चंद्रहास हिंदू पौराणिक कथाओं में कुंतल देश का एक राजा है।[1][2]

चन्द्रहास
कुंतल के राजा

सोते हुए चंद्रहास
प्रतीक शालीग्राम
जीवनसाथी विषया और चंपकमलिनी
संतान पद्माक्ष और मकराक्ष
शास्त्र महाभारत
क्षेत्र कर्नाटक

चंद्रहास की कहानी महाकाव्य महाभारत के अश्वमेधिका पर्व में वर्णित है। चंद्रहास ने अर्जुन से मित्रता की, जो कृष्ण के साथ युधिष्ठिर के अश्वमेध समारोह की रक्षा कर रहा था। चंद्रहास ने अपने पुत्र मकराक्ष का राजा के रूप में अभिषेक किया और अश्वमेध की सहायता के लिए अर्जुन की सेना के साथ गए।[3]

चंद्रहास की कहानी कवि लक्ष्मीशा के कन्नड़ महाकाव्य जैमिनी भारत में भी चित्रित की गई है। राजकुमार चंद्रहास की लोकप्रिय कहानी लोकप्रिय फिल्मों और यक्षगान थिएटर में भी दिखाई जाती है।[4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Bhalla, Deepti Omchery (1990). Studies in Indian Music and Allied Arts (अंग्रेज़ी में). Sundeep Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-85067-58-2.
  2. Indian Antiquary (अंग्रेज़ी में). Swati Publications. 1985.
  3. Mysore.), John Garrett (director of public instruction in (1871). A classical dictionary of India illustrative of the mythology, philosophy, literature [&c.] of the Hindus. [With] (अंग्रेज़ी में). पपृ॰ 128–129.
  4. Murty, Sudha (2016-10-26). The Serpent's Revenge: Unusual Tales from the Mahabharata (अंग्रेज़ी में). Penguin UK. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-85990-17-5.