Launch site(s) | |
Vehicle information | |
Vehicle type | lunar orbiters, landers and rovers |
Launch vehicle(s) |
कार्यक्रम संरचना
संपादित करेंचंद्रयान (भारतीय चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम) कार्यक्रम एक बहु मिशन कार्यक्रम है। तथा अब तक केवल एक ही कक्षीयान इसरो के पीएसएलवी रॉकेट का उपयोग चंद्रमा के लिए भेजा गया। तथा दूसरा अंतरिक्ष यान चंद्रयान-२ को जुलाई 2019 में भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 रॉकेट का उपयोग प्रक्षेपण के लिए तैयार किया जा रहा है।[3]
पृष्ठभूमि
संपादित करेंभारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरुआती दिनों में मानव अंतरिक्ष उड़ान और अलौकिक मिशन जैसी परिष्कृत पहल करने के इरादे से शुरू नहीं हुआ था। यह इसरो के बाद ही था पीएसएलवी जैसे उपग्रह और कक्षीय प्रक्षेपण यान बनाने की क्षमता विकसित की गई, जिससे चंद्रमा पर भारत के पहले अलौकिक अन्वेषण मिशन की संभावनाएं तलाशी जा रही थीं। 2000 के दशक की शुरुआत में। चंद्र वैज्ञानिक मिशन का विचार पहली बार 1999 में भारतीय विज्ञान अकादमी (आईएएस) की एक बैठक के दौरान उठाया गया था। [4] रोबोटिक अन्वेषण कार्यक्रम का उद्देश्य एक अग्रदूत के रूप में है जब तक कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री रोबोट के साथ आगे की खोज को आगे बढ़ाने के लिए चंद्रमा पर नहीं उतरते। कार्यक्रम को क्रू लैंडिंग से आगे भी जारी रखने की योजना बनाई गई है। [5]
चरण 1: कक्षीय मिशन
संपादित करेंपहले चरण में प्रथम चांद्र कक्षीयान का शुभारम्भ शामिल किया गया।[3]
- चंद्रयान-1,22 अक्टूबर 2008 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान रॉकेट पर सवार होकर प्रमोचित किया गया। चंद्रयान -1 अंतरिक्ष यान में मून इम्पैक्ट प्रोब पेलोड ने चंद्रमा पर पानी की खोज की। जो इसरो के लिए एक बड़ी सफलता थी। इसके अलावा चंद्रयान -1 मिशन ने कई तरह के मानचित्रण और चंद्रमा की वायुमंडलीय की रूपरेखा के रूप में कई अन्य कार्यों प्रदर्शन किया।[3]
चरण 2: लैंडर/रोवर
संपादित करेंदूसरे चरण की तैयारी की जा रही है। जिसमे चंद्रमा पर लैंडिंग करने में सक्षम अंतरिक्ष यान को शामिल किया जायेगा। तथा चंद्रमा की सतह पर रोबोट रोवर तैनात किये जाएंगे।[3]
- चंद्रयान-२,को जुलाई 2019 में भारतीय रॉकेट भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 से प्रक्षेपण किया जायेगा।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करें- चंद्रयान-1
- चंद्रयान-२
- चंद्रयान-3
- चंद्रमा के मिशन की सूची
- भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान
- भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान एम.के. 3
- गगनयान
- पीएसएलवी
May aap ka sada abhari rhuga ki aap mere desh ke liye bahut kuchh soch rhehay may duniya kuye bhi kahuga ki hamara isro i love india
- ↑ "Chandrayaan-2 mission cheaper than Hollywood film Interstellar - Times of India". The Times of India. मूल से 26 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-08-27.
- ↑ "Question No. 2222: Status of Chandrayaan Programme" (PDF). मूल (PDF) से 3 अगस्त 2017 को पुरालेखित.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ "Chandrayaan programme". मूल से 11 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2016.
- ↑ "Wayback Machine" (PDF). web.archive.org. मूल (PDF) से 2 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2024-06-10.
- ↑ "ISRO to continue lunar mission until an Indian lands on Moon: S Somanath". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 2024-04-17. अभिगमन तिथि 2024-06-10.